जयपुर. समाज के विरोध के बीच केंद्र की मोदी सरकार पशुधन उत्पाद एवं पशुधन परिवहन बिल 2023 को वापस लेने पर विचार कर रही है. केंद्रीय मंत्री संजीव बालियान ने सरकार की मंशा पशुपालकों की इकोनॉमी को अधिक से अधिक बढ़ाने की है. इसलिए सरकार लाइवस्टॉक बिल में बदलाव करने के लिए ड्राफ्ट को पब्लिक डोमेन में रखा था, लेकिन कुछ सोशल मीडिया की भ्रामक प्रचार से आम जनता में गलत मैसेज चला गया. जन भावना को देखते हुए मंत्रालय इस ड्राफ्ट को वापस लेने पर विचार कर रहा है.
अंग्रेजों के जमाने के कानून : केन्द्रीय मंत्री संजीव बालियान ने कहा कि आजादी के इतने साल बाद भी कुछ अंग्रेजों के बनाये हुए कानून चल रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंशा थी कि अंग्रेजो के जमाने से चले आरहे कुछ कानून में समय की जरूरत के हिसाब से बदलाव की जरूरत है, उसमें बदलाव किया जाए. उसी दिशा में पशुधन उत्पाद एवं पशुधन परिवहन बिल में बदलाव की आवश्यकता महसूस की जा रही थी क्योंकि ये कानून 1898 से चले आरहे थे, जरूरत के हिसाब से एक लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एक्ट, 1898 में बदलाव करते हुए लाइवस्टॉक प्रोडक्ट एण्ड लाइवस्टॉक इम्पोर्टेशन एण्ड एक्सपेटेशन बिल, 2023 का ड्राफ्ट पब्लिक डोमेन डाला गया. लेकिन इस नए बिल को लेकर सोशल मीडिया पर कुछ भ्रामक प्रचार किया गया, जिससे समाज में गलत मैसेज चला गया.
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बिल वापस लेने पर होगा विचार : संजीव बालियान ने कहा कि पशुपालन क्षेत्र में सर्वांगीण विकास और पशुधन से उत्पादित होने वाले उत्पादों की गुणवत्ता को बढाने के लिए इस कानून में बदलाव किया जा रहा था. आज जब हम आजादी का 75वां अमृत महोत्सव मना रहे हैं, ऐसे में यह बहुत आवश्यक है कि आजादी से पूर्व के समय से चले आ रहे कानूनों बदलकर वर्तमान परिस्थिति के अनुसार करना चाहिए. भारत सरकार इसके लिए निरंतर प्रयासरत है. इस नए कानून को बदलने से जैन समाज, पशु प्रेमी, पशु संरक्षण एवं सुरक्षा के क्षेत्र में काम करने वाली सामाजिक संस्थाओं और पशुपालकों को बिल के संबंध में आशंका थी. इस विषय को लेकर एक प्रतिनिधि मंडल पद्म भूषण डॉ. डीआर मेहता, सुनील कोठारी, विमल सुराणा के नेतृत्व में ज्ञापन सौंपा गया. बालियान ने कहा कि जिस तरह से गलतफहमी की वजह से इस बिल का विरोध हो रहा है, उसी जन मानस को देखते हुए मंत्रालय इस बिल को वापस लेने पर विचार कर रहा.
क्या है लाइवस्टॉक बिल 2023 : बता दें कि पशुधन विधेयक ड्राफ्ट को पशुपालन और डेयरी मंत्रालय की ऑफिशियल वेबसाइट पर 7 जून को अपलोड किया था. धीरे-धीरे जैसे इसकी जानकारी पशु प्रेमियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं तक पहुंची है, इसका विरोध शुरू हो गया. विधेयक ड्राफ्ट के अनुसार, नए प्रस्तावित कानून का उद्देश्य 'पशुधन और पशुधन उत्पादों के आयात के नियमन के साथ-साथ पशुधन और पशुधन उत्पादों के निर्यात के प्रचार और विकास के लिए उपाय' तैयार करना है. हालांकि, ड्रॉफ्ट के पब्लिक डोमेन में आने के साथ पशुओं के लिए काम करने वाली संस्था के साथ जैन समाज सहित कई धर्म के लोगों ने इस बिल का विरोध किया. इनका कहना था कि प्रस्तावित पशुधन और पशुधन उत्पाद (आयात और निर्यात) विधेयक, से भारत में जिंदा पशुओं के निर्यात की परमिशन दी जा रही है, जिसके परिणाम बेजुबान जानवरों के साथ ही इंसानों के लिए भी घातक हो सकती है.