जयपुर. सर्दियों का मौसम शुरू होते ही वायरल फीवर के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. इन दिनों मरीजों में जो वायरल फीवर देखने को मिल रहा है, उसका पैटर्न बदल चुका है. चिकित्सकों का कहना है कि आमतौर पर वायरल फीवर जिसमें सर्दी, खांसी, जुकाम भी शामिल है, 3 से 4 दिन के अंदर ठीक हो जाता है. लेकिन मरीजों में फिलहाल यह फीवर 8 से 10 दिन तक देखा जा रहा है. खास बात यह है कि इनमें से कुछ मरीजों में ब्रेकबोन फीवर के मामले भी देखने को मिल रहे हैं.
सवाई मानसिंह अस्पताल में इन दिनों 8 से 9 हजार मरीजों की ओपीडी देखने को मिल रही है. जिनमें सबसे अधिक वायरल फीवर के मामले सामने आ रहे हैं. इनमें से अधिकतर मरीजों में बुखार लंबे समय से बना हुआ है. जिसका प्रमुख कारण है बैक्टीरियल इनफेक्शन. चिकित्सकों का मानना है कि आमतौर पर इससे पहले बैक्टीरियल इनफेक्शन काफी कम देखने को मिलता था. मौसम बदलने के साथ ही सर्दी, जुकाम व बुखार की चपेट में आने वाले मरीज 2 से 3 दिन में ठीक हो जाते थे. लेकिन अब बुखार का पैटर्न बदला है.
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बैक्टीरियल इंफेक्शन के साथ होने वाला यह बुखार 8 से 10 दिन तक मरीज को जकड़े रहता है. खास बात यह है कि यदि मरीज ठीक भी हो रहा है, तो तकरीबन 1 महीने तक मरीज खांसी से परेशान हो रहा है. सवाई मानसिंह अस्पताल के मेडिसिन विभाग के चिकित्सक डॉ मनोज शर्मा का कहना है कि इन दिनों मरीजों में सामान्य खांसी, जुकाम और बुखार के मामले देखने को मिल रहे हैं. लेकिन यह बुखार लंबे समय तक मरीज में बना हुआ है. यहां तक कि सर्दी, खांसी, जुखाम और बुखार 15 दिन तक मरीजों में देखने को मिल रहा है. इसके अलावा सूखी खांसी 1 महीने तक मरीजों को परेशान कर रही है.
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ब्रेकबोन फीवर के भी मामले: इसके साथ ही मरीजों में ब्रेकबोन फीवर के मामलों में भी बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. ब्रेकबोन फीवर में मरीजों में तेज बुखार के साथ हड्डियों में दर्द देखने को मिल रहा है. चिकित्सकों का कहना है कि इस तरह के बुखार में मरीज का चलना-फिरना भी काफी मुश्किल हो जाता है. इस तरह के मरीजों में बैक पेन की शिकायत सबसे अधिक है. चिकित्सकों का कहना है कि यदि सही समय पर इलाज लिया जाए, तो जल्द से जल्द मरीज ठीक हो सकता है और कई बार इलाज में देरी के कारण हालत गंभीर हो जाती है.