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बीजेपी ने माउंट आबू में इस्तेमाल किया हाइब्रिड फार्मूला, गैर पार्षद को बनाया सभापति का उम्मीदवार - BJP made non councilor candidate for president

हाइब्रिड फार्मूले को लेकर राजस्थान कांग्रेस ने तो जो वादा किया था वह निभाते हुए 49 में से एक भी गैर पार्षद को सभापति, चेयरमैन या महापौर का उम्मीदवार नहीं बनाया है. लेकिन निकाय चुनाव के पहले हाइब्रिड फार्मूले का विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने खुद हाइब्रिड फार्मूले का इस्तेमाल करते हुए माउंट आबू से गैर पार्षद को सभापति का उम्मीदवार बनाया है.

गैर पार्षद को बनाया सभापति का उम्मीदवार, Non-councilor was made the candidate of the chairman
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Published : Nov 22, 2019, 8:03 PM IST

जयपुर. निकाय चुनाव के पहले हाइब्रिड फार्मूले को लेकर हुए विरोध के बाद खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने यह साफ किया था कि गैर पार्षद को बोर्ड का चेयरमैन बनाने का सवाल ही नहीं उठता है, लेकिन इस हाइब्रिड फार्मूले का सबसे ज्यादा विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने ही खुद हाइब्रिड फार्मूले का इस्तेमाल करते हुए माउंट आबू से गैर पार्षद को सभापति का उम्मीदवार बनाया है.

बीजेपी ने माउंट आबू में इस्तेमाल किया हाइब्रिड फार्मूला, गैर पार्षद को बनाया सभापति का उम्मीदवार

लेकिन ये बात सामने आते ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट और विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसका जमकर विरोध किया था. जहां तक कि इस मामले में राष्ट्रीय नेताओं ने भी इस विरोध का समर्थन किया था. वहीं, विरोध के बाद स्थानीय निकाय विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी हुआ जिसमें यह साफ किया गया कि केवल विशेष परिस्थिति में ही ऐसा होगा और कांग्रेस की ओर से खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह साफ किया कि गैर पार्षद को बोर्ड का चेयरमैन बनाने का सवाल ही नहीं उठता है. जिसके बाद यह विवाद समाप्त हो गया. जिसके बाद अब 49 निकाय निगम और पालिका के चुनाव हो चुके हैं और 26 अगस्त को बोर्ड भी बन जाएंगे.

पढ़ें- पाली में चेयरमैन उम्मीदवारों के नामांकन के बाद कांग्रेस-भाजपा में भीतरघात का खतरा बढ़ा

बता दें कि राजस्थान कांग्रेस ने तो जो वादा किया था वह निभाते हुए 49 में से एक भी गैर पार्षद को सभापति, चेयरमैन या महापौर का उम्मीदवार नहीं बनाया है. कांग्रेस ने 46 जगह अपने खुद के जीते हुए पार्षदों को उम्मीदवार बनाया है और ब्यावर, नसीराबाद और पुष्कर में कांग्रेस ने निर्दलीय पार्षदों को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में जो वादा कांग्रेस ने किया था वह पूरा किया.

लेकिन इस बात का सबसे ज्यादा विरोध करने वाली भाजपा ने ही खुद हाइब्रिड उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. भाजपा ने माउंट आबू से गैर पार्षद को सभापति का उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में साफ है कि जिस हाइब्रिड सिस्टम का विरोध भाजपा ने सबसे ज्यादा किया उसी हाइब्रिड सिस्टम का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.

यह है कांग्रेस के 49 उम्मीदवार

झुंझुनू से नगमा बानो, पिलानी से हीरालाल, बिसाऊ से मुस्ताक खान, बीकानेर से अंजना खत्री, बांसवाड़ा से जैनेंद्र त्रिवेदी, परतापुर गढ़ी से गोविंद, मांगरोल से कौशल, किशोर छाबड़ा से आराधना शर्मा, बाड़मेर से दिलीप माली, बालोतरा से शांति देवी, सांगोद से कविता, कैथून से आईना महक, सिरोही से महेंद्र मेवाड़ा, माउंट आबू से जीतू राणा, शिवगंज से वाचिंग राम घांची, पिंडवाड़ा से अचल सिंह वालिया, निंबाहेड़ा से सुभाष शारदा, चित्तौड़गढ़ से संदीप शर्मा, रावतभाटा से दीपिका, हनुमानगढ़ से गणेश राज, भरतपुर से अभिजीत जाटव

पढ़ें: भाजपा नेता का Etv Bharat पर बयान- अजमेर में तीनों जगह बनेगा बीजेपी का बोर्ड, पार्षदों की हुई है बाड़ाबंदी

वहीं, रूपबास से अर्चना जाटव, पाली से नेतल मेवाड़ा, सुमेरपुर से परविंदर कौर, गंगानगर से करुणा चांडक, सूरतगढ़ से ओमकारा, नाथद्वारा से मनीष राठी, आमेट से कैलाश मेवाड़ा, सीकर से जीवन खान, नीमकाथाना से सरिता दीवान, खाटूश्यामजी से संगीता देवी, उदयपुर से अरुण टांक, कानोड से चंदा ,महुआ से नर्मदा देवी, चूरू से पायल सैनी, राजगढ़ से रजिया बानो, फलोदी से पन्नालाल, जालौर से राजेंद्र सोलंकी, भीनमाल से विमला बोहरा, जैसलमेर से कमलेश कुमार, मकराना से समरीन, डीडवाना से रचना, टोंक से अली मोहम्मद, अलवर से बीना गुप्ता, भिवाड़ी से शीशराम तवर, थानागाजी से चौथमल

इन तीन जगह निर्दलीय पार्षदों को कांग्रेस ने दिया टिकट

ब्यावर से गोविंद पंडित, पुष्कर से रविकांत, नसीराबाद से शारदा यह तीनों ही निर्दलीय पार्षद हैं, जिन्हें कांग्रेस ने समर्थन दिया है.

जयपुर. निकाय चुनाव के पहले हाइब्रिड फार्मूले को लेकर हुए विरोध के बाद खुद मुख्यमंत्री गहलोत ने यह साफ किया था कि गैर पार्षद को बोर्ड का चेयरमैन बनाने का सवाल ही नहीं उठता है, लेकिन इस हाइब्रिड फार्मूले का सबसे ज्यादा विरोध करने वाली भारतीय जनता पार्टी ने ही खुद हाइब्रिड फार्मूले का इस्तेमाल करते हुए माउंट आबू से गैर पार्षद को सभापति का उम्मीदवार बनाया है.

बीजेपी ने माउंट आबू में इस्तेमाल किया हाइब्रिड फार्मूला, गैर पार्षद को बनाया सभापति का उम्मीदवार

लेकिन ये बात सामने आते ही राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष सचिन पायलट और विपक्षी पार्टी भाजपा ने इसका जमकर विरोध किया था. जहां तक कि इस मामले में राष्ट्रीय नेताओं ने भी इस विरोध का समर्थन किया था. वहीं, विरोध के बाद स्थानीय निकाय विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी हुआ जिसमें यह साफ किया गया कि केवल विशेष परिस्थिति में ही ऐसा होगा और कांग्रेस की ओर से खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह साफ किया कि गैर पार्षद को बोर्ड का चेयरमैन बनाने का सवाल ही नहीं उठता है. जिसके बाद यह विवाद समाप्त हो गया. जिसके बाद अब 49 निकाय निगम और पालिका के चुनाव हो चुके हैं और 26 अगस्त को बोर्ड भी बन जाएंगे.

पढ़ें- पाली में चेयरमैन उम्मीदवारों के नामांकन के बाद कांग्रेस-भाजपा में भीतरघात का खतरा बढ़ा

बता दें कि राजस्थान कांग्रेस ने तो जो वादा किया था वह निभाते हुए 49 में से एक भी गैर पार्षद को सभापति, चेयरमैन या महापौर का उम्मीदवार नहीं बनाया है. कांग्रेस ने 46 जगह अपने खुद के जीते हुए पार्षदों को उम्मीदवार बनाया है और ब्यावर, नसीराबाद और पुष्कर में कांग्रेस ने निर्दलीय पार्षदों को उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में जो वादा कांग्रेस ने किया था वह पूरा किया.

लेकिन इस बात का सबसे ज्यादा विरोध करने वाली भाजपा ने ही खुद हाइब्रिड उम्मीदवार मैदान में उतार दिया है. भाजपा ने माउंट आबू से गैर पार्षद को सभापति का उम्मीदवार बनाया है. ऐसे में साफ है कि जिस हाइब्रिड सिस्टम का विरोध भाजपा ने सबसे ज्यादा किया उसी हाइब्रिड सिस्टम का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है.

यह है कांग्रेस के 49 उम्मीदवार

झुंझुनू से नगमा बानो, पिलानी से हीरालाल, बिसाऊ से मुस्ताक खान, बीकानेर से अंजना खत्री, बांसवाड़ा से जैनेंद्र त्रिवेदी, परतापुर गढ़ी से गोविंद, मांगरोल से कौशल, किशोर छाबड़ा से आराधना शर्मा, बाड़मेर से दिलीप माली, बालोतरा से शांति देवी, सांगोद से कविता, कैथून से आईना महक, सिरोही से महेंद्र मेवाड़ा, माउंट आबू से जीतू राणा, शिवगंज से वाचिंग राम घांची, पिंडवाड़ा से अचल सिंह वालिया, निंबाहेड़ा से सुभाष शारदा, चित्तौड़गढ़ से संदीप शर्मा, रावतभाटा से दीपिका, हनुमानगढ़ से गणेश राज, भरतपुर से अभिजीत जाटव

पढ़ें: भाजपा नेता का Etv Bharat पर बयान- अजमेर में तीनों जगह बनेगा बीजेपी का बोर्ड, पार्षदों की हुई है बाड़ाबंदी

वहीं, रूपबास से अर्चना जाटव, पाली से नेतल मेवाड़ा, सुमेरपुर से परविंदर कौर, गंगानगर से करुणा चांडक, सूरतगढ़ से ओमकारा, नाथद्वारा से मनीष राठी, आमेट से कैलाश मेवाड़ा, सीकर से जीवन खान, नीमकाथाना से सरिता दीवान, खाटूश्यामजी से संगीता देवी, उदयपुर से अरुण टांक, कानोड से चंदा ,महुआ से नर्मदा देवी, चूरू से पायल सैनी, राजगढ़ से रजिया बानो, फलोदी से पन्नालाल, जालौर से राजेंद्र सोलंकी, भीनमाल से विमला बोहरा, जैसलमेर से कमलेश कुमार, मकराना से समरीन, डीडवाना से रचना, टोंक से अली मोहम्मद, अलवर से बीना गुप्ता, भिवाड़ी से शीशराम तवर, थानागाजी से चौथमल

इन तीन जगह निर्दलीय पार्षदों को कांग्रेस ने दिया टिकट

ब्यावर से गोविंद पंडित, पुष्कर से रविकांत, नसीराबाद से शारदा यह तीनों ही निर्दलीय पार्षद हैं, जिन्हें कांग्रेस ने समर्थन दिया है.

Intro:कांग्रेस ने कहा था कि हाइब्रिड मॉडल केवल विशेष परिस्थितियों के लिए नहीं बनाएंगे किसी गैर पार्षद को सभापति चेयरमैन महापौर का उम्मीदवार 49 स्थानीय निकाय में कांग्रेस ने 46 खुद के तो तीन निर्दलीय पार्षदों को दिया समर्थन नहीं लिया किसी गैर पार्षद का सहारा लेकिन सबसे ज्यादा विरोध करने वाली भाजपा ने माउंट आबू में उतार दिया हाइब्रिड उम्मीदवार


Body:राजस्थान में निकाय चुनाव से पहले जब यह नियम लागू किया था कि हाइब्रिड फार्मूले के तहत अगर विशेष परिस्थितियां बनती है तो पार्टी गैर पार्षद को भी मेयर सभापति या चेयरमैन का उम्मीदवार बना सकती है इस बात के सामने आते ही खुद कांग्रेस की ओर से राजस्थान के अध्यक्ष सचिन पायलट और विपक्ष की पार्टी भाजपा के अध्यक्ष सतीश पूनिया इसका जमकर विरोध करते दिखाई दिए उनके राष्ट्रीय नेता भी इस विरोध में उनके साथ खड़े थे इसके बाद स्थानीय निकाय विभाग की ओर से एक सर्कुलर जारी हुआ जिसमें साफ किया गया कि केवल विशेष परिस्थिति में ही ऐसा होगा और कांग्रेस की ओर से खुद मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने यह साफ किया कि गैर पार्षद को बोर्ड का चेयरमैन बनाने का सवाल ही नहीं उठता है इसके बाद यह विवाद समाप्त हो गया लेकिन अब 49 निकाय निगम और पालिका के चुनाव हो चुके हैं बोर्ड भी 26 अगस्त को बन जाएंगे लेकिन आपको बता दें कि राजस्थान कांग्रेस ने तो जो वादा किया था वह निभाते हुए 49 में से एक भी गैर पार्षद को सभापति चेयरमैन या महापौर का उम्मीदवार नहीं बनाया है कांग्रेस ने 46 जगह अपने खुद के जीते हुए पार्षदों को उम्मीदवार बनाया है तो वहीं ब्यावर नसीराबाद और पुष्कर में कांग्रेस ने निर्दलीय पार्षदों को उम्मीदवार बनाया है ऐसे में जो वादा कांग्रेस ने किया था वह पूरा किया लेकिन जो इस बात का सबसे ज्यादा विरोध कर रही थी वह थी भाजपा लेकिन भाजपा ने खुद हाइब्रिड उम्मीदवार मैदान में उतार दिया भाजपा ने माउंट आबू से गैर पार्षद को सभापति का उम्मीदवार बनाया है ऐसे में साफ है कि जिस हाइब्रिड सिस्टम का विरोध भाजपा ने सबसे ज्यादा किया उसी हाइब्रिड सिस्टम का फायदा उठाने की कोशिश कर रही है
बाइट महेश शर्मा संगठन महामंत्री राजस्थान कांग्रेस
बाइट सुधांशु त्रिवेदी राष्ट्रीय प्रवक्ता भाजपा यह पुरानी बाइट है जो सुधांशु त्रिवेदी ने चुनाव से पहले कांग्रेस पर हमला करते हुए दी थी
यह है कांग्रेस के 49 उम्मीदवार
झुंझुनू से नगमा बानो पिलानी से हीरालाल बिसाऊ से मुस्ताक खान बीकानेर से अंजना खत्री बांसवाड़ा से जैनेंद्र त्रिवेदी परतापुर गढ़ी से गोविंद मांगरोल से कौशल किशोर छाबड़ा से आराधना शर्मा बाड़मेर से दिलीप माली बालोतरा से शांति देवी सांगोद से कविता कैथून से आईना महक सिरोही से महेंद्र मेवाड़ा माउंट आबू से जीतू राणा शिवगंज से वाचिंग राम घांची पिंडवाड़ा से अचल सिंह वालिया निंबाहेड़ा से सुभाष शारदा चित्तौड़गढ़ से संदीप शर्मा रावतभाटा से दीपिका हनुमानगढ़ से गणेश राज भरतपुर से अभिजीत जाटव रूपबास से अर्चना जाटव पाली से नेतल मेवाड़ा सुमेरपुर से परविंदर कौर गंगानगर से करुणा चांडक सूरतगढ़ से ओमकारा नाथद्वारा से मनीष राठी आमेट से कैलाश मेवाड़ा सीकर से जीवन खान नीमकाथाना से सरिता दीवान खाटूश्यामजी से संगीता देवी उदयपुर से अरुण तक का नोट से चंदा महुआ से नर्मदा देवी चूरू से पायल सैनी राजगढ़ से रजिया बानो फलोदी से पन्नालाल जालौर से राजेंद्र सोलंकी भीनमाल से विमला बोहरा जैसलमेर से कमलेश कुमार मकराना से समरीन डीडवाना से रचना टोंक से अली मोहम्मद अलवर से बीना गुप्ता भिवाड़ी से शीशराम तवर थानागाजी से चौथमल

इसी तरह से इन तीन जगह निर्दलीय पार्षदों को कांग्रेस ने दिया टिकट
ब्यावर से गोविंद पंडित पुष्कर से रविकांत नसीराबाद से शारदा यह तीनों ही निर्दलीय पार्षद हैं जिन्हें कांग्रेस ने समर्थन दिया है इन तीनों जगह भी कांग्रेस ने किसी गैर पार्षद पर दांव नहीं खेला


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