जयपुर. बीजेपी ने अपने 41 प्रत्याशियों की पहली सूची 9 अक्टूबर को जारी कर दी. सूची जारी होने के साथ ही भाजपा में बवाल शुरू हो गया है जो थमने का नाम नहीं ले रहा है. बीजेपी ने पहली सूची में कई पुराने प्रत्याशियों के नाम काटते हुए दूसरे चेहरों को मौका दिया है. स्थानीय स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक विरोध के स्वर बुलंद हो रहे हैं. पार्टी मुख्यालय तक विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहा है. नाराज नेताओं के साधने के लिए बीजेपी ने अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतार दिया है. केंद्रीय मंत्री, प्रदेश अध्यक्ष, प्रदेश प्रभारी, चुनाव प्रभारी, नेता प्रतिपक्ष, उपनेता प्रतिपक्ष सहित सभी बड़े नेताओं को नाराज नेताओं और समर्थकों को मनाने का टास्क दिया गया है. इतना ही नहीं डैमेज कंट्रोल के लिए पार्टी ने प्रदेश स्तरीय और जिला स्तरीय कमेटी भी बना दी है. ताकि आने वाली सूचियों के बाद जो नाराजगी सामने आए उसे भी समय रहते कम किया जा सके. वहीं, इस मामले में भाजपा प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि सभी परिवार के सदस्य हैं, सभी पार्टी के साथ हैं, जो नाराज हैं उनको मनाने के लिए उनसे बातचीत की जा रही है.
डैमेज कंट्रोल में जुटे बड़े नेता : भाजपा मुख्यालय पर पिछले तीन दिन से लगातार नारेबाजी और धरने प्रदर्शन हो रहे हैं. पहले देवली-उनियारा से झोटवाड़ा, उसके बाद विद्याधर नगर, किशनगढ़, सांचोर सहित अलग-अलग विधानसभा क्षेत्र से अपने नेता को टिकट नहीं मिलने पर उनके समर्थक नाराजगी जता रहे हैं. इतना ही नहीं कई जगह पर टायर जला कर तो कई जगहों पर नारेबाजी कर विरोध दर्ज करा रहे हैं. इसके साथ ही कुछ नाराज दावेदारों ने तो बगावती तेवर अपनाते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है. पार्टी में दावेदारों की नाराजगी को कम करने के लिए भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने अब तमाम बड़े नेताओं को इस विरोध को थामने की जिम्मेदारी दी है. यही वजह है कि विद्याधर नगर से टिकट नहीं मिलने से नाराज नरपत सिंह राजवी को मनाने के लिए प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह उनके आवास पर पहुंचे और करीब 45 मिनट तक उनसे बातचीत करके उन्हें समझाने की कोशिश की. इतना ही नहीं पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी से मिलने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी उनके आवास पर पहुंचे. चतुर्वेदी सिविल लाइन से प्रमुख दावेदार हैं. हालांकि न तो अरुण चतुर्वेदी का टिकट कटा है और न उनकी दावेदारी वाले विधानसभा क्षेत्र से किसी को टिकट मिला है. लेकिन सियासी घमासान के बीच पूर्व जोशी और चतुर्वेदी की मुलाकात पर कई तरह की सियासी चर्चाएं भी हो रही हैं. इसके साथ ही देवली-उनियारा में बीजेपी के पूर्व प्रत्याशी राजेंद्र गुर्जर का टिकट काटकर गुर्जर नेता कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के बेटे विजय बैसला को प्रत्याशी बनाया तो स्थानीय क्षेत्र से लेकर पार्टी मुख्यालय तक विरोध दिखा. इस विरोध को कम करने के लिए नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को टोंक भेजा गया. इसी तरह से केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को अजमेर, उप नेता प्रतिपक्ष सतीश पूनिया को गंगानगर भेजा गया.
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प्रदेश से लेकर जिला स्तर तक कमेटी : पहली सूची में जिस तरह से विवाद उठा है, उसके बाद से बीजेपी आगामी सूची से होने वाले डैमेज कंट्रोल के लिए पहले से ही तैयारी में जुट गई है. पार्टी ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी की अध्यक्षता में 11 सदस्यीय कमेटी का गठन पहले ही कर दिया है. जो सभी नाराज दावेदारों और समर्थकों से बातचीत करके उन्हें मनाने की कोशिशों में जुटी है. इतना ही नहीं स्थानीय लेवल पर नाराजगी को दूर करने और कार्यकर्ताओं को समझाने के लिए प्रत्येक जिले में भी कमेटी बनाई गई है. यह कमेटी स्थानीय स्तर पर नाराज दावेदार और समर्थकों को समझाने का काम करेगी. उसके बाद भी अगर कोई पार्टी के खिलाफ किसी तरह की चुनाव लड़ने या अन्य किसी को समर्थन देने का कार्य करता है तो उसकी रिपोर्ट प्रदेश नेतृत्व को सौंपेगी.
सीपी जोशी बोले, हम साथ साथ हैं : पार्टी में चल रही नाराजगी पर बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी ने कहा कि यह स्वाभाविक है जब पार्टी परिवार में पांच लोग एक साथ टिकट मांगते हैं, उनमें से एक को टिकट मिलता है, तब बाकियों में गुस्सा स्वाभाविक है. बता दें कि हम सभी विचारधारा के साथ जुड़े हुए हैं, सबके मन में एक ही संकल्प है, इस कुशासन वाली सरकार को सत्ता से हटाना है. सबके मन और मस्तिष्क में कमल का चिन्ह है. जोशी ने कहा कि सभी परिवार के सदस्य हैं सभी पार्टी के साथ हैं जो नाराज हैं उनको मनाने के लिए उनसे बातचीत की जा रही है. कुछ बड़े नेता को उनसे बातचीत के लिए भेजा गया है. सभी एक साथ मिल जुलकर चुनाव लड़ेंगे और प्रदेश में कमल का फूल खिलाएंगे. राजपाल सिंह शेखावत, नरपत सिंह राजवी की नाराजगी को लेकर जोशी ने कहा कि वो सभी बड़े नेता हैं, किसी में कोई नाराजगी नहीं है.