जयपुर. राजस्थान की भारतीय जनता पार्टी के नए चेहरे के रूप में सीपी जोशी ने सोमवार को अपना पदभार ग्रहण कर लिया. इसके बाद जोशी ने गुलाबी शहर के मंदिरों में शीश नवाया, तो पूर्व प्रदेश अध्यक्ष हरिशंकर भावना से मुलाकात कर उनका आशीर्वाद भी लिया. सीपी जोशी ने इससे पहले नियुक्ति के फरमान को जारी होने के तत्काल बाद एक बयान दिया था. सीपी जोशी ने खुद को किसी भी गुटबाजी से अलग बताया था. पदभार ग्रहण कार्यक्रम के बाद सीपी जोशी ने भाषण के दौरान राजस्थान की चुनावी साल में भाजपा के ब्लू प्रिंट वाले एजेंडे की रूपरेखा रखने की कोशिश की. जोशी ने ऐसे कई मुद्दों को छेड़ा, जो इस बात का इशारा है कि आने वाले चुनाव में अशोक गहलोत सरकार के OPS और ERCP के जवाब में भारतीय जनता पार्टी के एजेंडे में शामिल होंगे.
मोदी होंगे आने वाले इलेक्शन का चेहरा : सीपी जोशी के पदभार ग्रहण समारोह से पहले भाजपा के प्रदेश मुख्यालय के बाहर लगे पोस्टर में सीपी जोशी के साथ-साथ पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की तस्वीर का मौजूद होना, खुद में कई सियासी मायनों को बयां करता है. राजस्थान में प्रदेशाध्यक्ष बनाम वसुंधरा राजे का होना भाजपा के लिए हमेशा चुनौती का सबब बन कर रहा है. चाहे पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया से रार हो या फिर महेश चंद्र शर्मा, ओम प्रकाश माथुर की बात हो, संगठन और राजे के बीच अशोक परनामी और अरुण चतुर्वेदी के अलावा बाकी प्रदेश अध्यक्षों की पटरी नहीं बैठ सकी. ऐसे में नई नीति के तहत सीपी जोशी को पार्टी के भीतर की गुटबाजी के हाथ में के मकसद से राजस्थान के रण में उतारा गया है. जहां जोशी ने उत्साहित कार्यकर्ताओं को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जयकारे लगाने का आह्वान किया, लेकिन खुद का नाम लेने से इनकार कर दिया.
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उन्होंने कहा कि 6 महीने बाद प्रदेश में चुनाव होने हैं. ऐसे में हमें अपने होर्डिंग से ज्यादा भाजपा की राष्ट्रीय स्तर पर उपलब्धियों का प्रचार करना है. चाहे मामला राम मंदिर का हो या फिर कश्मीर में धारा 370 को हटाए जाने का, इसका मतलब साफ है कि पोस्टर पॉलिटिक्स और गुटबाजी से दूर सीपी जोशी आलाकमान के इशारे पर नई लीक पर चलना चाहते हैं. यही वजह रही कि जब सीपी जोशी पदभार ग्रहण कर रहे थे, तब पूर्व प्रदेश अध्यक्षों में महेश चंद्र शर्मा, ओम प्रकाश माथुर, अरुण चतुर्वेदी और सतीश पूनिया उनके साथ नजर आए. जबकि वसुंधरा राजे ने वीडियो मैसेज भेज कर इस एकजुटता के पैगाम में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.
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चुनावी एजेंडे में होगा कन्हैयालाल का मसला : उदयपुर में कन्हैया लाल हत्याकांड की यादें प्रदेश के जहन में है. मेवाड़ से आने वाले सीपी जोशी ने ताजपोशी के कार्यक्रम के कन्हैया लाल का जिक्र छेड़कर यह बता दिया कि भारतीय जनता पार्टी अबकी बार विधानसभा चुनाव में पुराने जख्मों को फिर से ताजा करने की कोशिश करेगी. सीपी जोशी ने इसके अलावा और कई बातों को अपने भाषण में रखा और चुनावी साल में उतरने के लिए कार्यकर्ताओं का आह्वान किया. उन्होंने इसके अलावा युवाओं से जुड़े पेपर लीक मामले और किसानों के मसले को भी याद दिलाया. माना जा रहा है कि सीपी जोशी ने युवा, किसान और कानून व्यवस्था की मुद्दों को आगे रखकर इस बात का इशारा दिया है कि आने वाले विधानसभा चुनाव में प्रदेश भाजपा का ब्लूप्रिंट कांग्रेस के खिलाफ किन मुद्दों को लेकर तैयार किया गया है.