जयपुर. डॉ भीमराव अंबेडकर लॉ यूनिवर्सिटी में चल रही शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक (Dr Bhimrao Ambedkar Law University Jaipur) भर्ती प्रक्रिया पर बीजेपी ने सवाल उठाए हैं. पहले विधायक नरपत सिंह राजवी और अब सांसद रामचरण बोहरा ने राज्यपाल से भर्ती प्रक्रिया की जांच की मांग की है.
डॉ भीमराव अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय (MP Ramcharan Bohra tweet) जयपुर में 5 प्रोफेसर, 10 एसोसिएट प्रोफेसर, 20 असिस्टेंट प्रोफेसर, 1 सहायक कुलसचिव, 2 उप कुलसचिव के पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रिया पर सवाल उठा है. सांसद रामचरण बोहरा ने सोशल मीडिया पर ट्वीट किया कि 'प्रदेश सरकार बेरोजगारों से चाहती क्या है? सीएम के प्रिय कुलपति भर्तियां जल्दबाजी में क्यों निपटाना चाहते हैं? उन्होंने ट्वीट में लिखा कि राज्यपाल कलराज मिश्र से निवेदन है कि डॉ अंबेडकर विधि विश्वविद्यालय की भर्ती प्रक्रिया की जांच हो, परीक्षा एजेंसी कौन है परिणाम और पेपर सेटिंग में मनमर्जी आखिर क्यों और किसके लिए?
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रामचरण बोहरा ने इन सवालों के पीछे तर्क दिया कि अनेक अभ्यर्थियों ने व्यक्तिगत रूप से जानकारी दी है कि विश्वविद्यालय में विभिन्न शैक्षणिक और गैर शैक्षणिक पदों पर प्रक्रिया में नियमों की अनदेखी की जा रही है. साथ ही गुपचुप तरीके से अपने लोगों को लाभ पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. भर्तियों को लेकर आरोप है कि विश्वविद्यालय के बोर्ड ऑफ मैनेजमेंट और एकेडमिक काउंसिल से बिना अप्रूव किए ही भर्ती का विज्ञापन जारी किया गया है, जो असंवैधानिक है. हालांकि मामले में कुलपति डॉ देवस्वरूप ने भर्ती प्रक्रिया की पालना करते हुए पूरी पारदर्शिता से भर्ती कराए जाने का दावा किया है.
इससे पहले विधायक नरपत सिंह राजवी ने भी इस संबंध में राज्यपाल को पत्र लिखकर शिकायत की थी. राजवी ने अपने पत्र में डॉ देवस्वरूप की ओर से राजस्थान विश्वविद्यालय में बतौर कुलपति की गई भर्तियों पर हुए विवाद का भी जिक्र किया था. साथ ही लिखा था कि उनका कार्यकाल फरवरी 2023 में पूरा हो रहा है. ऐसे में उनकी ओर से भर्तियों को लेकर की जा रही जल्दबाजी विश्वविद्यालय और राज्य के हित में नहीं है.