जयपुर. बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक 16 और 17 जनवरी को दिल्ली में होगी. इस कार्यसमिति की बैठक में पार्टी की आगामी रणनीति पर चर्चा होगी. सूत्रों की मानें तो आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर मिशन 2023 पर खास चर्चा होगी. पार्टी में नेताओं की गुटबाजी के बीच कड़ा संदेश भी इस बैठक में दिया का सकता है. माना जा रहा है कि बैठक में लोकसभा चुनाव 2024 में सत्ता में वापसी को लेकर रणनीति पर व्यापक मंथन होगा.
इन मुद्दों पर मंथन: इस साल राजस्थान समेत दस राज्यों में विधानसभा चुनाव की रणनीति पर भी मंथन होगा. जिनमें- राजस्थान, मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक, तेलंगाना, कर्नाटक, मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में इस साल चुनाव हैं. इनमें मध्य प्रदेश, त्रिपुरा, कर्नाटक में बीजेपी की सरकार है. मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में बीजेपी समर्थित एनडीए की सरकार है. कांग्रेस के पास महज केवल राजस्थान और छत्तीसगढ़ में सरकार है. तेलंगाना में भारतीय राष्ट्रसमिति की सरकार है. वहीं, जम्मू-कश्मीर में अभी चुनाव नहीं हुए हैं.
राज्यों के अध्यक्ष का विस्तार भी संभव: बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल समाप्त हो रहा है, लेकिन लोकसभा चुनाव को देखते हुए नया अध्यक्ष चुना जाने और इसके बाद पार्टी के संगठनात्मक ढांचे में बदलाव में काफी वक्त लग सकता है. ऐसे में संभावना है कि जेपी नड्डा के कार्यकाल को विस्तार दिया जाए. अगर जेपी नड्डा का कार्यकाल बढ़ाया जाता है तो जिन राज्यों में चुनाव हैं वहां के अध्यक्षों का कार्यकाल भी बढ़ाया जा सकता है. जिसमें राजस्थान भी शामिल है क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सतीश पूनिया का कार्यकाल दिसंबर में पूरा हो चुका है.
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कार्यसमिति में राजस्थान पर फोकस: सूत्रों के अनुसार, राजस्थान में प्रदेश नेताओं में चल रही सियासी खींचतान शिकायत लगातार पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के पास पहुंच रही है. हाल ही में उपचुनाव और जन आक्रोश यात्रा में जिस तरह से गुटबाजी खुलकर सामने आई, उसके बाद पार्टी शीर्ष नेतृत्व काफी नाराज बताया जा रहा है. माना जा रहा है कि इस बैठक में प्रदेश के नेताओं को कड़ा संदेश दिया जा सकता है.
अमित शाह ने नेताओं को दिया था कड़ा संदेश: इससे पहले गृहमंत्री अमित शाह ने प्रदेश के नेताओं को कड़ा संदेश देते हुए कहा था कि कोई भी अलग थलग स्वयंभू लीडर नहीं बने. 2023 में होने वाले चुनाव में सिर्फ और सिर्फ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चेहरा होंगे. प्रदेश के किसी भी नेता के चेहरे पर चुनाव नहीं लड़ा जाएगा. प्रदेश के नेताओं को एकजुट होकर मिशन 2023 में लगने का संदेश दिया था.
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वसुंधरा राजे की दूरी चर्चाओं: हाल ही में हुए सरदारशहर उपचुनाव और जन आक्रोश यात्रा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पूरी तरह से दूर रही. सियासी हलकों में चर्चा है कि वसुंधरा की दूरी की वजह से ही सरदारशहर उपचुनाव में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था. वसुंधरा की गैरमौजूदगी के चलते जनाक्रोश की यात्रा में ही भीड़ नहीं जुट पाई है. प्रदेश बीजेपी में लीडरशिप को लेकर चल रही खींचतान के बीच प्रदेश के कार्यकर्ता और नेता भी बटे हुए हैं.
बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक: बीजेपी राष्ट्रीय कार्यसमिति बैठक में पीएम नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह , राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह समेत बीजेपी के कई बड़े नेता शामिल होंगे. कार्यसमिति में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा कार्यालय का विस्तार करने पर सहमति बनाई जा सकती है. इसमें राजस्थान से बीजेपी प्रदेश प्रभारी अरुण सिंह, सहप्रभारी विजया राहटकर और प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, ओमप्रकाश माथुर छत्तीसगढ़ प्रभारी और पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे, अलका गुर्जर, केंद्रीय मंत्री शेखावत, केंद्रीय मंत्री मेघवाल शामिल होंगे.