जयपुर. वीरांगनाओं को लेकर आंदोलन कर रहे किरोड़ी लाल मीणा के समर्थन में भाजपा उतर आई है. पुलिस की ओर से मीणा के साथ किए गए दुर्व्यवहार के विरोध में भाजपा सड़कों पर उतरने की तैयारी में है. शनिवार को सुबह 11:00 बजे भाजपा मुख्यालय के सामने भाजपा के नेता पुलिस कार्यशैली के विरोध में धरना देगी.
11 बजे भाजपा मुख्यालय के बाहर धरना : राजस्थान विधानसभा में उपनेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ और भाजपा के पूर्व प्रदेशाध्यक्ष डॉ. अरुण चतुर्वेदी ने राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा से मिलने एसएमएस पहुंचे. इस दौरान मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले 11 दिनों से शहीदों की अंत्येष्टि पर सरकार के मंत्रीगणों कीओर से की गई घोषणा को अमलीजामा नहीं पहनाने पर दिए जा रहे धरने में को पुलिस ने लाठी के दम पर कुचलने का काम किया है.
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रात के अंधेरे में 3 वीरांगनाओं को पुलिस बल के सहारे जबरन उठाकर अज्ञात स्थान पर ले गए. जब वीरांगनाओं की खोजबीन करते हुए राज्यसभा सांसद किरोड़ी मीणा समोद पहुंचे तो वहां पर पुलिस ने उनके साथ तानाशाही पूर्ण व्यवहार किया. सांसद के साथ अभद्र व्यवहार/कपड़े फाड़ना/धक्का देने ओर लात-घूसों से मारपीट की गई. बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता राम लाल शर्मा ने कहा कि पुलिस की इस कार्यशैली के विरोध में 11 मार्च शनिवार को सुबह 11 बजे जयपुर स्थित भाजपा प्रदेश मुख्यालय के सामने विशाल धरना दिया जाएगा. जिसमें विधायक, पूर्व विधायक, सांसद और पार्टी के नेता और कार्यकर्ता शामिल होंगे.
शांतिपूर्ण होगा धरना : राठौड़ और चतुर्वेदी ने कहा कि पार्टी के शीर्ष नेतृत्व और प्रदेश संगठन से सलाह कर राज्यसभा सांसद किरोडी लाल मीणा और तीनों वीरांगनाओं के साथ हुए अभद्र व्यवहार के खिलाफ भाजपा की ओर से विरोध स्वरूप शांतिपूर्ण धरना दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि जहां एक ओर राज्य के दो मंत्रीगणों ने वार्ता कर वीरांगनाओं की सभी मांगों पर सहमति व्यक्त की वहीं दूसरी ओर इसके विपरीत मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर वीरांगनाओं की मांगों को मानने से इनकार कर दिया, जिसकी वजह से पूरे राजस्थान के पूर्व सैनिकों में भयंकर रोष व्याप्त हो गया है.
शहीदों के अपमान का रिकॉर्ड : राठौड़ ने कहा कि बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि गुरुवार रात्रि को पुलिस की ओर से धरनास्थल से जबरन ले जाई गई. वीरांगनाओं को उनके परिजन लगातार ढूंढ रहे थे, वे चिंतित थे, लेकिन राज्य सरकार शहीदों का अपमान करने में नए रिकॉर्ड बना रही है. उन्होंने कहा कि शहीदों की वीरांगनाओं के आत्मसम्मान और उनके हक के लिए आंदोलनरत किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस प्रशासन ने जो दुर्व्यव्हार किया है, वो अत्यन्त निंदनीय और अक्षम्य है. तानाशाह गहलोत सरकार की कठपुतली बना पुलिस प्रशासन का आचरण लोकतंत्र में कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. पुलिस तंत्र की अकर्मण्यता के खिलाफ सड़क से लेकर सदन तक पुरजोर विरोध किया जाएगा.
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लाठी का डर दिखाकर आवाज दबाने की कोशिश : शहीदों की वीरांगनाओं और राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस के दुर्व्यवहार के विरोध में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने भी सोशल मीडिया के जरिए गहलोत सरकार को निशाने पर लिया. राजे ने कहा कि शहीदों की वीरांगनाओं की मांगों के लिए आंदोलनरत किरोड़ी लाल मीणा के साथ पुलिस का बर्बर व्यवहार बेहद निंदनीय है. कांग्रेस सरकार की ओर से लाठी का डर दिखाकर वीरांगनाओं की आवाज को कुचलने का यह अलोकतांत्रिक प्रयास बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.
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विरोधियों के खिलाफ हर जुल्म, हर साजिश को तैयार : भाजपा सांसद किरोड़ी मीणा को हिरासत में लेने पर केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गहलोत सरकार की आलोचना की. उन्होंने कहा कि सीएम गहलोत जिन्हें विरोधी मानते हैं, उनके खिलाफ हर जुल्म, हर साजिश करने को तैयार हैं. अपमान की सीमा पार कर जाना तो उनके लिए मजाक जैसा है. अपनी विवशता बता रही वीरांगनाओं का धरना पुलिस के जोर से खत्म करवाना हो या सांसद किरोड़ी लाल मीणा को हिरासत में लेना, ये सब बेरहम तानाशाह की निशानी है.
शेखावत ने कहा कि वीरांगनाओं पर पुलिस की कार्रवाई देश पर प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों का अपमान है. सरकार वादा पूरा करने के बजाय महिलाओं पर अपना "पराक्रम" दिखा रही है. धरनास्थल पर मुख्यमंत्री को स्वयं जाना था, लेकिन उन्होंने तड़के पुलिस भिजवा दी. गहलोत क्या उन वीरांगनाओं से लड़ना चाहते हैं, जिन्हें मदद की आस है और जो भविष्य को लेकर घबराई हुई हैं. यह शर्म की बात है.