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No division of Jaipur: एक जाजम पर आए बीजेपी और कांग्रेस नेता, कहा- जयपुर को विभाजित नहीं होने देंगे

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Published : Mar 21, 2023, 9:32 PM IST

जयपुर के जय क्लब में मंगलवार को बीजेपी और कांग्रेस के नेताओं ने बैठक आयोजित कर जयपुर के टुकड़े होने पर चिंता व्यक्त की. उनका कहना है कि शहर को उत्तर, दक्षिण, दूदू और कोटपूतली में नहीं बांटा जाए.

BJP Congress leaders oppose new Jaipur district announced by CM Gehlot
No division of Jaipur: एक जाजम पर आए बीजेपी और कांग्रेस नेता, कहा- जयपुर को विभाजित नहीं होने देंगे
बीजेपी-कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में कहा-जयपुर को विभाजित नहीं होने देने

जयपुर. हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर जिले को चार टुकड़ों में बांटने की घोषणा की है. जिसमें जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपूतली जिला घोषित किया गया है. हालांकि अब शहर के कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक जाजम पर आकर जयपुर को टुकड़ों में बांटने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि जयपुर एक आत्मा है. ऐसे में उत्तर और दक्षिण करके गोविंद देवजी और मोती डूंगरी गणेश मंदिर को अलग-अलग करना उचित नहीं है. मंगलवार शाम को जयपुर के जय क्लब में आयोजित बैठक में सभी ने अपने विचार रखें.

बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि सरकार ने जयपुर उत्तर और दक्षिण करने का प्रस्ताव दिया है. जयपुर अपने आप में एक पूरी विरासत, एक इतिहास और संस्कृति है. मानसिक रूप से जयपुर के लोगों का एक जुड़ाव है. हम चाहते हैं कि भविष्य में जुड़ाव मजबूत हो. जयपुर का विभाजन होने से आने वाली पीढ़ी जयपुर की हिस्ट्री से कनेक्ट नहीं कर पाएगी. जयपुर को एक रखने के लिए जयपुरवासी एकत्रित हुए हैं. अलग-अलग राजनीतिक दलों और धर्म से जुड़े हुए लोगों ने एकत्रित होकर अपने विचार रखे हैं. सभी ने एक राय से जयपुर विभाजन पर चिंता व्यक्त की है. हम सरकार और जनप्रतिनिधियों के पास जाकर आग्रह करेंगे कि जयपुर और इसकी विरासत को बचाएं.

पढ़ें: new districts in rajasthan: 19 नए जिले और तीन नए संभाग की घोषणा, राजस्थान में अब 50 जिले

कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि जयपुर उत्तर और दक्षिण से कहीं हम जयपुर को नहीं खो दें. जयपुर बहुत पुराना शहर है. जयपुर का हम 295वां स्थापना दिवस मनाने जा रहे हैं. जयपुर की विरासत है कि हम आमेर से लेकर सांगानेर तक जयपुर देखते हैं. हम चाहते हैं कि एक सीमा बन जाए, जिससे कि जयपुर को जयपुर ही नाम दिया जाए. ग्रामीण क्षेत्र है तो उसमें अलग जिला बनने से वहां के लोगों को लाभ होगा. उसका सरकार अपने हिसाब से नाम तय कर ले. लेकिन जयपुर शहर और इसकी विरासत का नाम जयपुर ही रखा जाए. इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार करके जयपुर के सभी प्रतिनिधियों से मिलेंगे. सभी से बात करके सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे. यह जयपुर की भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है. हमें उम्मीद है कि इस आग्रह को मुख्यमंत्री स्वीकार करेंगे और जयपुर की भावनाओं के अनुरूप जयपुर का नाम रह पाएगा.

पढ़ें: अब जोधपुर संभाग व जिले का भूगोल बदलेगा सियासी परिदृश्य, यहां समझें पूरा समीकरण

कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा ने कहा कि अलग-अलग सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल और व्यापार मंडल के लोगों ने एक जगह बैठकर चर्चा की है कि हमारा जयपुर एक विरासत है, जो सांस्कृतिक पहचान रखता है. पूरे विश्व में जयपुर को पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है. जयपुर शहर का नाम अलग-अलग नहीं होना चाहिए. जयपुर हमारी आत्मा है, हमारी पहचान है. किसी भी हालात में जयपुर के बदलाव के लिए हम तैयार नहीं हैं. आने वाले 2 दिनों में सरकार के पास अपनी बात रखेंगे. सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग मिलकर प्रयास करेंगे कि जयपुर का नाम नहीं बदला जाए. कई बार अधिकारी बिना सोचे-समझे सरकार के पास प्रस्ताव भेज देते हैं, जिस पर निर्णय हो जाता है.

पढ़ें: 38 साल पुरानी मांग हुई पूरी, सीएम गहलोत ने की बालोतरा को जिला बनाने की घोषणा

धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक भारत शर्मा ने कहा कि जयपुर की जनता के लिए बहुत ही पीड़ादायक विषय है. जयपुर एक जागृत और प्राण प्रतिष्ठित शहर है. बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से बसाया हुआ शहर है. जिन लोगों ने निर्णय लिया है, उनको नहीं पता है कि पूर्वजों ने किस दृष्टि से जयपुर को बसाया था, जो जयपुर के बारे में समझते नहीं है. उन लोगों के लिए ऐसा निर्णय लेना आसान है. जयपुर की आम जनता शहर के दो टुकड़े होने के विरोध में उतरेगी. सरकार को इस निर्णय को वापस लेना होगा.

बीजेपी-कांग्रेस नेताओं ने एक स्वर में कहा-जयपुर को विभाजित नहीं होने देने

जयपुर. हाल ही में सीएम अशोक गहलोत ने जयपुर जिले को चार टुकड़ों में बांटने की घोषणा की है. जिसमें जयपुर उत्तर, जयपुर दक्षिण, दूदू और कोटपूतली जिला घोषित किया गया है. हालांकि अब शहर के कांग्रेस और बीजेपी के नेता एक जाजम पर आकर जयपुर को टुकड़ों में बांटने का विरोध कर रहे हैं. उनका कहना है कि जयपुर एक आत्मा है. ऐसे में उत्तर और दक्षिण करके गोविंद देवजी और मोती डूंगरी गणेश मंदिर को अलग-अलग करना उचित नहीं है. मंगलवार शाम को जयपुर के जय क्लब में आयोजित बैठक में सभी ने अपने विचार रखें.

बीजेपी के पूर्व प्रदेश उपाध्यक्ष सुनील कोठारी ने कहा कि सरकार ने जयपुर उत्तर और दक्षिण करने का प्रस्ताव दिया है. जयपुर अपने आप में एक पूरी विरासत, एक इतिहास और संस्कृति है. मानसिक रूप से जयपुर के लोगों का एक जुड़ाव है. हम चाहते हैं कि भविष्य में जुड़ाव मजबूत हो. जयपुर का विभाजन होने से आने वाली पीढ़ी जयपुर की हिस्ट्री से कनेक्ट नहीं कर पाएगी. जयपुर को एक रखने के लिए जयपुरवासी एकत्रित हुए हैं. अलग-अलग राजनीतिक दलों और धर्म से जुड़े हुए लोगों ने एकत्रित होकर अपने विचार रखे हैं. सभी ने एक राय से जयपुर विभाजन पर चिंता व्यक्त की है. हम सरकार और जनप्रतिनिधियों के पास जाकर आग्रह करेंगे कि जयपुर और इसकी विरासत को बचाएं.

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कांग्रेस नेता ज्योति खंडेलवाल ने कहा कि जयपुर उत्तर और दक्षिण से कहीं हम जयपुर को नहीं खो दें. जयपुर बहुत पुराना शहर है. जयपुर का हम 295वां स्थापना दिवस मनाने जा रहे हैं. जयपुर की विरासत है कि हम आमेर से लेकर सांगानेर तक जयपुर देखते हैं. हम चाहते हैं कि एक सीमा बन जाए, जिससे कि जयपुर को जयपुर ही नाम दिया जाए. ग्रामीण क्षेत्र है तो उसमें अलग जिला बनने से वहां के लोगों को लाभ होगा. उसका सरकार अपने हिसाब से नाम तय कर ले. लेकिन जयपुर शहर और इसकी विरासत का नाम जयपुर ही रखा जाए. इसका पूरा ड्राफ्ट तैयार करके जयपुर के सभी प्रतिनिधियों से मिलेंगे. सभी से बात करके सरकार तक अपनी बात पहुंचाएंगे. यह जयपुर की भावनाओं के साथ जुड़ा हुआ मुद्दा है. हमें उम्मीद है कि इस आग्रह को मुख्यमंत्री स्वीकार करेंगे और जयपुर की भावनाओं के अनुरूप जयपुर का नाम रह पाएगा.

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कांग्रेस नेता सुरेश मिश्रा ने कहा कि अलग-अलग सामाजिक संगठन, राजनीतिक दल और व्यापार मंडल के लोगों ने एक जगह बैठकर चर्चा की है कि हमारा जयपुर एक विरासत है, जो सांस्कृतिक पहचान रखता है. पूरे विश्व में जयपुर को पिंक सिटी के नाम से जाना जाता है. जयपुर शहर का नाम अलग-अलग नहीं होना चाहिए. जयपुर हमारी आत्मा है, हमारी पहचान है. किसी भी हालात में जयपुर के बदलाव के लिए हम तैयार नहीं हैं. आने वाले 2 दिनों में सरकार के पास अपनी बात रखेंगे. सभी राजनीतिक पार्टियों के लोग मिलकर प्रयास करेंगे कि जयपुर का नाम नहीं बदला जाए. कई बार अधिकारी बिना सोचे-समझे सरकार के पास प्रस्ताव भेज देते हैं, जिस पर निर्णय हो जाता है.

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धरोहर बचाओ समिति के संरक्षक भारत शर्मा ने कहा कि जयपुर की जनता के लिए बहुत ही पीड़ादायक विषय है. जयपुर एक जागृत और प्राण प्रतिष्ठित शहर है. बहुत ही सुव्यवस्थित तरीके से बसाया हुआ शहर है. जिन लोगों ने निर्णय लिया है, उनको नहीं पता है कि पूर्वजों ने किस दृष्टि से जयपुर को बसाया था, जो जयपुर के बारे में समझते नहीं है. उन लोगों के लिए ऐसा निर्णय लेना आसान है. जयपुर की आम जनता शहर के दो टुकड़े होने के विरोध में उतरेगी. सरकार को इस निर्णय को वापस लेना होगा.

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