जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार 17 दिसंबर को अपने 4 साल (Ashok Gehlot government in 4 years) पूरे करने जा रही है. इन 4 सालों में अगर प्रदेश के अपराध के रिपोर्ट कार्ड पर नजर डालें तो आंकड़े लगातार बढ़ते हुए ही दिखाई दे रहे हैं. हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से लेकर पुलिस मुख्यालय के आला अधिकारी बढ़ते हुए आंकड़ों को लेकर यही बात कहते हैं कि प्रदेश में फ्री एफआईआर रजिस्ट्रेशन की पॉलिसी के चलते अपराध दर्ज होने के आंकड़ों में (Crime Statistics in Rajashan) इजाफा हो रहा है. वहीं, अगर बात हत्या, हत्या का प्रयास, लूट, डकैती, दुष्कर्म, महिला अपराध, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अपराधों की करें तो सभी में पिछले 4 साल से लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है. साथ ही पिछले 4 सालों के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली भी कई घटनाएं प्रदेश में हुई हैं, जिसे लेकर विपक्ष भी लगातार सरकार को घेरता रहा है.
पिछले 4 साल में प्रदेश में अपराध की स्थिति: अगर बात पिछले 4 सालों में प्रदेश में अपराध की स्थिति की करें तो साल 2019 में हत्या के 1659, हत्या के प्रयास के 1905, डकैती के 107, लूट के 1421, अपहरण के 8058, बलात्कार के 5997, बलवा के 392, नकबजनी के 7182 और चोरी के 40815 प्रकरण दर्ज किए गए. इसी प्रकार से महिला अत्याचार के मामले देखें तो साल 2019 में कुल 41155 प्रकरण दर्ज किए गए. अनुसूचित जाति अत्याचारों के 6794 और अनुसूचित जनजाति अत्याचारों के 1797 प्रकरण दर्ज किए गए.
लॉकडाउन में अपराध के आंकड़ों में आई कमी: साल 2020 में कोरोना महामारी के चलते जब लॉकडाउन लगा तो अपराध के आंकड़ों में कुछ कमी दर्ज की गई, लेकिन इस दौरान भी हत्या, हत्या का प्रयास, अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति अत्याचारों के प्रकरणों में बढ़ोतरी देखी गई. साल 2020 में हत्या के 1719, हत्या के प्रयास के 2062, डकैती के 76, लूट के 1155, अपहरण के 6234, बलात्कार के 5310, बलवा के 342, नकबजनी के 5828 और चोरी के 28695 प्रकरण दर्ज किए गए. इसी तरह से अगर बात महिला अत्याचारों की करें तो साल 2020 में कुल 34368 प्रकरण दर्ज किए गए. अनुसूचित जाति अत्याचारों के 7017 और अनुसूचित जनजाति अत्याचारों के 1878 प्रकरण दर्ज किए गए.
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लॉकडाउन हटा तो बढ़ा अपराध का आंकड़ा: साल 2021 में जब कोरोना का प्रकोप कम होने लगा और स्थिति सामान्य होने लगी तो फिर से अपराध के आंकड़ों में बढ़ोतरी होना शुरू हो गया. साल 2021 में हत्या के 1786, हत्या के प्रयास के 2103, डकैती के 78, लूट के 1485, अपहरण के 7717, बलात्कार के 6337, बलवा के 249, नकबजनी के 6821 और चोरी के 34873 प्रकरण दर्ज किए गए. इसी प्रकार से अगर बात महिला अत्याचारों की करें तो साल 2021 में कुल 40220 प्रकरण दर्ज किए गए. अनुसूचित जाति अत्याचारों के 7524 और अनुसूचित जनजाति अत्याचारों के 2121 प्रकरण दर्ज किए गए.
2022 में अपराध के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोतरी: साल 2022 में अपराध के आंकड़ों में तेजी से बढ़ोतरी दर्ज की गई है. नवंबर महीने तक दर्ज हुए प्रकरणों को देखें तो हत्या के 1743, हत्या के प्रयास के 2397, डकैती के 100, लूट के 1520, अपहरण के 8422, बलात्कार के 6709, बलवा के 212, नकबजनी के 7295 और चोरी के 38135 प्रकरण दर्ज किए गए हैं. इसी प्रकार महिला अत्याचार के जुड़े मामलों में वर्ष 2022 में नवंबर माह तक कुल 42549 प्रकरण दर्ज किए गए. अनुसूचित जाति अत्याचारों के 8311 और अनुसूचित जनजाति अत्याचारों के 2384 प्रकरण दर्ज किए गए हैं.
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साल 2021 में घटित कुछ बड़ी घटनाएं
- बीकानेर जिले के मुक्ताप्रसाद नगर में 4 जनवरी को हथियारबंद लुटेरों ने फायरिंग कर ग्रामीण बैंक के मैनेजर मदनलाल को गोली मारकर तकरीबन 12 लाख रुपए की राशि लूटी.
- सीकर जिले के दातारामगढ़ इलाके में 8 जनवरी को एक चाचा द्वारा अपने 24 वर्षीय भतीजे कैलाश चंद को पढ़ाई नहीं करने पर टोका गया. जिस पर भतीजे ने बदला लेने के लिए अपने चाचा के 10 वर्षीय बेटे की सरे बाजार ब्लेड से गला रेत कर निर्मम हत्या कर दी. इस दौरान दोनों के बीच में हाथापाई हुई और लोगों ने उसका वीडियो भी बनाया.
- राजधानी के मानसरोवर थाना इलाके में 12 जनवरी को पालतू डॉग घुमाने की बात को लेकर हुए विवाद के चलते पड़ोस में रहने वाले एक युवक द्वारा एक आरएएस अधिकारी की 55 वर्षीय बहन की हत्या कर दी गई. विद्या देवी की हत्या पड़ोस में रहने वाले कृष्णकांत नामक युवक ने की और लाखों के गहने और नकदी भी चुराई.
- राजधानी के वैशाली नगर थाना इलाके में 24 फरवरी को एक नामी चिकित्सक सुनीत सोनी के मकान के पीछे खाली पड़े मकान से बदमाशों ने 26 फीट लंबी सुरंग खोदकर सुनीत के मकान से करोड़ों रुपए की चांदी और जेवर चुराने की वारदात को अंजाम दिया.
- अलवर जिले के खेड़ली थाने में 2 मार्च को पति की प्रताड़ना से परेशान होकर उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने थाने आई 26 वर्षीय पीड़िता से थाने में तैनात सेकेंड ऑफिसर एसआई भरत सिंह ने थाना परिसर में ही दुष्कर्म कर डाला.
- जयपुर पुलिस कमिश्नरेट के ईस्ट जिले की महिला अत्याचार अनुसंधान यूनिट के एसीपी कैलाश बोहरा ने 14 मार्च को एक दुष्कर्म पीड़िता की जांच में मदद करने और आरोपियों को गिरफ्तार करने की एवज में रिश्वत के रूप में अस्मत की मांग कर डाली. जिसे जयपुर एसीबी टीम ने गिरफ्तार किया और सरकार ने तुरंत एक्शन लेते हुए कैलाश बोहरा को पुलिस सेवा से बर्खास्त कर दिया.
- जोधपुर जिले की फलौदी जेल से 16 कैदी महिला सुरक्षा प्रहरी की आंखों में लाल मिर्च पाउडर डालकर फरार हो गए.
- भरतपुर जिले में 28 मई को निंदा गेट इलाके में चिकित्सक दंपति की दिनदहाड़े सरे बाजार गोलियों से भूनकर हत्या की गई. डॉ.सुदीप गुप्ता और डॉ.सीमा गुप्ता से पुरानी रंजिश के चलते हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया.
- राजधानी के वैशाली नगर थाना इलाके में 26 अगस्त को एनएचआई के परियोजना सलाहकार 64 वर्षीय राजेंद्र कुमार चावला की गोली मारकर हत्या की गई. करोड़ों रुपए के टेंडर को लेकर हुए विवाद में हत्या की वारदात को अंजाम दिया गया.
- राजधानी के जवाहर सर्किल थाना इलाके में स्थित एक पांच सितारा होटल से एक शातिर चोर ने 2 करोड रुपए के आभूषण और 95 हजार रुपए की नकदी चुराई. आरोपी जयेश रावजी सेजपाल द्वारा देश के कई नामी पांच सितारा होटल्स में अनेक वारदातों को अंजाम दिया गया, जिसे जयपुर पुलिस ने महाराष्ट्र से गिरफ्तार किया.
साल 2022 में घटित कुछ बड़ी घटनाएं
- करौली जिले में 2 अप्रैल को नव संवत्सर के उपलक्ष में निकाली जा रही बाइक रैली पर पथराव के बाद विवाद उपजा और सांप्रदायिक दंगा भड़क गया. दंगाइयों ने 35 से भी ज्यादा दुकानों में आग लगा दी और कई घरों पर भी पथराव और तोड़फोड़ की गई. जिसके चलते करौली में कर्फ्यू लगाना पड़ा.
- उदयपुर जिले में 28 जून को टेलर कन्हैयालाल की धारदार हथियार से गला रेत कर हत्या की गई. गौस मोहम्मद और मोहम्मद रियाज ने नूपुर शर्मा के समर्थन में पोस्ट डालने पर कन्हैया लाल की हत्या की.
- जोधपुर में 2 मई को जालोरी गेट इलाके में सांप्रदायिक दंगा भड़का जिसमें कई लोगों पर जानलेवा हमला भी किया गया. इस दौरान उपद्रवियों ने पथराव किया और घरों में घुसकर मारपीट व तोड़फोड़ भी की. जिसके चलते प्रशासन को कर्फ्यू लगाना पड़ा.
- जालोर जिले के सायला थाना इलाके में 20 जुलाई को एक सरकारी स्कूल में 9 वर्षीय दलित छात्र की शिक्षक द्वारा की गई मारपीट के चलते मौत हो जाने के बाद मामला काफी गरमाया. मृतक के परिजनों ने शिक्षक पर ये आरोप लगाए कि मटके से पानी पीने के चलते शिक्षक ने दलित छात्र के साथ मारपीट की जिसके चलते उसकी मौत हुई.
- भरतपुर जिले के डीग क्षेत्र में 22 जुलाई को अवैध खनन को रोकने के लिए संत विजय दास ने आत्मदाह कर लिया. जिसके चलते राजस्थान सरकार के खिलाफ काफी नकारात्मक माहौल बनाया गया.