जयपुर. राजस्थान विश्वविद्यालय में अब एंटी रैगिंग के साथ-साथ एंटी इंटॉक्सिकेशन कमेटी भी बनेगी. युवाओं में बढ़ती नशे की लत को रोकने के लिए यूजीसी ने इस संबंध में गाइडलाइन जारी की है. नशा मुक्त भारत अभियान के तहत एडमिशन के दौरान ही छात्रों से नशा नहीं करने का शपथ पत्र लिया जाएगा. विश्वविद्यालय या संघटक कॉलेज कैंपस में यदि कोई भी छात्र शराब, तंबाकू या नशीले पदार्थों का सेवन करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.
छात्रों से भरवाया जाएगा शपथ पत्र : नशा मुक्त भारत अभियान के तहत यूजीसी ने बड़ा कदम उठाते हुए युवाओं को नशे की लत से दूर रखने के लिए सभी विश्वविद्यालय के कुलपतियों को एडमिशन के दौरान छात्रों से नशा नहीं करने का शपथ पत्र लेने के निर्देश जारी किए हैं. आदेश के तहत राजस्थान विश्वविद्यालय और इससे जुड़े संघटक कॉलेज में नए सत्र से हायर स्टडीज के लिए एडमिशन लेने वाले छात्रों से ये शपथ पत्र भरवाया जाएगा.
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नशा करते पकड़े जाने पर होगी कार्रवाई : विश्वविद्यालय कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने बताया कि विश्वविद्यालय और कॉलेज कैंपस में अब तक जिस तरह रैगिंग को रोकने के लिए एंटी रैगिंग कमेटी का गठन होता आया है. इसी तरह अब नशीले और मादक पदार्थ मुक्त कैंपस बनाने के लिए एंटी इंटॉक्सिकेशन कमेटी भी बनाई जाएगी. साथ ही साल भर जागरूकता अभियान के तहत आईईसी एक्टिविटी भी की जाएगी, ताकि छात्रों को नशे से होने वाले दुष्परिणामों से आगाह किया जा सके. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि विश्वविद्यालय और कॉलेज कैंपस में यदि कोई भी छात्र शपथ पत्र देने के बाद भी धूम्रपान या नशीले पदार्थों का इस्तेमाल करता हुआ पाया गया, तो उसके खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.