जयपुर. प्रदेश में दो सीटों पर हुए उपचुनाव के प्रचार में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे पूरी तरह गायब दिखीं. वहीं आने वाले निकाय चुनाव के लिए संगठनात्मक स्तर पर होने वाली बड़ी बैठकों से भी वसुंधरा राजे की दूरी बनी रहेगी.
बता दें कि निकाय चुनाव को लेकर प्रदेश स्तर पर बनाई गई संचालन प्रबंधन समिति में वसुंधरा राजे का नाम शामिल नहीं किया गया है. जबकि इस समिति में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष के साथ ही प्रदेश से आने वाले दो केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल और गजेंद्र सिंह शेखावत के नाम भी शामिल है. हालांकि, इस बारे में पार्टी प्रदेश अध्यक्ष का साफ तौर पर कहना है की पार्टी जहां मुनासिब समझेगी वसुंधरा राजे का उपयोग करेगी.
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वसुंधरा राजे का अपना सियासी कद और व्यक्तित्व है- पूनिया
सतीश पूनिया के अनुसार बड़े कद के नेता की अनुपस्थिति को मीडिया अपने सियासी तरीके से देखती है. लेकिन जब वह जयपुर आएंगी तो मीडिया का भ्रम भी दूर हो जाएगा. पूनिया ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का अपना कद और व्यक्तित्व है. पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होने के नाते केंद्र की ओर से भी लगातार उनका उपयोग किया जा रहा है. उन्होंने कहा पार्टी जहां मुनासिब समझेगी वहां वसुंधरा का उपयोग करेगी.
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11 सदस्यीय समिति में यह आला नेता हैं शामिल
निकाय चुनाव के लिए प्रदेश स्तर पर बनाई गई प्रबंधन और संचालन समिति में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया, उपनेता राजेंद्र राठौड़, केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत, अर्जुन राम मेघवाल, पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, अरुण चतुर्वेदी, प्रदेश संगठन महामंत्री चंद्रशेखर, प्रदेश महामंत्री वीरमदेव सिंह और दौसा सांसद जसकौर मीना को शामिल किया गया है.