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35 साल बाद परिवार से मिले प्रशांत... इस वजह से छोड़ा था घर

35 साल पहले एक व्यक्ति ने  मामूली से मनमुटाव के चलते घर छोड़ कर जयपुर चले आए. जिन्हें अस्पताल प्रशासन ने उनके परिवार से मिलवाया.

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Published : Apr 27, 2019, 2:47 PM IST

35 साल बाद मिले प्रशांत अपने परिवार से

जयपुर. राजधानी के एसएमएस अस्पताल में एक मामला आया है. जिसने सभी को हैरान कर दिया. करीब 35 साल पहले प्रशांत नाम के व्यक्ति ने मामूली से मनमुटाव के चलते घर छोड़ दिया. फिर जयपुर चले आए लेकिन इसके बाद कभी मुड़कर वापस घर की तरफ नहीं देखा.

35 साल बाद मिले प्रशांत अपने परिवार से

कुछ समय पहले प्रशांत की तबीयत बिगड़ी और उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया. ऐसे में किसी अनजान व्यक्ति ने उन्हें एस एम एस अस्पताल में एडमिट करवा दिया . जब इनके घर वालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने प्रशांत की हालत सुधारने तक सेवा करना शुरू कर दी ,दरअसल अस्पताल में स्थित नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से संजीवनी सेवा समिति चलाई जाती है, जो इस तरह के मरीजों को भोजन कपड़े और दवाइयां उपलब्ध करवाती है.

करीब 10 दिन से अधिक इलाज चलने के बाद प्रशांत की मानसिक स्थिति ठीक हुई तो उन्होंने अपने घरवालों के बारे में बताया जो बाड़मेर में रहते हैं . तुरंत उनसे संपर्क किया गया और इस बारे में जानकारी दी गई. जब इस बारे में प्रशांत को बताया गया तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. 35 साल बाद परिवार से मिलने की खुशी भी उनके चेहरे पर दिखाई दे रही थी. दरअसल प्रशांत को टीवी की बीमारी थी. इलाज नहीं होने के चलते उनका मानसिक संतुलन बिगड़ना शुरू हो गया था.

जयपुर. राजधानी के एसएमएस अस्पताल में एक मामला आया है. जिसने सभी को हैरान कर दिया. करीब 35 साल पहले प्रशांत नाम के व्यक्ति ने मामूली से मनमुटाव के चलते घर छोड़ दिया. फिर जयपुर चले आए लेकिन इसके बाद कभी मुड़कर वापस घर की तरफ नहीं देखा.

35 साल बाद मिले प्रशांत अपने परिवार से

कुछ समय पहले प्रशांत की तबीयत बिगड़ी और उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया. ऐसे में किसी अनजान व्यक्ति ने उन्हें एस एम एस अस्पताल में एडमिट करवा दिया . जब इनके घर वालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया.

अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने प्रशांत की हालत सुधारने तक सेवा करना शुरू कर दी ,दरअसल अस्पताल में स्थित नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से संजीवनी सेवा समिति चलाई जाती है, जो इस तरह के मरीजों को भोजन कपड़े और दवाइयां उपलब्ध करवाती है.

करीब 10 दिन से अधिक इलाज चलने के बाद प्रशांत की मानसिक स्थिति ठीक हुई तो उन्होंने अपने घरवालों के बारे में बताया जो बाड़मेर में रहते हैं . तुरंत उनसे संपर्क किया गया और इस बारे में जानकारी दी गई. जब इस बारे में प्रशांत को बताया गया तो उनकी आंखों में आंसू आ गए. 35 साल बाद परिवार से मिलने की खुशी भी उनके चेहरे पर दिखाई दे रही थी. दरअसल प्रशांत को टीवी की बीमारी थी. इलाज नहीं होने के चलते उनका मानसिक संतुलन बिगड़ना शुरू हो गया था.

Intro:कहते हैं सुबह का भूला अगर शाम को घर लौट आए तो उसे भूला नहीं कहते लेकिन राजधानी के एसएमएस अस्पताल में एक भूला ऐसा मिला जो 35 साल से अपने घर ही नहीं लौट पाया


Body:यह वाक्य है प्रशांत नाम के व्यक्ति का जिन्होंने करीब 35 साल पहले मामूली से मनमुटाव के चलते घर छोड़ दिया और जयपुर चले आए लेकिन इसके बाद कभी मुड़कर वापस घर की तरफ नहीं देखा। जयपुर रहने के बाद कुछ समय पहले प्रशांत की तबीयत बिगड़ी और उसने अपना मानसिक संतुलन खो दिया ऐसे में किसी अनजान व्यक्ति ने उन्हें एस एम एस अस्पताल में एडमिट करवा दिया और जब इनके घर वालों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया नहीं करना वहीं अस्पताल के नर्सिंग स्टाफ को इस बारे में जानकारी मिली तो उन्होंने प्रशांत की हालत सुधारने तक सेवा करना शुरू कर दी दरअसल अस्पताल में स्थित नर्सिंग एसोसिएशन की ओर से संजीवनी सेवा समिति चलाई जाती है जो इस तरह के मरीजों को भोजन कपड़े और दवाइयो उपलब्ध करवाती है करीब 10 दिन से अधिक इलाज चलने के बाद प्रशांत की मानसिक स्थिति ठीक हुई तो उन्होंने अपने घरवालों के बारे में बताया जो बाड़मेर में रहते हैं तो तुरंत उनसे संपर्क किया गया और इस बारे में जानकारी दी गई, और जब इस बारे में प्रशांत को बताया गया तो उनकी आंखों में आंसू आ गए और 35 साल बाद परिवार से मिलने की खुशी भी उनके चेहरे पर दिखाई दे रही थी दरअसल प्रशांत को टीवी की बीमारी थी और इलाज नहीं होने के चलते उनका मानसिक संतुलन बिगड़ना शुरू हो गया था

बाईट-बलदेव चौधरी, नर्सिंग sms हॉस्पिटल


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