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जयपुर: सहकारी समिति की जमीन पर माता-पिता को बसाकर किया कब्जा, प्रशासन ने करवाया खाली

बस्सी उपखंड के तूंगा गांव में एक व्यक्ति ने दुग्ध सहकारी समिति भवन की जमीन पर अपने माता-पिता को बसा दिया. सरकारी जमीन पर कब्जे की ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें की. जिसके बाद बस्सी एसडीएम के आदेश पर सोमवार को नायब तहसीलदार राकेश जैन के नेतृत्व में टीम ने कब्जे की जमीन को खाली करवाया.

Illegal possession,  Illegal possession in jaipur
जयपुर: सहकारी समिति की जमीन पर माता-पिता को बसा किया कब्जा, प्रशासन ने करवाया खाली
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Published : Jan 4, 2021, 11:03 PM IST

बस्सी (जयपुर). बस्सी उपखंड के तूंगा गांव में एक व्यक्ति ने दुग्ध सहकारी समिति भवन की जमीन पर अपने माता-पिता को बसा दिया. सरकारी जमीन पर कब्जे की ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें की. जिसके बाद बस्सी एसडीएम के आदेश पर सोमवार को नायब तहसीलदार राकेश जैन के नेतृत्व में टीम ने कब्जे की जमीन को खाली करवाया. सहकारी समिति भवन पर कब्जा कर रह रहे बुजुर्ग दंपती के सामान को प्रशासन ने बाहर रखा और भवन को खाली करवाया. प्रशासन ने कब्जा छुड़वाकर जमीन डेयरी समिती को सौंप दी. कार्रवाई के दौरान पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा.

37 साल बाद कोर्ट ने दुकानदार के पक्ष में आया फैसला

बाड़मेर में एक दुकानदार को अपनी दुकान 37 साल बाद वापस मिली है. जगदीश खत्री ने बताया कि उनके पिता ने यह दुकान 54 साल पहले 80 रुपए किराए में दी थी. लेकिन फिर बाद में किरायेदार ने दुकान पर कब्जा कर लिया और उसे खाली करने से मना कर दिया. सालों तक कोर्ट में केस चला और रविवार को कोर्ट ने दुकानदार के पक्ष में फैसला सुनाया.

पढ़ें: बाड़मेर: 37 साल बाद कोर्ट ने दुकानदार के पक्ष में सुनाया फैसला, किराएदार खाली नहीं कर रहा था दुकान

बाड़मेर शहर के स्टेशन रोड पर 54 साल पहले किराए पर दी गई दुकान पर किराएदार ने कब्जा कर लिया था और वह खाली नहीं करा था. क्योंकि यह दुकान बाड़मेर शहर के मुख्य बाजार में स्थित है. जिसकी वजह से किराएदार इस दुकान को खाली करने पक्ष में नहीं था, लिहाजा दुकान मालिक ने इसको लेकर कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया, जिसके बाद कई सालों तक मुकदमा चला और आखिरकार रविवार को न्यायालय ने दुकान मालिक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दुकान खाली करवाने और कब्जा सुपुर्द करने के आदेश दिए.

बस्सी (जयपुर). बस्सी उपखंड के तूंगा गांव में एक व्यक्ति ने दुग्ध सहकारी समिति भवन की जमीन पर अपने माता-पिता को बसा दिया. सरकारी जमीन पर कब्जे की ग्रामीणों ने कई बार शिकायतें की. जिसके बाद बस्सी एसडीएम के आदेश पर सोमवार को नायब तहसीलदार राकेश जैन के नेतृत्व में टीम ने कब्जे की जमीन को खाली करवाया. सहकारी समिति भवन पर कब्जा कर रह रहे बुजुर्ग दंपती के सामान को प्रशासन ने बाहर रखा और भवन को खाली करवाया. प्रशासन ने कब्जा छुड़वाकर जमीन डेयरी समिती को सौंप दी. कार्रवाई के दौरान पुलिस बल भी मौके पर मौजूद रहा.

37 साल बाद कोर्ट ने दुकानदार के पक्ष में आया फैसला

बाड़मेर में एक दुकानदार को अपनी दुकान 37 साल बाद वापस मिली है. जगदीश खत्री ने बताया कि उनके पिता ने यह दुकान 54 साल पहले 80 रुपए किराए में दी थी. लेकिन फिर बाद में किरायेदार ने दुकान पर कब्जा कर लिया और उसे खाली करने से मना कर दिया. सालों तक कोर्ट में केस चला और रविवार को कोर्ट ने दुकानदार के पक्ष में फैसला सुनाया.

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बाड़मेर शहर के स्टेशन रोड पर 54 साल पहले किराए पर दी गई दुकान पर किराएदार ने कब्जा कर लिया था और वह खाली नहीं करा था. क्योंकि यह दुकान बाड़मेर शहर के मुख्य बाजार में स्थित है. जिसकी वजह से किराएदार इस दुकान को खाली करने पक्ष में नहीं था, लिहाजा दुकान मालिक ने इसको लेकर कोर्ट में मुकदमा दर्ज किया, जिसके बाद कई सालों तक मुकदमा चला और आखिरकार रविवार को न्यायालय ने दुकान मालिक के पक्ष में फैसला सुनाते हुए दुकान खाली करवाने और कब्जा सुपुर्द करने के आदेश दिए.

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