जयपुर. अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-1 महानगर द्वितीय ने आरएएस भर्ती-2013 की प्रारंभिक परीक्षा के पेपर लीक मामले में दस साल बाद गिरफ्तार आरोपी कपिल भारद्वाज, आशुतोष मीणा, बाबूलाल सोनी और अजीत सिंह को जमानत पर रिहा करने आदेश दिए हैं. अदालत ने यह आदेश आरोपियों की जमानत अर्जियों को स्वीकार करते हुए दिए.
जमानत अर्जी में अधिवक्ता दीपक चौहान ने बताया कि प्रकरण में दर्ज एफआईआर में कपिल और अजीत सिंह नामजद आरोपी नहीं हैं. वहीं, इस संबंध में दो बार पेश आरोप पत्र में भी उन्हें आरोपी नहीं माना गया. आरोपियों को सीआरपीसी की धारा 41ए का नोटिस देने के बाद उन्होंने जांच में पूरा सहयोग किया है. इसके बावजूद भी उन्हें एफआईआर दर्ज होने के करीब दस साल बाद गिरफ्तार किया गया है. ऐसे में उन्हें जमानत दी जाए.
पढ़ेंः राजस्थान हाईकोर्ट ने दो वर्षीय डिप्लोमा वालों को सेवा में बनाए रखने के दिए आदेश
जिसका विरोध करते हुए सरकारी वकील ने कहा कि आरोपियों पर संगठित गिरोह बनाकर परीक्षा का पेपर लीक करवाकर भारी राशि लेने का आरोप है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपियों को जमानत पर रिहा करने के आदेश दिए हैं. गौरतलब है कि प्रारंभिक परीक्षा का परिणाम जारी होने के बाद आरपीएससी ने एसओजी को रिपोर्ट दी थी. रिपोर्ट में बताया गया की प्रथम दस स्थान प्राप्त करने वाले अभ्यर्थियों में से तीन भाई-बहन हैं. वहीं, शुरू के पचास स्थानों में शामिल अभ्यर्थियों में से पांच अभ्यर्थी एक ही परिवार, दो अन्य परिवार से तीन-तीन अभ्यर्थी और पांच अन्य परिवारों के दो-दो अभ्यर्थी हैं. इसके साथ ही अधिकतर का गृह जिला करौली व जयपुर है. वहीं ,अधिकतर अभ्यर्थी मीणा समाज के हैं. इससे स्पष्ट है कि संगठित गिरोह ने जालसाजी कर अनुचित साधनों का उपयोग किया है.