जयपुर. शहर भर में सैकड़ों अवैध मीट की दुकानें संचालित हैं. इसको लेकर बीते दिनों हवामहल विधानसभा क्षेत्र के नवनिर्वाचित विधायक बालमुकुंदाचार्य ने मोर्चा भी खोला था, जिसके बाद निगम प्रशासन चेता और अब दोनों निगम प्रशासन ने शहर में अवैध मीट शॉप्स को चिह्नित करने का काम शुरू कर दिया है. निगम प्रशासन इन दुकानों के लाइसेंस चेक कर रहा है. इसके साथ ही नियमों की पालना की भी जांच की जा रही है. लाइसेंस लेने के लिए समझाइश भी की जा रही है.जिन दुकानदारों के पास लाइसेंस नहीं होगा उनकी दुकानें सीज की जाएंगी.
नियमों का पालन करना होगा: पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ महेश शर्मा ने बताया कि मीट शॉप खोलने को लेकर जो लाइसेंस दिए जाते हैं, उसमें नियम है कि 50 मीटर के दायरे में कोई धार्मिक स्थल और स्कूल नहीं होना चाहिए. इसके अलावा दुकानदार को अपनी दुकान में कांच लगाकर कटिंग करनी होगी. कटिंग की हुई सामग्री बाहर प्रदर्शित नहीं होनी चाहिए. आसपास सफाई का भी ध्यान रखने का नियम है. इन सभी नियमों का पालन मीट दुकानदारों को करना होगा.
अवैध दुकानों पर होगी कार्रवाई: हेरिटेज नगर निगम क्षेत्र ने 115 लाइसेंस दिए हैं. इस संबंध में निगम कमिश्नर ने भी निर्देश दिए हैं कि जो भी नियमों को ताक पर रखकर अवैध दुकानें संचालित हो रही है, उन्हें चिह्नित करें. पहले उन्हें लाइसेंस के लिए मोटिवेट किया जाएगा और यदि फिर भी लाइसेंस नहीं लेते हैं तो उन्हें सीज किया जाएगा. स्वास्थ्य उपायुक्त नूर मोहम्मद ने बताया कि अवैध मीट शॉप को लेकर खुद कमिश्नर ने मीटिंग ली, जिसमें सभी जोन उपयुक्त शामिल हुए. उन्हें स्पष्ट निर्देश दिए हैं यदि कोई भी मीट शॉप संचालक ओपन में मीट रखता है या उसे बेचता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिन्होंने लाइसेंस नहीं लिए हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है.
खुले में मीट बेचने वालों पर होगी कार्रवाई: मीट शॉप संचालकों को पाबंद किया गया है कि कोई भी खुले में मीट नहीं बेचेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि निगम में इस तरह के कई शिकायतें आई हैं जिसमें ठेले पर खुले में मीट बेचा जा रहा है और कुछ दुकानदार अतिक्रमण करते हुए दुकान संचालित कर रहे हैं. आपको बता दें कि राजधानी में करीब 6 साल पहले करीब 50 से ज्यादा दुकानों को निगम प्रशासन ने एक साथ सीज किया था. इसके बाद कई दुकानदारों ने मीट दुकानों के लाइसेंस लिए थे, लेकिन इसके बाद निगम प्रशासन फिर निष्क्रिय हो गया.