जयपुर. किशनगढ़-रेनवाल पंचायत समिति के बाघावास ग्राम पंचायत में एक लड़की ने सरपंच बनकर एक बार फिर साबित कर दिया है कि बेटियां किसी भी मामले में लड़कों से कम नहीं हाेती. आज का दौर में लड़कियां ना सिर्फ लड़कों को चुनौतियां दे रहीं हैं बल्कि, उन्हें पछाड़ भी रही हैं.
MSC फाइनल ईयर की पढ़ाई करने के साथ सरपंच बनने वाली इस लड़की का नाम हाेनिका बुनकर है. जो जयपुर जिले की रेनवाल तहसील अन्तर्गत बाघावास पंचायत की रहने वाली है. किशनगढ़-रेनवाल पंचायत समिति में सरपंच बनी 21 साल की हाेनिका बुनकर ना सिर्फ अच्छी स्टूडेंट होने का दम रखती है, बल्कि उसमें एक शक्तिशाली नेता होने के भी गुण है. बाघावास ग्राम पंचायत चुनाव में हाेनिका ने उसके सामने खड़े चार पुरुष उम्मीदवारों को मात दी है. होनिका ने ये चुनाव 246 वोटों से जीता है.
बता दें कि, हाेनिका को राजनीति विरासत से नहीं मिली है. उसके पिता बीरबल बुनकर एक सरकारी अध्यापक हैं और मां गृहणी हैं. जब हाेनिका से पूछा गया कि आप पढ़ रही थीं, तो आपके मन में कैसे आया की चुनाव लड़ना चाहिए और क्या वजह रहीं कि आपने ग्राम पंचायत का चुनाव लड़ा. इस पर होनिका ने कहा कि उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि वो राजनीति में आएंगी. लेकिन वो हमेशा यही सोचती थीं कि सरकारी नौकरी या समाजसेवा का कोई काम करेंगी. लेकिन, जब उनके ग्राम पंचायत में एससी और जनरल सीट आई तो उन्होंने चुनाव लड़ने का मन बना लिया.
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हाेनिका ने बताया की उनकी पहली प्राथमिकता गांव को आदर्श गांव बनाने, गांव में पेयजल समस्या को दूर करने, अधूरी सड़कें, रोड लाइट, महिलाओं के लिए रोजगार के अवसर, राज्य सरकार और केंद्र सरकार की योजनाओं को पंचायत में लागू कराना, मनरेगा कार्यों को बढ़ावा देना और युवाओं के लिए लाइब्रेरी और स्टेडियम बनवाने की है.