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11 साल की प्रियांशी बोली 'भारत माता की जय', भारतीय नागरिकता पाकर सगे भाई बहन भी हुए खुश - 21 Pakistani displaced get Indian citizenship

जिला कलेक्ट्रेट परिसर बुधवार को भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारों से गूंज उठा. यहां 21 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा गया. प्रमाण पत्र पाकर सभी के चेहरे खिल उठे और सभी ने कहा कि NOW WE ARE INDIAN. इसके साथ ही सभी ने भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारे भी लगाए.

पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता,  Pakistan displaced got Indian citizenship
पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता
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Published : Nov 27, 2019, 11:42 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट बुधवार को भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारों से गूंज उठा. यहां 21 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा गया. कई सालों से यह लोग भारतीय नागरिकता पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे. जिसके बाद आखिरकार बुधवार को उनका सपना पूरा हो गया.

पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता

पाक विस्थापितों में 11 साल की प्रियांशी महेश्वरी भी शामिल थी. जिसे भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने दिया. सगे भाई बहन को भी भारतीय नागरिकता दी गई है. जिसके बाद नागरिकता पाकर सभी ने कहा कि NOW WE ARE INDIAN. इस दौरान सभी ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी लगाए.

11 साल की प्रियांशी बोली, भारत माता की जय-

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने प्रियांशी माहेश्वरी को चॉकलेट दी और उसके बाद उसे भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा. जिला कलेक्टर यादव ने उसके सर पर हाथ रख कर उसे आशीर्वाद भी दिया. प्रियांशी क्लास सिक्स में पढ़ती है और हिम्मत नगर की रहने वाली है. भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र लेकर प्रियांशी ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए.

पढ़ें- छलके खुशी के आंसूः 19 साल बाद 21 पाक विस्थापित नागरिकों को मिली भारतीय नागरिकता...

प्रियांशी के पिता भीष्म माहेश्वरी ने बताया कि हम दोनों पति-पत्नी को पहले ही भारतीय नागरिकता मिल चुकी थी लेकिन बेटी प्रियांशी को नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं मिला था. जिसके लिए वे सालों से प्रयास कर रहे थे. वहीं, बुधवार को जब प्रियांशी को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला तो पिता भीष्म माहेश्वरी और मां बहुत खुश नजर आए.

भीष्म ने बताया कि यदि माता पिता अन्य देश के रहने वाले हो और उनकी संतान भारत में पैदा हुई हो तो संतान को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि वो कई सालों से भारत में रह रहे हैं और उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं हुई. उनका जीवन सरल तरीके से चल रहा है.

भाई-बहन को मिली भारतीय नागरिकता

जिन 21 पाक विस्थापितों को बुधवार को भारतीय नागरिकता दी गई उनमें सगे भाई बहन भी शामिल थे. यह दोनों मानसरोवर कावेरी पथ के रहने वाले हैं. 19 वर्षीय नोमी ने बताया कि जब वे 6 महीने के थे तो परिवार के साथ भारत शिफ्ट हो गए थे. शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन बाद में सभी लोगों ने सहयोग किया. नोमी की बहन मोना को भी बुधवार को भारतीय नागरिकता मिली. जिसके बाद दोनों के चेहरे खिल उठे.

जयपुर. जिला कलेक्ट्रेट बुधवार को भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारों से गूंज उठा. यहां 21 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा गया. कई सालों से यह लोग भारतीय नागरिकता पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे. जिसके बाद आखिरकार बुधवार को उनका सपना पूरा हो गया.

पाक विस्थापितों को मिली भारतीय नागरिकता

पाक विस्थापितों में 11 साल की प्रियांशी महेश्वरी भी शामिल थी. जिसे भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने दिया. सगे भाई बहन को भी भारतीय नागरिकता दी गई है. जिसके बाद नागरिकता पाकर सभी ने कहा कि NOW WE ARE INDIAN. इस दौरान सभी ने भारत माता की जय और वंदे मातरम के नारे भी लगाए.

11 साल की प्रियांशी बोली, भारत माता की जय-

जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने प्रियांशी माहेश्वरी को चॉकलेट दी और उसके बाद उसे भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा. जिला कलेक्टर यादव ने उसके सर पर हाथ रख कर उसे आशीर्वाद भी दिया. प्रियांशी क्लास सिक्स में पढ़ती है और हिम्मत नगर की रहने वाली है. भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र लेकर प्रियांशी ने भारत माता की जय के नारे भी लगाए.

पढ़ें- छलके खुशी के आंसूः 19 साल बाद 21 पाक विस्थापित नागरिकों को मिली भारतीय नागरिकता...

प्रियांशी के पिता भीष्म माहेश्वरी ने बताया कि हम दोनों पति-पत्नी को पहले ही भारतीय नागरिकता मिल चुकी थी लेकिन बेटी प्रियांशी को नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं मिला था. जिसके लिए वे सालों से प्रयास कर रहे थे. वहीं, बुधवार को जब प्रियांशी को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला तो पिता भीष्म माहेश्वरी और मां बहुत खुश नजर आए.

भीष्म ने बताया कि यदि माता पिता अन्य देश के रहने वाले हो और उनकी संतान भारत में पैदा हुई हो तो संतान को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है. उन्होंने बताया कि वो कई सालों से भारत में रह रहे हैं और उन्हें यहां कोई दिक्कत नहीं हुई. उनका जीवन सरल तरीके से चल रहा है.

भाई-बहन को मिली भारतीय नागरिकता

जिन 21 पाक विस्थापितों को बुधवार को भारतीय नागरिकता दी गई उनमें सगे भाई बहन भी शामिल थे. यह दोनों मानसरोवर कावेरी पथ के रहने वाले हैं. 19 वर्षीय नोमी ने बताया कि जब वे 6 महीने के थे तो परिवार के साथ भारत शिफ्ट हो गए थे. शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन बाद में सभी लोगों ने सहयोग किया. नोमी की बहन मोना को भी बुधवार को भारतीय नागरिकता मिली. जिसके बाद दोनों के चेहरे खिल उठे.

Intro:जयपुर। जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में बुधवार को भारत माता की की जय और वंदेमातरम के नारे से गूंज उठा। यहां 21 पाक विस्थापितों को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा गया। कई सालों से यह लोग भारतीय नागरिकता पाने के लिए जद्दोजहद कर रहे थे और आखिरकार यह सब का सपना बुधवार को पूरा हो गया।


Body:पाक विस्थापितों में 11 साल की प्रियांशी महेश्वरी भी शामिल थी जिसे भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने दिया। सगे भाई बहन को भी भारतीय नागरिकता दी गयी है। नागरिकता पाकर सभी ने कहा कि नाउ वी आर इंडियन और सभी ने भारत माता की जय और वन्दे मातरम के नारे लगाए।

11 साल की प्रियांशी बोली, भारत माता की जय-
जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने प्रियांशी माहेश्वरी को चॉकलेट दी और उसके बाद उसे भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा। यादव ने उसके सर पर हाथ रख कर उसे आशीर्वाद भी दिया। भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र लेकर प्रियांशी ने भारत माता की जय भी बोली। प्रियांशी के पिता भीष्म माहेश्वरी ने बताया कि हम दोनों पति-पत्नी को पहले ही भारतीय नागरिकता मिल चुकी थी कि उनकी बेटी प्रियांशी को नागरिकता का प्रमाण पत्र नहीं मिला था और इसके लिए वे कई सालों से प्रयास कर रहे थे। बुधवार को जब प्रियांशी को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र मिला तो पिता भीष्म माहेश्वरी और माँ बहुत खुश नजर आए। भीष्म ने बताया कि यदि माता पिता अन्य देश के रहने वाले हो उनकी संतान भारत में पैदा हुई हो तो भी संतान को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र लेना जरूरी होता है। कई सालों से भारत में रह रहे हैं उन्होंने यह भी कहा कि भारत में रहते हुए किसी भी प्रकार की कोई दिक्कत का सामना नहीं करना पड़ा। उनका जीवन सरल तरीके से चल रहा है। प्रियांशी क्लास सिक्स में पढ़ती है और हिम्मत नगर की रहने वाली है।

भाई बहन को भी मिली भारतीय नागरिकता
जिन 21 पाक विस्थापितों को बुधवार को भारतीय नागरिकता दी गई उनमें सगे भाई बहन भी शामिल थे। यह दोनों मानसरोवर कावेरी पथ के रहने वाले हैं। 19 वर्षीय नोमी ने बताया कि जब वे 6 महीने के थे तो परिवार के साथ भारत शिफ्ट हो गए थे। शुरुआत में थोड़ी परेशानी हुई लेकिन बाद में सभी लोगों ने सहयोग किया। नोमी की बहन मोना को भी बुधवार को भारतीय नागरिकता मिली भारतीय नागरिकता पाकर दोनों के चेहरे खिल उठे।

बाईट 1. प्रियांशी माहेश्वरी
2. भीष्म माहेश्वरी, प्रियांशी के पिता


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