कोटपूतली (जयपुर). कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में ऑक्सीजन सिलेंडर के लिए मारामारी मची है. ऑक्सीजन सिलेंडरों और इंजेक्शन की कालाबाजारी भी हो रही है, लेकिन जयपुर के कोटपूतली में ऐसे भी लोग हैं जो कोरोना पीड़ितों की जान बचाने के लिए तत्पर हैं. जयपुर ग्रामीण के सबसे बड़े जिला चिकित्सालय में कार्यरत नर्सिंग कर्मी रमाकांत यादव ने कोरोना पीड़ितों की मदद की ऐसी ही मिसाल पेश की है.
नर्सिंग कर्मी रमाकांत यादव निरंतर चिकित्सालय में तो अपनी ड्यूटी निभा ही रहे हैं, उसके साथ उन्होंने कई दफा ऐसा देखा कि ऑक्सीजन प्लांट पर ज्यादा दबाव होने की वजह से वह बंद हो जा रहे थे. खाली सिलेंडर न होने की वजह से मरीजों तक समय पर ऑक्सीजन नहीं मिल पा रही थी. उन्होंने इस बारे में विचार किया और सोचा क्यों न किसी से मदद मांगी जाए. उन्होंने इस समस्या के बारे में अपने बड़े भाई बताया जो कि क्रेशर का कार्य करते हैं. क्रेशर बंद होने के कारण वहां रखे सिलेंडर काम में नहीं आ रहे थे. रमाकांत ने उन सिलेंडरों को बड़े भाई से राजकीय बीडीएम अस्पताल में भेजने के लिए कहा ताकि मरीजों की मदद हो सके. उनके भाई ने इसे सहर्ष भी स्वीकार किया. उन्होंने कहा कि महामारी के दौर में छोटे से प्रयास से यदि किसी को सांसें मिलती हैं तो पुण्य का कार्य होगा.
रमाकांत यादव की पहल पर 15 खाली सिलेंडर राजकीय बीडीएम अस्पताल में मंगवाए गए और उन्हें ऑक्सीजन प्लांट से भरवाया गया जो अब जरूरत के अनुसार कोरोना मरीज की जिंदगी बचाने का कार्य कर रहे हैं. कई बार ऑक्सीजन प्लांट ट्रिप हो जाने के कारण ऑक्सीजन सिलेंडर समय पर नहीं भर पाते थे. क्योंकि अस्पताल के पास सिलेंडरों की संख्या सीमित थी और मरीजों की संख्या ज्यादा. नर्सिंग कर्मी रमाकांत का कहना है कि उन्होंने सोच रखा था कि कोरोना मरीजों का ऑक्सीजन की कमी नहीं होने देंगे.