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हनुमानगढ़: पुलिस और चिकित्सा विभाग की संवेदनहीनता, घायल बुजुर्ग बीच सड़क पर घंटों तड़पता रहा - हनुमानगढ़ में बुजुर्ग व्यक्ति का एक्सीडेंट

शुक्रवार को एक अनियंत्रित ट्रैक्टर ने एक बुजुर्ग को टक्कर मार दी. हादसे में बुजुर्ग बुरी तरह से घायल हो गया. उसकी एक टांग टूट गई. कई जगह चोटें आई. लेकिन लोगों के बार-बार फोन करने पर भी एंबुलेंस वहां नहीं पहुंची. जिसके बाद लोगों ने टैंपों में बैठाकर बुजुर्ग को अस्पताल पहुंचाया.

tractor hit old man in hanumangarh,  tractor hit old man
हनुमानगढ़ में ट्रैक्टर ने बुजुर्ग को मारी टक्कर
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Published : Sep 19, 2020, 6:52 AM IST

हनुमानगढ़. जक्शन थाना इलाके के जल संसाधन कार्यालय के पास शुक्रवार को एक हादसा हो गया, वहां से गुजर रहे अनियंत्रित ट्रैक्टर ने सड़क किनारे एक बुजुर्ग व्यक्ति को इस कदर अपनी चपेट में लिया की बुजुर्ग एक टांग फ्रैक्चर हो गई और वो लहूलुहान हो गया. लेकिन लोगों के बार-बार फोन करने पर भी एंबुलेंस वहां नहीं पहुंची. जिसके बाद लोगों ने पुलिस को हादसे की सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने भी अपनी गाड़ी से बुजुर्ग को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया.

1 घंटे कॉल करने के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस

काफी देर बाद एक टैंपो में बैठाकर बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. अभी बुजुर्ग का इलाज चल रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संवेदनहीनता इस पूरे हादसे में सामने आई. 108 एंबुलेंस को करीब 1 घंटे तक फोन करने के बाद भी वो मौके पर नहीं पहुंची. तब तक घायल बुजुर्ग सड़क पर ही तड़पता रहा. पुलिस मौके पर पहुंची तो प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने भी अपनी गाड़ी की सीट खराब होने की बात कही और बुजुर्ग को अस्पताल नहीं पहुंचाया.

पढ़ें: झालावाड़ः तालाब में नहाने गए 2 सगे भाई सहित 3 बच्चों की डूबने से मौत

किसी भी एक्सीडेंट के बाद शुरूआती 1 घंटा बेहद महत्वपूर्ण होता है. अगर उसमें पीड़ित को सही इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचने के चांस बढ़ जाते हैं. लेकिन सरकारी सिस्टम की उदासीनता कई बार जिंदगियों को भारी पड़ जाती है.

हनुमानगढ़. जक्शन थाना इलाके के जल संसाधन कार्यालय के पास शुक्रवार को एक हादसा हो गया, वहां से गुजर रहे अनियंत्रित ट्रैक्टर ने सड़क किनारे एक बुजुर्ग व्यक्ति को इस कदर अपनी चपेट में लिया की बुजुर्ग एक टांग फ्रैक्चर हो गई और वो लहूलुहान हो गया. लेकिन लोगों के बार-बार फोन करने पर भी एंबुलेंस वहां नहीं पहुंची. जिसके बाद लोगों ने पुलिस को हादसे की सूचना दी. पुलिस मौके पर पहुंची लेकिन प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि पुलिस ने भी अपनी गाड़ी से बुजुर्ग को अस्पताल ले जाने से मना कर दिया.

1 घंटे कॉल करने के बाद भी नहीं आई एंबुलेंस

काफी देर बाद एक टैंपो में बैठाकर बुजुर्ग को अस्पताल में भर्ती करवाया गया. अभी बुजुर्ग का इलाज चल रहा है. लेकिन स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की संवेदनहीनता इस पूरे हादसे में सामने आई. 108 एंबुलेंस को करीब 1 घंटे तक फोन करने के बाद भी वो मौके पर नहीं पहुंची. तब तक घायल बुजुर्ग सड़क पर ही तड़पता रहा. पुलिस मौके पर पहुंची तो प्रत्यक्षदर्शियों ने कहा कि उन्होंने भी अपनी गाड़ी की सीट खराब होने की बात कही और बुजुर्ग को अस्पताल नहीं पहुंचाया.

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किसी भी एक्सीडेंट के बाद शुरूआती 1 घंटा बेहद महत्वपूर्ण होता है. अगर उसमें पीड़ित को सही इलाज मिल जाए तो उसकी जान बचने के चांस बढ़ जाते हैं. लेकिन सरकारी सिस्टम की उदासीनता कई बार जिंदगियों को भारी पड़ जाती है.

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