हनुमानगढ़. 'इंसान अगर ठान ले तो कुछ भी असंभव नहीं है. फिर चाहे कितनी ही विपदा क्यों न आ जाए, उसे कोई फर्क नहीं पड़ता.' ऐसा ही समाज सेवा का जज्बा और जुनून हनुमानगढ़ में देखने को मिला, जहां की बेटी एवं रोडवेज परिचालिका कोरोना की इस आफत की घड़ी में आमजन के लिए मसीहा बनकर सामने आई. उन्होंने अपनी सरकारी नौकरी एवं घर की सार-संभाल के बावजूद अभी तक सामाजिक सेवा निभा रही है. जी हां, हम राजस्थान परिवहन विभाग के हनुमानगढ़ रोडवेज डिपो में कार्यरत महिला परिचालक शकुंतला सहारण की बात कर रहे हैं.
जानकारी के मुताबिक, शकुंतला सहारण ने कोरोना महामारी के चलते मुख्यमंत्री सहायता कोष में अपनी सैलरी में से पांच दिन का वेतन स्वैच्छा से दान किया. खास बात यह है कि शकुंतला पांच दिन का वेतन जमा करवाने वाली प्रदेश की पहली महिला परिचालक बन गई है. इसके अलावा रोडवेज बसों में ज्यादा से ज्यादा यात्री सफर कर सके और संक्रमण से भी बच सके. इसके लिए उन्होंने यात्रियों एवं आमजन को जागरूकता के लिए डिपो में पांच थर्मल स्क्रीनिंग मशीन, हजारों मास्क, सैनिटाइजर आदि अपने खर्चे पर उपलब्ध करवाए.
इतना ही नहीं, उन्होंने कोरोना महामारी से जागरूकता के लिए करीब 5 हजार पोस्टर प्रकाशित करवा आमजन को वितरित करने के साथ-साथ सार्वजनिक स्थानों और रोडवेज बसों में भी लगाए. ये कार्य शकुंतला लॉकडाउन से लेकर आज तक कर रही है. ये सारे सामाजिक सरोकार शकुंतला अपने लंच टाइन में से समय निकाल कर करती है, ताकि उनका कार्यालय का कार्य भी प्रभावित नहीं हो. यही कारण है कि, इनका विभागीय रिपोर्ट कार्ड भी संतोषजनक है.
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बता दें कि शकुंतला समाज सेवा के साथ-साथ पर्यावरण प्रेमी भी है. वह अपनी डयूटी के अलाव बचे समय में आस-पास की ग्राम पंचायतों में पौधारोपण का कार्य भी करती रहती है. इसके साथ ही खेलकूद में भी उनकी एक अलग पहचान है. उन्होंने साल 2017 और 2018 में राष्ट्रीय क्रॉस कंट्री प्रतियोगिता में प्रदेश, जिले के साथ अपने माता-पिता का नाम रोशन कर चुकी हैं. एमए और आरएस-सीआईटी में डिप्लोमाधारी शकुंतला पिछले 6 साल से रोडवेज डिपो अपनी सेवा दे रही हैं.
आपको जानकर हैरानी होगी कि शकुंतला इस कार्य के लिए किसी की मदद भी नहीं लेती. बल्कि खुद से लोगों की सहायता करती हैं. संकट की घड़ी में जरूरतमंदों तक खाना पहुंचाने से लेकर आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों को शिक्षा से जोड़ने की बात हो, इन सभी कार्यों में शकुंतला बढ़-चढ़कर हिस्सा लेती है. इनके इस कार्य को देखते हुए श्रीगंगानगर सांसद निहालचंद से लेकर पूर्व कैबिनेट मंत्री डॉ. रामप्रताप तक इनकी सराहना कर चुके हैं. जिलास्तर के साथ-साथ शकुंतला को राजस्थान राज्य परिवहन निगम मुख्यालय के अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक नवीन जैन भी इन्हें सम्मानित कर चुके हैं.
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शकुंतला ने साल 2014 में रोडवेज डिपो में परिचलिका का पद संभाला. कोरोना काल में जब सब लोग घरों में बैठे थे, तब वह घर-घर जाकर लोगों को जागरूक कर रही थी और जरूरतमंदों की मदद कर रही थी. वहीं, अगर उनकी निजी जिंदगी के बारे में कहा जाए तो शकुंतला मूल रूप से श्रीगंगानगर जिले के गांव लालगढ़ जाटान की रहने वाली है. इनके पिता रामचंद्र एक किसान है. इनके पति रोहताश कुमार हरियाणा पुलिस में सीआई के पद पर तैनात है. शकुंतला का कहना है कि जब तक वह जिंदा है, तब तक वह अपनी तनख्वाह का कुछ हिस्सा जरूरतमंदों की मदद के लिए खर्च करती रहेंगी.