हनुमानगढ़. देश में लॉकडाउन 3.0 का मंगलवार को दूसरा दिन है. लॉकडाउन के कारण देश के अलग-अलग हिस्सों में प्रवासी मजदूर, छात्र और पर्यटक फंसे हुए हैं, लेकिन लॉकडाउन में फंसे मजदूरों की हालत बेहद खराब है. रोजी-रोटी तो छिन चुकी है, वे घर भी नहीं लौट पा रहे हैं. हनुमानगढ़ के जिला कलेक्टर कार्यालय के बाहर मंगलवार को एक बेहद मार्मिक नजारा दिखा जहां एक मां ने हाथ जोड़कर कहा कि प्रशासन उसके बच्चों को वापस ला दे वरना वह मर जाएगी.
लॉकडाउन में बुरी हालत गरीब प्रवासी मजदूरों की है. जिनके पास न तो मजदूरी रही, न ही रहने और खाने का कोई ठिकाना है. ऐसी सूरत में एक ही बात उनको राहत दे सकती है वो घर वापसी लेकिन परिजनों की लाख कोशिशों के बावजूद ये भी नहीं हो पा रहा है. हनुमानगढ़ जिला कलेक्टर कार्यालय में प्रवासी मजदूरों और अन्य लोगों कोई अपने परिजन की वापसी की गुहार लगाता दिखा तो मां अपने बच्चों को वापस लाने के लिए बेचैन दिखी. वहीं कई लोग अपनी मां की घर वापसी के लिए जद्दोजहद करता दिखा.
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ऐसे ही कुछ मजदूर ने ईटीवी भारत के माध्यम से अपनी परेशानी साझा की. इन परेशान परिजनों ने ईटीवी भारत के माध्यम से बच्चों और परिजनों की वापसी के लिए सरकार से हाथ जोड़कर मदद की गुहार लगाई. वार्ड 56 की काली देवी व सतीपुरा गांव की रेशमा कहती है की मेरे बच्चों को घर से गए महीनों हो गए. मजदूरी के लिए पंजाब के बठिंडा शहर में गए थे. अब वहां भी काम नहीं रहा और वे वहां भूखे रह रहे हैं. रेशमा ने सरकार से गुहार करते हुए कहा कि बस बच्चों को वापस ला दो वर्ना मैं मर जाऊंगी.
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इस मामले को लेकर ईटीवी भारत की टीम ने हनुमानगढ़ SDM कपिल यादव से बात की. जिस पर एसडीएम ने कहा कि प्रशासन प्रयास में जुटा है. जो अतिआवश्यक कार्य के लिए जिले या जिले से बाहर जाने-आने के लिए आवेदन कर रहे हैं, उन्हें ऑनलाइन अनुमति दी जा रही है.