हनुमानगढ़: वेस्टर्न रेलवे एंप्लाइज यूनियन ने शनिवार को रेलवे निजीकरण के विरोध में हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन पर रैली निकाली. रैली हनुमानगढ़ रेलवे स्टेशन से लेकर रेलवे परिसर तक रैली निकाली गई. यूनियन के पदाधिकारी ने मांग रखी कि रेलवे का निजीकरण रोका जाए नहीं तो यह सब के लिए नुकसानदेह होगा.
प्रदर्शन कर रहे यूनियन के पदाधिकारियों का कहना है कि पूरे देश में केंद्र सरकार और रेल मंत्रालय के मनमाने तरीके और भारतीय रेल के परिचालन संचालन में बाहरी लोगों को प्रवेश कराने का फैसला रेल मंत्रालय का एक तरफा है. फैसले के विरोध में यूनियन लगातार जगह-जगह प्रदर्शन कर रहा है.
शाखा सचिव मोहनलाल ने कहा कि रेलवे देश का सबसे बड़ा नियोक्ता है, जिसमें लगभग 13 लाख कर्मचारी सरकारी तौर पर कार्यरत हैं. जिसमें सबसे निम्न पद पर कार्यरत कर्मचारी को कम से कम 30000 हजार प्रति माह वेतन के रूप में मिलता हैं. यदि रेलवे को धन्ना सेठों के हाथों में बेच दिया गया तो जितने भी शिक्षित युवा जो आज भर्ती के माध्यम से रेलवे में जाएंगे उन्हें मात्र 10 से 12 हजार सैलरी के रूप में दिए जाएंगे. साथ ही निजी लोग मनमाना किराया वसूल करेंगे. साथ ही अलग-अलग सीट का अलग-अलग किराया वसूल लेंगे जिससे सभी को नुकसान होगा.
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वही NWREU मांग करती हैं कि रेलवे का निजीकरण नही किया जाए. अगर सरकार इसका निजीकरण करेगी तो यूनियन उग्र आंदोलन करेगी. वही यूनियन के पदाधिकारी ने कहा कि अगर रेलवे का निजीकरण हुआ तो वे लोग 1 सप्ताह तक विरोध प्रदर्शन करेंगे. जिसमें नुक्कड़ सभाएं, रैली और आम जनता से समर्थन मांगा जाएगा और रेलवे के निजीकरण का पुरजोर विरोध किया जाएगा.