हनुमानगढ़. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस (World Day Against Child Labour) पर ईटीवी भारत ने हनुमानगढ़ में बढ़ते बाल श्रम (Child labour) पर खबर प्रकाशित की थी. इस खबर का असर देखने को मिला है. बाल कल्याण समिति और बाल श्रम विभाग ने अलग-अलग जगह बाल श्रम करने वाले 10 बच्चों को मुक्त करवाया है.
ईटीवी भारत ने हनुमानगढ़ में ग्राउंड पर देखा तो मुख्य मार्गों पर सब्जी, नींबू-पानी की रेहड़ियां पर बच्चे काम करते मिल गए. हनुमानगढ़ में प्रशासन की नाक के तले बच्चे चाय की दुकान और कचरा जैसे बीनने के कामों में लगे हैं. ऐसा नहीं है कि ये बच्चे हमेशा से ही रेहड़ियां लगाते थे. ये भी आम बच्चों की तरह स्कूल जाते थे लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना ने इनकी जिंदगी की तकदीर और तस्वीर ही बदल दी है. किसी के पिता की नौकरी छूट गई तो कोई दो जून की रोटी के जुगाड़ में बाल श्रम करने को मजबूर हैं. इस खबर के बाद प्रशासन और बाल कल्याण समिति हरकत में आया. जिसके बाद जिले में बाल श्रम के खिलाफ लगातार कार्रवाई की गई.
यह भी पढ़ें. World Day Against Child Labour: मुरझाता बचपन, कोरोना काल में बढ़ी हनुमानगढ़ में बाल श्रमिकों की संख्या
दुकानदार को नोटिस
हनुमानगढ़ टाउन में एक हरा चारा बेचने वाली दुकान से 3 बच्चों, जंक्शन के मुख्य बस स्टैंड से भिक्षावृत्ति करते 2 बच्चों और जंक्शन के हाउसिंग बोर्ड में 5 बच्चों को कबाड़ एकत्रित करते हुए दस्तयाब किया गया है. उनके माता-पिता के सुपर्द करते हुए उनसे बाल श्रम नहीं करवाने के लिए पाबंद किया और सबको शिक्षा से जोड़ने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. बाल श्रम करवा रहे हरा चारा बेचने वाले दुकानदार को नोटिस जारी कर 7 दिन में जवाब-दाखिल करने की हिदायत दी गई है.
लोगों से अपील
वहीं एक सामाजिक संस्था की फाउंडर शायना अरोड़ा ने कहा कि अगर हमारे प्रयासों से बच्चे की जिंदगी ढर्रे पर लौट आए ये बड़ी बात है. बाल कल्याण समिति हनुमानगढ़ के अध्यक्ष जितेंद गोयल ने सभी से अपील की है कि किसी को भी जिले में कोई बच्चा बाल मजदूरी करता मिले तो समिति को या 1098 हेल्पलाइन पर सूचना दें. जिससे बच्चों को बाल मजदूरी से मुक्त करवाकर समाज की मुख्य धारा से जोड़ा जा सके.