हनुमानगढ़: राजस्थान मरुधरा ग्रामीण बैंक के उपभोक्ताओं के बिना सहमति और जानकारी के धोखाधड़ी कर उनके नाम से लाखों का कर्ज स्वीकृत कर खातों में फर्जी तरीके से लेन-देन करने का मामला सामने आया है. टाउन पुलिस के अनुसार मरूधरा ग्रामीण बैंक के क्षेत्रीय प्रबंधक अयूब खान ने रिपोर्ट दी कि बैंक के फतेहगढ़ खिलेरीबास स्थित शाखा में फर्जीवाड़े की शिकायत मिली थी. खिलेरीबास के रहने वाले बैंक के ग्राहक चंद्रमोहन की शिकायत पर बैंक प्रबंधन ने आंतरिक जांच कराई. इसमें तत्कालीन बैंक शाखा प्रबंधक सतीश शर्मा ने अन्य लोगों के साथ मिलकर धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया.
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अब बैंक प्रबंधन ने सतीश शर्मा के खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य कई धाराओं में टाउन थाने में मामला दर्ज कराया है. आरोप है कि अक्टूबर 2017 में फतेहगढ़ खिलेरीबास बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक ने विमला देवी की कंपनी के नाम से दो लाख रुपए का कर्ज स्वीकृत किया. जबकि विमला देवी की कोई कंपनी ही नहीं है. कर्ज स्वीकृति, खाते में जमा होने और निकालने के संबंध में उनको कोई जानकारी नहीं थी. विमला देवी ने कभी कोई तुलना पत्र तैयार नहीं कराया था. उद्योग कार्ड नहीं बनाया. जबकि उनकी कंपनी की 29 लाख रुपए से अधिक की बिक्री दिखाई गई.
अक्टूबर 2017 में ही दो लाख रुपए के कर्ज का मामला चुकता करने के बाद शाखा प्रबंधक ने उनके नाम से बिना सहमति एक लाख 98 हजार रुपए का साख सुविधा कर्ज लिया. आरोप है कि इसके अलावा भी कई अन्य लोगों के खातों और दस्तावेजों में इस तरह की हेरफेर कर आर्थिक चपत लगाई गई है. पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. अब पुलिस जांच में जुटी है की इसमें कितने लोग शामिल है और कितनी रकम का घोटाला हुआ है.