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NH-754 एक्सप्रेसवे बनने से किसान परेशान, क्या कहा सुनिये - राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे

गांव जाखड़ावाली और अन्य कई गांवों के किसान खासे परेशान नजर आ रहे हैं. उनकी परेशानी का कारण है पंजाब के अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे. इन किसानों का आरोप है कि इस हाईवे को बनाने के लिए किसानों की जमीन एक्वायर की जा रही है. इसके बदले उन्हें जो मुआवजा दिया जा रहा है वह काफी कम है.

राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे बनने से किसानों की बढ़ सकती है परेशानी
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Published : Jun 20, 2019, 5:59 PM IST

हनुमानगढ़. अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की जमीन एक्वायर कर रही है लेकिन उन्हें जो इसके बदले मुआवजा दिया जा रहा है वह मुआवजा काफी कम है. गौरतलब है कि किसानों के खेतों से अमृतसर से जामनगर तक के लिए एक्सप्रेसवे निकालने की योजना चल रही है और पत्थलगड़ी करके जगह चिन्हित की गई है. किसानों को इस भूमि के बदले मिलने वाले मुआवजे आदि के बारे में कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है जिसके चलते किसानों में असमंजस भी बना हुआ है. किसानों का कहना है कि किसानों की जमीन की डीएलसी रेट के हिसाब से मुआवजा राशि देने की योजना चल रही है जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान होगी.

राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे बनने से किसानों की बढ़ सकती है परेशानी

किसानों ने मार्केट रेट के आधार पर मुआवजा जारी करने की मांग की है उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा और मांग की उन्हें अगर उचित मुआवजा दिया गया तो ही अपनी जमीन देंगे नहीं तो नहीं देंगे. किसानों के साथ भादरा के कामरेड विधायक बलवान पूनिया ने भी जिला कलेक्टर से मुलाकात की और मांग की किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए नहीं तो उसके लिए आंदोलन भी कर सकते हैं और अगर यह मुद्दा विधानसभा में उठाना पड़ा तो उठाएंगे लेकिन किसानों को उचित मुआवजा दिलवा कर रहेंगे.

इस मामले को लेकर पहले भी किसानों के साथ कई बार बैठक हो चुकी है और किसानों को आश्वासन दिया जाता रहा है कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अब किसानों को ज्यादा चिंता है क्योंकि यह मुआवजा दो चार दिनों में ही दिया जाएगा और उन्हें पता है कि मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है.

हनुमानगढ़. अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की जमीन एक्वायर कर रही है लेकिन उन्हें जो इसके बदले मुआवजा दिया जा रहा है वह मुआवजा काफी कम है. गौरतलब है कि किसानों के खेतों से अमृतसर से जामनगर तक के लिए एक्सप्रेसवे निकालने की योजना चल रही है और पत्थलगड़ी करके जगह चिन्हित की गई है. किसानों को इस भूमि के बदले मिलने वाले मुआवजे आदि के बारे में कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है जिसके चलते किसानों में असमंजस भी बना हुआ है. किसानों का कहना है कि किसानों की जमीन की डीएलसी रेट के हिसाब से मुआवजा राशि देने की योजना चल रही है जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान होगी.

राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे बनने से किसानों की बढ़ सकती है परेशानी

किसानों ने मार्केट रेट के आधार पर मुआवजा जारी करने की मांग की है उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा और मांग की उन्हें अगर उचित मुआवजा दिया गया तो ही अपनी जमीन देंगे नहीं तो नहीं देंगे. किसानों के साथ भादरा के कामरेड विधायक बलवान पूनिया ने भी जिला कलेक्टर से मुलाकात की और मांग की किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए नहीं तो उसके लिए आंदोलन भी कर सकते हैं और अगर यह मुद्दा विधानसभा में उठाना पड़ा तो उठाएंगे लेकिन किसानों को उचित मुआवजा दिलवा कर रहेंगे.

इस मामले को लेकर पहले भी किसानों के साथ कई बार बैठक हो चुकी है और किसानों को आश्वासन दिया जाता रहा है कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा, लेकिन अब किसानों को ज्यादा चिंता है क्योंकि यह मुआवजा दो चार दिनों में ही दिया जाएगा और उन्हें पता है कि मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है.

Intro:हनुमानगढ़ के गांव जाखडावाली व अन्य कई गांवों के किसान खासे परेशान नजर आ रहे हैं उनकी परेशानी का कारण है पंजाब के अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 एक्सप्रेसवे जी हां किसानों का आरोप है कि इस हाईवे को बनाने के लिए किसानों की जमीन अवाप्ति की जा रही है इसके बदले उन्हें जो मुआवजा दिया जा रहा है वह काफी कम है वह डीएलसी रेट के दरों के अनुसार दिया जा रहा है जबकि उनकी जमीन का मूल्य काफी अधिक है और मांग करते हैं कि उनकी भूमिका मूल्य डीएलसी से चार गुना दिया जाए नहीं तो वह अपनी जमीन नहीं देंगे इसकी लेकर उन्हें मरना पड़ा तो मर सकते हैं


Body:अमृतसर से जामनगर तक बनने वाले राष्ट्रीय हाईवे नंबर 754 के लिए सरकार किसानों की जमीन एक्वायर कर रही है लेकिन उन्हें जो इसके बदले मुआवजा दिया जा रहा है वह मुआवजा काफी कम है गौरतलब है कि किसानों के खेतों से अमृतसर से जामनगर तक के लिए एक्सप्रेसवे निकालने की योजना चल रही है तथा पत्थलगड़ी करके जगह चिन्हित की गई है किसानों को इस भूमि के बदले मिलने वाले मुआवजे आदि के बारे में कोई पुख्ता जानकारी तो नहीं है जिसके चलते किसानों में असमंजस भी बना हुआ है किसानों का कहना है कि किसानों की जमीन की डीएलसी रेट के हिसाब से मुआवजा राशि देने की योजना चल रही है जो कि ऊंट के मुंह में जीरे के समान होगी किसानों ने मार्केट रेट के आधार पर मुआवजा जारी करने की मांग की है उन्होंने इस संबंध में कलेक्टर को ज्ञापन भी सौंपा और मांग की कि उन्हें उचित मुआवजा दिया गया तो ही अपनी जमीन देंगे नहीं तो नहीं देंगे

बाईट: सुरेंद्र शर्मा,किसान

किसानों के साथ भादरा के कामरेड विधायक बलवान पूनिया ने भी जिला कलेक्टर से मुलाकात की और मांग की कि किसानों को उचित मुआवजा दिया जाए नहीं तो उसके लिए आंदोलन भी कर सकते हैं और अगर यह मुद्दा विधानसभा में उठाना पड़ा तो उठाएंगे लेकिन किसानों को उचित मुआवजा दिलवा कर रहेंगे

बाईट: बलवान पूनिया, विधायक, भादरा


Conclusion:इस मामले को लेकर पहले भी किसानों के साथ कई बार बैठकें हो चुकी है और किसानों को आश्वासन दिया जाता रहा है कि उन्हें उनकी जमीन का उचित मुआवजा दिया जाएगा लेकिन अब किसानों को ज्यादा चिंता है क्योंकि यह मुआवजा दो चार दिनों में ही दिया जाएगा और उन्हें पता है कि मुआवजा काफी कम दिया जा रहा है इसके लिए उन्होंने अब आंदोलन की चेतावनी दे डाली है अब देखना होगा कि किसानों की चेतावनी के बाद उन्हें पूरा मुआवजा मिलता है या नहीं
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