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हनुमानगढ़ : 200 दिनों से धरने पर बैठे हैं किसान, प्रशासन नहीं ले रहा कोई सुध

हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 200 दिनों से किसान धरने पर बैठे है. उनकी मांग यह है कि हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाता, तब तक वे धरने से नहीं उठेंगे.

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कलेक्ट्रेट पर 200 दिनों से धरने पर बैठे है किसान
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Published : Dec 26, 2019, 11:07 PM IST

हनुमानगढ़. जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 200 दिनों से किसानों का धरना लगातार जारी है. किसानों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन इतने दिनों में भी किसानों की सुध नहीं ले रही है, लेकिन वे भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वे यहां से नहीं हटेंगे.

कलेक्ट्रेट पर 200 दिनों से धरने पर बैठे है किसान

बता दें कि पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले 754K हाईवे के लिए सरकार ने किसानों की जो भूमि अवाप्ति की है, उसके बदले में उन्हें नाममात्र का मुआवजा दिया जा रहा है. इसी बात को लेकर किसान जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 200 दिनों से लगातार धरने पर बैठे हैं.

पढ़ें- हनुमानगढ़: इंदिरा गांधी नहर को 2 समूह में चलाने को लेकर किसानों का बेमियादी आंदोलन

किसानों का आरोप है कि हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इन्हें यहां मात्र 4 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि दूसरे राज्यों में 25 से 30 लाख रुपए बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है. उनका कहना है कि उन्हें भी दूसरे राज्यों के हिसाब से मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि अब दूसरे जिलों में भी आंदोलन शुरू कर दिया गया है और यह तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगे नहीं पूरी नहीं की जाती.

पढ़ें- हनुमानगढ़ः 18 दिन चला किसानों का धरना, प्रशासन से वार्ता के बाद स्थगित

हालांकि, किसानों की पूर्व में प्रशासन के साथ वार्ता हो चुकी है. लेकिन वार्ताओं में कोई नतीजा नहीं निकला, इसके चलते किसान पिछले 200 दिनों से धरने पर बैठे हैं और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि भी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और यहां से बिल्कुल नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती.

हनुमानगढ़. जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 200 दिनों से किसानों का धरना लगातार जारी है. किसानों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन इतने दिनों में भी किसानों की सुध नहीं ले रही है, लेकिन वे भी अपनी मांग पर अड़े हुए हैं. उनका कहना है कि जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती, वे यहां से नहीं हटेंगे.

कलेक्ट्रेट पर 200 दिनों से धरने पर बैठे है किसान

बता दें कि पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले 754K हाईवे के लिए सरकार ने किसानों की जो भूमि अवाप्ति की है, उसके बदले में उन्हें नाममात्र का मुआवजा दिया जा रहा है. इसी बात को लेकर किसान जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 200 दिनों से लगातार धरने पर बैठे हैं.

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किसानों का आरोप है कि हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है. इन्हें यहां मात्र 4 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है, जबकि दूसरे राज्यों में 25 से 30 लाख रुपए बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है. उनका कहना है कि उन्हें भी दूसरे राज्यों के हिसाब से मुआवजा दिया जाए. उन्होंने कहा कि अब दूसरे जिलों में भी आंदोलन शुरू कर दिया गया है और यह तब तक जारी रहेगा, जब तक उनकी मांगे नहीं पूरी नहीं की जाती.

पढ़ें- हनुमानगढ़ः 18 दिन चला किसानों का धरना, प्रशासन से वार्ता के बाद स्थगित

हालांकि, किसानों की पूर्व में प्रशासन के साथ वार्ता हो चुकी है. लेकिन वार्ताओं में कोई नतीजा नहीं निकला, इसके चलते किसान पिछले 200 दिनों से धरने पर बैठे हैं और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि भी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और यहां से बिल्कुल नहीं हटेंगे, जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती.

Intro:हनुमानगढ़ जिला कलेक्ट्रेट के सामने पिछले 200 दिनों से किसानों का धरना लगातार जारी है किसानों का आरोप है कि सरकार और प्रशासन इतने दिनों में भी किसानों की सुध नहीं ले रही है लेकिन वे भी अपनी मांग पर अड़े हैं जब तक उनकी मांगे पूरी नहीं होती यहां से नहीं हटेंगे


Body:पंजाब के अमृतसर से लेकर गुजरात के जामनगर तक बनने वाले 754k हाईवे के लिए सरकार ने किसानों की जो भूमि अवाप्ति की है उसके बदले में उन्हें नाममात्र का मुआवजा दिया जा रहा है इसी बात को लेकर किसान जिला कलेक्टर के सामने पिछले 200 दिनों से धरने पर बैठे हैं किसानों का आरोप है कि हरियाणा और पंजाब की तर्ज पर उन्हें मुआवजा नहीं दिया जा रहा है इन्हें यहां मात्र 4 लाख रुपए प्रति बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जा रहा है जबकि दूसरे राज्यों में 25 से ₹30 लाख रुपए बीघा के हिसाब से मुआवजा दिया जाता है और वे मांग करते हैं कि उन्हें भी दूसरे राज्यों के हिसाब से मुआवजा दिया जाए उन्होंने कहा कि अब दूसरे जिलों में भी आंदोलन शुरू कर दिया गया है और यह तब तक जारी रहेगा जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती
बाईट: रामस्वरूप, किसान


Conclusion:हालांकि किसानों की पूर्व में प्रशासन के साथ वार्ता हो चुकी है लेकिन वार्ताओं में कोई नतीजा नहीं निकला इसके चलते किसान पिछले 200 दिनों से धरने पर बैठे हैं और उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि भी आर-पार की लड़ाई लड़ेंगे और यहां से बिल्कुल नहीं हटेंगे जब तक उनकी मांगे नहीं मानी जाती
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