हनुमानगढ़. भारतमाला परियोजना के तहत हनुमानगढ़ को सीधा गुजरात के जामनगर से जोड़ने वाले नेशनल हाईवे 75 4K के निर्माण के लिए NHAI द्वारा भूमि अधिग्रहण किया जा रहा है. इसी अधिग्रहित भूमि के उचित मुआवजे की मांग पर किसान दो साल से आंदोलनरत हैं और हनुमानगढ़ में सिर्फ शहरी क्षेत्र को छोड़कर कहीं पर भी किसानों ने मुआवजे की राशि नहीं उठाई है.
हाल ही में ही संगरिया और पीलीबंगा तहसील के उपखंड अधिकारियों ने आदेश प्रकाशित किया है कि किसान आगामी फसल की बुवाई न करें और कब्जा NHAI को सौंप दें. साथ ही पटवारियों के माध्यम से ऐसी मुनादी भी करवाई गई है, जिसको लेकर किसानों का कहना है कि ये किसानों के साथ जोर जबरदस्ती और अन्याय है. इसको बिल्कुल सहन नहीं करेंगे.
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किसानों का कहना है कि जब तक बाजार से चार गुना अधिक मुआवजा राशि नहीं मिलेगा. तब तक वे जमीन का एक कतरा भी सरकार को नहीं देंगे. अगर सरकार जबरदस्ती करेगी तो किसानों को अपने परिवारों सहित आत्महत्या जैसा कदम उठाने को मजबूर होना पड़ेगा.
किसानों की ये हैं मुख्य मांग...
- बिना उचित मुआवजे की मांग को पूरा करने के उपरांत ही जमीन का कब्जा लेने बाबत एजेंसी को पाबंद किया जाए.
- कुछ स्थानों जैसे कि बीकानेर और बाड़मेर सहित अन्य जिलों में ठेकेदार बहुत लापरवाही से काम कर कर रहे हैं. किसानों की जिंदगी से खिलवाड़ कर रहे हैं. पहले दौसा और अभी ठेठार गांव में इनकी लापरवाही से कई लोगों की मौत हो चुकी है. अतः इनको कार्य में पूरी सावधानी केलिए पाबंद किया जाए.
- हनुमानगढ़ क्षेत्र में पेड़ों और अन्य संरचनाओं का आवार्ड जारी किया जाए.