हनुमानगढ़. जिले के रावतसर में दो दिन पहले एक दलित युवक के साथ मारपीट की गई थी. मारपीट में घायल दलित युवक को अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. जहां सोमवार को युवक ने दम तोड़ दिया. दलित युवक की मौत के बाद माकापा, भाजपा एससी-एसटी मोर्चा और भीम आर्मी के कार्यकर्ताओं ने रावतसर चिकित्सालय में धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया और शव उठाने से इनकार कर दिया.
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चिकित्सालय में धरने पर बैठे प्रदर्शनकारियों ने आरोप लगाए की मृतक विनोद मेघवाल ने आरोपियों पर तीन मुकदमें किए थे. जिनपर डीएसपी रावतसर रणवीर मीणा ने कोई सुनवाई नहीं की और उसकी लाठी-डंडों से पीटकर हत्या कर दी गई. माकापा नेता रघुवीर वर्मा ने मांग की कि डीएसपी रणवीर मीणा को निलंबित किया जाए और मृतक के परिवार को सरकारी नौकरी, परिवार को 25 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए. साथ ही मृतक के खेत के रास्ते को खुलवाया जाए.
प्रदर्शनकारियों से समझाइश करने पूर्व सांसद भरतराम मेघवाल और रावतसर पालिकाध्यक्ष श्यामसुंदर मेघवाल भी चिकित्सालय पहुंचे. परन्तु प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे. मृतक विनोद भीम आर्मी का सोशल मीडिया प्रभारी था.
क्या है पूरा मामला
किकरालिया गांव में दो दिन पहले खेत के रास्ते और काफी समय पहले डॉ. भीमराव आंबेडकर के पोस्टर फाड़ने के विवाद के चलते विनोद मेघवाल की लाठी-डंडों से कुछ लोगों ने पिटाई की थी. जिसके बाद सोमवार को श्रीगंगानगर में इलाज के दौरान विनोद मेघवाल की मौत हो गई. रावतसर पुलिस ने दो लोगों को राउंडअप भी किया है. वहीं विवाद के बाद रावतसर चिकित्सालय में पुलिस जाब्ता तैनात कर दिया गया है.