हनुमानगढ़. बिना समाजिक दूरी के लोगों की भीड़ और लंबी-लंबी कतारें जो आप देख रहे है ये स्वास्थ्य विभाग की ओर से टीकाकरण केंद्र बनाए गए हनुमानगढ़ जक्शन के कैनाल कॉलोनी स्थित राजकीय अस्पताल की है. जहां लोग कोरोना टीकाकरण करवाने आ रहे है. लेकिन कोविड-19 की गाइडलाइंस, सोशल डिस्टेंसिंग की पालना करना बिल्कुल ही भूल गए है.
हालांकि मास्क अधिकतर लोगों के लगे हुए थे. बीमारी की गंभीरता को देखते हुए वैक्सीनेशन रामबाण मानी जा रही है. लेकिन जिस तरह से स्वास्थ्य विभाग और आमजन इसमें भी लापरवाही बरत रहे हैं. ऐसे में वैक्सीनेशन सेंटरों से ही कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है.
ऐसी ही भीड़ और लंबी-लंबी कतारें टीकाकरण केंद्र इरिगेशन के रेस्ट हाउस और अन्य टीकाकरण केंद्रों पर देखने को मिली. वहीं जब स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की माजूदगी में ऐसी लापरवाही बाबत CMHO नवनीत शर्मा से पूछा गया तो उनका रटारटाया जवाब की समझाइश की जा रही है, समझाइश की जाएगी, लेकिन तब तक देर नहीं हो जाए.
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कोविड-19 की दूसरी लहर ने जिले में कहर बरपाया हुआ है और कोरोना हर रोज अपने पिछले रिकॉर्ड तोड़ रहा है. मौतें हो रही है, ऑक्सीजन की किल्लत चल रही है. वैक्सीन ऊंट के मुह में जीरे के समान भी जिले को उपलब्ध नहीं हो रही है.
जिले को वैक्सीन की अंतिम सप्लाई 28 अप्रैल को मात्र 1800 डोज की हुई थी, जो 29 अप्रैल को कुछ घण्टों में ही लाभार्थियों को लगा दी गई और फिर से वैक्सीन खत्म हो गई है. हलांकि 45+ वैक्सीनेशन अभियान के शुरुआती दौर में हनुमानगढ़ जिला प्रदेश में सबसे निचले पायदान पर था, लेकिन दो दिन पूर्व की रिपोर्ट के हिसाब से जिला सबसे ऊपरी पायदान पर पहुंच गया था. जोकि अच्छी खबर है और अब टीकाकरण करवाने आने वालों में बुजुर्ग पुरुष और महिलाओं की संख्या अधिक है, लेकिन ऐसी परिस्थितियों में आमजन और प्रशासन की लापरवाही जिले को बड़े खतरे में डाल सकती है.