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कोरोना को लेकर नगर परिषद की लापरवाही, उड़ा रहे कोरोना गाइडलाइन्स की धज्जियां

महामारी घोषित किए जा चुके कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए केंद्र और प्रदेश सरकार ने आमजन को साफ-सफाई बनाए रखने, लगातार हाथ धोने समेत तमाम सतर्कता बरतने का संदेश दे रही है. इसके लक्षण और बचाव के लिए बकायदा गाइडलाइन जारी की गई है. लेकिन इसके बावजूद नगर परिषद के ही लोग सरकार की गाइडलाइन की अवहेलना करते नजर आ रहे हैं.

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नगर परिषद की लापरवाही
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Published : Aug 9, 2020, 8:12 PM IST

हनुमानगढ़. जानलेवा बीमारी कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार भले तमाम एहतियाती कदम उठा रही हों, लेकिन सिस्टम में कहीं न कहीं लापरवाही का वायरस अब भी जिंदा है. देश में अनलॉक होने के बाद जैसे-जैसे लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्रशासनिक लापरवाही भी बढ़ रही है. ऐसे ही लापरवाही का नमूना हनुमानगढ़ नगर परिषद कार्यालय में देखने को मिला है.

कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहा नगरपरिषद

वैश्विक महामारी से बचाव के प्रबन्धों का हाल जानने ईटीवी भारत की टीम जब हनुमानगढ़ नगरपरिषद टाउन के मुख्य कार्यालय पहुंची तो वहां का हाल देखकर ऐसा लगा ही नहीं कि हम किसी भयंकर महामारी से जूझ रहे हैं. नगरपरिषद सिर्फ जागरूकता संदेश के पोस्टर लगाकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर रहे है. क्योकि कार्यालय में न उचित साफ-सफाई, ना ही यहां आने-जाने वालों का कोई लेखा-जोखा रखा जा रहा. साथ ही बाहर से आने वाले कुछ एक लोग ही कार्यालय के बाहर लगी सैनिटाइज मशीन और मास्क का प्रयोग करते दिखे. जबकि नगर परिषद में हर रोज सैकड़ों लोग पहुंचते हैं.

पढ़ेंः राजेंद्र गुढ़ा को लेकर राजेंद्र राठौड़ ने ली चुटकी, कहा- कांग्रेस ढहता हुआ किला, गुढ़ा जी आप निकल आओ तो बड़ा अच्छा होगा

वहीं जब हमने नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर और OOA (कार्यालय अधीक्षक) से इस लापरवाही के बारे में बात की तो उन्होंने सब ठीक करने का आश्वसन देकर पल्ला झाड़ लिया. वहीं नगर परिषद के आधीन आ रहे सफाईकर्मियों को कोरोना वायरस से लड़ने वालों में फ्रंट लाइन वारियर्स माना जाता है.

बता दें कि हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर नगरपरिषद के अधीन स्थाई और अस्थाई 700 सफाई कर्मचारी है. जिनको नगर परिषद की तरफ से 1-1 हजार रुपये नगदी के रूप में दिया गया था. जिससे वे कोरोना से बचाव के लिए हैंड ग्लव्स, मास्क सैनिटाइजर आदि खरीद सके. वहीं अधिकतर सफाई कर्मचारी हमें कोरोना से बचाव के उपायों के साथ अपना कार्य करते दिखे.

पढ़ेंः राहत भरी खबर: संस्थागत क्वॉरेंटाइन से बच सकेंगे प्रवासी भारतीय, देनी होगी कोरोना रिपोर्ट

हालांकि कुछ एक अपवाद भी थे लेकिन उन्होंने ने भी हमसे वादा किया की वे भविष्य में मास्क और ग्लव्स इत्यादि का प्रयोग करके ही कार्य करेंगे. एक तरफ जहां नगर परिषद के अधिकारियों महामारी से बचाव और सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. वहीं नगर परिषद के कुछ जागरूक पार्षद ही अधिकारियों के दावों की पौल खोलते हुए व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगा रहे हैं.

नगर परिषद कर्मचारी अधिकतर मास्क में दिखे और सभी कर्मचारी अभी तक महामारी से बचे हुए हैं. लेकिन लापरवाही का यही आलम रहा तो ये लापरवाही नगर परिषद कार्यालय पर भारी पड़ सकती है. हनुमानगढ़ में कोरोना पॉजिटिव की बात करे तो अब तक जिले में कुल पॉजिटिव केस 240, रिकवर 186, एक्टिव केस 53, डेथ केस 1 है.

हनुमानगढ़. जानलेवा बीमारी कोरोना के संक्रमण से बचाव के लिए सरकार भले तमाम एहतियाती कदम उठा रही हों, लेकिन सिस्टम में कहीं न कहीं लापरवाही का वायरस अब भी जिंदा है. देश में अनलॉक होने के बाद जैसे-जैसे लगातार कोरोना मरीजों की संख्या बढ़ रही है, वैसे-वैसे प्रशासनिक लापरवाही भी बढ़ रही है. ऐसे ही लापरवाही का नमूना हनुमानगढ़ नगर परिषद कार्यालय में देखने को मिला है.

कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ा रहा नगरपरिषद

वैश्विक महामारी से बचाव के प्रबन्धों का हाल जानने ईटीवी भारत की टीम जब हनुमानगढ़ नगरपरिषद टाउन के मुख्य कार्यालय पहुंची तो वहां का हाल देखकर ऐसा लगा ही नहीं कि हम किसी भयंकर महामारी से जूझ रहे हैं. नगरपरिषद सिर्फ जागरूकता संदेश के पोस्टर लगाकर अपनी जिम्मेदारी की इतिश्री कर रहे है. क्योकि कार्यालय में न उचित साफ-सफाई, ना ही यहां आने-जाने वालों का कोई लेखा-जोखा रखा जा रहा. साथ ही बाहर से आने वाले कुछ एक लोग ही कार्यालय के बाहर लगी सैनिटाइज मशीन और मास्क का प्रयोग करते दिखे. जबकि नगर परिषद में हर रोज सैकड़ों लोग पहुंचते हैं.

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वहीं जब हमने नगर परिषद के सेनेटरी इंस्पेक्टर और OOA (कार्यालय अधीक्षक) से इस लापरवाही के बारे में बात की तो उन्होंने सब ठीक करने का आश्वसन देकर पल्ला झाड़ लिया. वहीं नगर परिषद के आधीन आ रहे सफाईकर्मियों को कोरोना वायरस से लड़ने वालों में फ्रंट लाइन वारियर्स माना जाता है.

बता दें कि हनुमानगढ़ जिला मुख्यालय पर नगरपरिषद के अधीन स्थाई और अस्थाई 700 सफाई कर्मचारी है. जिनको नगर परिषद की तरफ से 1-1 हजार रुपये नगदी के रूप में दिया गया था. जिससे वे कोरोना से बचाव के लिए हैंड ग्लव्स, मास्क सैनिटाइजर आदि खरीद सके. वहीं अधिकतर सफाई कर्मचारी हमें कोरोना से बचाव के उपायों के साथ अपना कार्य करते दिखे.

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हालांकि कुछ एक अपवाद भी थे लेकिन उन्होंने ने भी हमसे वादा किया की वे भविष्य में मास्क और ग्लव्स इत्यादि का प्रयोग करके ही कार्य करेंगे. एक तरफ जहां नगर परिषद के अधिकारियों महामारी से बचाव और सुरक्षा के बड़े-बड़े दावे कर रहे हैं. वहीं नगर परिषद के कुछ जागरूक पार्षद ही अधिकारियों के दावों की पौल खोलते हुए व्यवस्थाओं पर सवालिया निशान लगा रहे हैं.

नगर परिषद कर्मचारी अधिकतर मास्क में दिखे और सभी कर्मचारी अभी तक महामारी से बचे हुए हैं. लेकिन लापरवाही का यही आलम रहा तो ये लापरवाही नगर परिषद कार्यालय पर भारी पड़ सकती है. हनुमानगढ़ में कोरोना पॉजिटिव की बात करे तो अब तक जिले में कुल पॉजिटिव केस 240, रिकवर 186, एक्टिव केस 53, डेथ केस 1 है.

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