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सीटू और जनवादी महिला मोर्चा ने किया प्रदर्शन, कृषि कानून वापस लेने की उठाई मांग

कृषि कानून वापस लेने की मांग को लेकर सीटू और जनवादी महिला मोर्चा ने प्रदर्शन किया. इस दौरान रैली निकालकर सैंकड़ों की संख्या में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर सभा की गई.

citu and janvadi mahila morcha protest, हनुमानगढ़ की खबर
कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन
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Published : Jan 7, 2021, 7:14 PM IST

हनुमानगढ़. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानून सरकार को ना निगलते बन पा रहे हैं और ना उगलते, लेकिन फिर भी सरकार इसे वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है. वहीं विपक्षी राजनीतिक पार्टियां और किसानों की ओर से आए दिन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जा रहे हैं.

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन

इसी कड़ी में सीटू व जनवादी महिला मोर्चा की ओर से रैली का आयोजन किया गया. सैंकड़ों की संख्या में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर सभा की गई. केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी और चेतावनी दी कि हाल ही में लाए गए 4 मजदूर कानून और 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वे दिल्ली की तरफ कूच करेंगे.

यह भी पढ़ें: प्रदेश कार्यकारिणी में सभी वर्गों को पूरा प्रतिनिधित्व, पार्टी को मजबूत करने का काम करेंगे: डोटासरा

दिल्ली में धरना दे रहे किसानों के समर्थन और आंदोलन में गर्माहट बरकरार रहे इसके लिए जिले में भी किसान जगह-जगह टोल नाकों व रिलायंस के संस्थानों के सामने धरने पर बैठे हैं. वहीं केंद्र सरकार की ओर से लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. इस दौरान सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है. किसानों को संतुष्ट रखते हुए इस आंदोलन से निपटना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है.

हनुमानगढ़. केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीनों कृषि कानून सरकार को ना निगलते बन पा रहे हैं और ना उगलते, लेकिन फिर भी सरकार इसे वापस लेने के मूड में नहीं दिख रही है. वहीं विपक्षी राजनीतिक पार्टियां और किसानों की ओर से आए दिन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया जा रहे हैं.

कृषि कानूनों के विरोध में प्रदर्शन

इसी कड़ी में सीटू व जनवादी महिला मोर्चा की ओर से रैली का आयोजन किया गया. सैंकड़ों की संख्या में जिला कलेक्ट्रेट पहुंचकर सभा की गई. केंद्र सरकार के खिलाफ हुंकार भरी और चेतावनी दी कि हाल ही में लाए गए 4 मजदूर कानून और 3 कृषि कानूनों को वापस नहीं लिया गया तो वे दिल्ली की तरफ कूच करेंगे.

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दिल्ली में धरना दे रहे किसानों के समर्थन और आंदोलन में गर्माहट बरकरार रहे इसके लिए जिले में भी किसान जगह-जगह टोल नाकों व रिलायंस के संस्थानों के सामने धरने पर बैठे हैं. वहीं केंद्र सरकार की ओर से लागू कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) कानून 2020, कृषक (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा करार कानून 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) कानून 2020 के विरोध में 26 नवंबर से दिल्ली की सीमाओं पर डेरा डाले हुए हैं. इस दौरान सरकार के साथ उनकी कई दौर की वार्ता विफल हो चुकी है. किसानों को संतुष्ट रखते हुए इस आंदोलन से निपटना सरकार के सामने बड़ी चुनौती है.

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