डूंगरपुर. मानसून की बारिश नजदीक है और इससे पहले प्रशासन सभी तरह की तैयारियों में जुट गया है. भारी बारिश की संभावनाओं के साथ बाढ़, आपदा या दुर्घटना जैसी स्थिति से निपटने के लिए प्रशासन ने 35 लाख रुपये के बजट से जरूरी उपकरण खरीद लिए है, जो बचाव और राहत कार्य के समय काम आएंगे. वहीं जिलेभर में 100 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स भी 24 घंटे अलर्ट मोड पर रहेंगे.
बारिश को लेकर प्रशासन-किसान तैयार
जिले में बारिश को लेकर प्रशासन से लेकर किसान सभी तैयरियों में जुटे है. प्रशासन बारिश के मौसम में किसी भी तरह की दुर्घटना को रोकने के लिए जुटा है और इसके लिए तमाम तरह के इंतजाम किए जा रहे है. प्रशासन की ओर से बाढ़ और आपदा से निपटने के लिए उससे संबंधित सभी विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक ली गई है, जिसमें तमाम बाढ़ और आपदा की स्थिति में बचाव के तमाम बिंदुओं पर चर्चा करते हुए तैयारियां की गई है.
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100 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स तैनात
अतिरिक्त जिला कलेक्टर कृष्णपाल सिंह चौहान ने बताया कि भारी बारिश की संभावना को देखते हुए सभी विभागों के अधिकारियों को अलर्ट रहने के निर्देश दिए गए है. वहीं कलेक्ट्रेट सहित सिंचाई विभाग और पीडब्लयूडी की ओर से कंट्रोल रूम स्थापित किए गए है. एडीएम ने बताया कि जिले में पहली बार बाढ़, आपदा या दुर्घटना की संभावनाओं को देखते हुए जिलेभर में 100 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स तैनात किए जाएंगे. इनकी भर्ती की प्रक्रिया पुलिस लाइन मैदान में चल रही है.
जरूरी उपकरण खरीदे
एडीएम ने बताया कि बाढ़, आपदा की स्थिति से निपटने के लिए 35 लाख के बजट से जरूरी उपकरण भी खरीदे गए है, जिसमें 2 इंफलिटेबल बोट के अलावा रस्सी, फावड़े, तगारे, लाइफ़ जैकेट, टॉर्च सहित अन्य सामग्री खरीद ली गई है और उसे बारिश के मौसम तक तैयार रखा गया है जो वक्त जरूरत इस्तेमाल किया जाएगा.
तैराक, गोताखोर, ड्राइविंग एक्सपर्ट वॉलेंटियर्स होंगे तैनात
एडीएम ने बताया कि बाढ़, आपदा की स्थिति से निपटने 100 सिविल डिफेंस वॉलेंटियर्स को तैनात किया जा रहा है, जिसमें से 50 वॉलेंटियर्स जिला मुख्यालय पर और 50 ग्रामीण क्षेत्रों में अलर्ट मोड पर रहेंगे. यह वॉलेंटियर्स तैराकी, गोताखोर, कंप्यूटर, इलेक्ट्रीशियन, ड्राइविंग और अन्य कार्यों में एक्सपर्ट होंगे. इससे जरूरत के अनुसार एक्सपर्ट का इस्तेमाल किया जा सकेगा. वहीं इन वॉलेंटियर्स को नदी, नाले, तालाब, बांध, पुलिया के आसपास भी तैनात किया जाएगा और वे उनकी निगरानी के साथ ही रेस्क्यू ऑपरेशन में भी सहयोग करेंगे.
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सोमकमला आम्बा, कडाणा, बेणेश्वर धाम पर खास नजर
बारिश के साथ ही प्रशासन की सबसे खास नजर जिले के सबसे बड़े सोमकमला आंबा बांध, गुजरात के कडाणा बैक वाटर और बेणेश्वर धाम पर रहेगी. इसे लेकर भी प्रशासन ने सभी अधिकारियों को निर्देश दिए है. सोमकमला बांधव बांसवाडा के माही डेम के गेट खुलने के बाद बेणेश्वर धाम टापू बन जाता है और धाम पर हर साल कई लोग फंस जाते है. ऐसे में व्यवस्थाओं को लेकर निर्देश दिए है. वहीं गुजरात के कडाणा बांध के डूंगरपुर में गलियाकोट में आने वाले बैक वाटर को लेकर भी सभी विभागीय अधिकारियों से कॉर्डिनेशन के साथ काम किया जा रहा है.