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डूंगरपुर: 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान चलाएगा प्रशासन, श्रमिकों को पूरी मजदूरी दिलाने के लिए अफसरों पर होगी सख्ती - Full work campaign

डूंगरपुर में सरकार के निर्देश पर अब जिला प्रशासन ने 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है. 4 चरणों में चलने वाले अभियान के तहत श्रमिकों को पूरी मजदूरी दिलाई जाएगी. इसके साथ ही लापरवाही पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.

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डूंगरपुर में 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया
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Published : Dec 16, 2020, 5:48 PM IST

डूंगरपुर. जिले की लाइफ लाइन कही जाने वाली मनरेगा योजना में कई कोशिशों के बावजूद श्रमिकों को पूरी मजदूरी नहीं मिल पा रही है. पंचायती राज विभाग से जुड़े अधिकारियों की लापरवाही और पर्याप्त मॉनिटरिंग के अभाव में काम पुरे नहीं होते हैं. जिसके चलते मजदूरी कम बनती है. ऐसे में सरकार के निर्देश पर अब डूंगरपुर जिला प्रशासन ने 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है.

डूंगरपुर में 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया

बता दें कि 4 चरणों में चलने वाले अभियान के तहत श्रमिकों को पूरी मजदूरी दिलाई जाएगी. वहीं, लापरवाही पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में करीब 80 फीसदी परिवार बीपीएल श्रेणी में आते हैं. ऐसे में मनरेगा योजना ही इन परिवारों के जीवन का सबसे बड़ा सहारा है, लेकिन इस योजना में भी कुछ कारणों से श्रमिकों को उनका पूरा हक नहीं मिल पा रहा है.

पढ़ें: राजस्थान : निजी स्कूलों की फीस वसूली के मामले में बहस पूरी, फैसला सुरक्षित

सरकार ने योजना में श्रमिकों को प्रतिदिन 220 रुपए मजदूरी भुगतान करना तय कर रखा है, लेकिन जिले में औसत मजदूरी 180 रुपए ही बैठ रही है. इधर श्रमिक संख्या भी पिछले सालों की तुलना में घटी है. ऐसे में इन मजदूरों को पूरी मजदूरी दिलाने के लिए जिले में 16 दिसंबर से 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू किया जा रहा है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला और जिला परिषद सीईओ दिपेंद्र सिंह राठौर ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए उन्हें निर्देश दिए हैं.

चार चरणों में 2 महीने तक चलेगा अभियान..ऐसे होगा क्रियान्वित

  • पहला पखवाडा: 16 से 31 दिसंबर तक चलने वाले पहले पखवाड़े में जिले की हर पंचायत समिति में 5-5 ऐसे कार्यों का चयन किया जाएगा. जिसमें श्रमिकों को टास्क की जानकारी न हो और उन्हें पूरी मजदूरी नहीं मिल रही हो. इन कार्यों पर अधिकारियों की सतत निगरानी कराते हुए श्रमिकों से समय पर टास्क पूरी करवाकर उन्हें पूरा दाम दिलाना सुनिश्चित करेंगे.
  • दूसरा पखवाडा: 1 जनवरी से 15 जनवरी तक चलने वाले दुसरे पखवाड़े में हर पंचायत समिति स्तर ऐसे 15-15 कार्यों का चयन कर सतत निगरानी कराते हुए श्रमिकों को पूरा दाम दिलाना सुनिश्चित करेंगे.
  • तीसरा पखवाडा: 16 जनवरी से 31 जनवरी तक चलने वाले तीसरे पखवाड़े में हर पंचायत समिति में कमजोर परफॉर्मेंस वाले 30-30 कार्यों का चयन कर अधिकारी सतत निगरानी श्रमिकों से समय पर टास्क पूरी करवाकर उन्हें पूरा दाम दिलाना सुनिश्चित करेंगे.
  • चौथा पखवाडा: 1 फरवरी से 16 फरवरी तक चौथे और अंतिम पखवाड़े में योजना के तहत चल रहे सभी कार्यों का चयन किया जाएगा. वहीं, तीन स्तर पर अधिकारी कार्यों की सतत निगरानी करते हुए रोजाना जिला कलेक्टर को रिपोर्ट करेंगे.

अभियान की सफलता में जुटा प्रशासन

डूंगरपुर जिला प्रशासन 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान के जरिए श्रमिकों को पूरी मजदूरी दिलाने का दावा कर रहा है. अभियान में जिम्मेदार अधिकारी, तकनीकी सहायक और मेट की ओर से लापरवाही बरते जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी कही है, लेकिन ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि ये अभियान जिले के मनरेगा श्रमिकों को उनका हक दिलवा पाता है या नहीं.

डूंगरपुर. जिले की लाइफ लाइन कही जाने वाली मनरेगा योजना में कई कोशिशों के बावजूद श्रमिकों को पूरी मजदूरी नहीं मिल पा रही है. पंचायती राज विभाग से जुड़े अधिकारियों की लापरवाही और पर्याप्त मॉनिटरिंग के अभाव में काम पुरे नहीं होते हैं. जिसके चलते मजदूरी कम बनती है. ऐसे में सरकार के निर्देश पर अब डूंगरपुर जिला प्रशासन ने 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू करने का निर्णय लिया है.

डूंगरपुर में 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू करने का निर्णय लिया गया

बता दें कि 4 चरणों में चलने वाले अभियान के तहत श्रमिकों को पूरी मजदूरी दिलाई जाएगी. वहीं, लापरवाही पर अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई भी की जाएगी.आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में करीब 80 फीसदी परिवार बीपीएल श्रेणी में आते हैं. ऐसे में मनरेगा योजना ही इन परिवारों के जीवन का सबसे बड़ा सहारा है, लेकिन इस योजना में भी कुछ कारणों से श्रमिकों को उनका पूरा हक नहीं मिल पा रहा है.

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सरकार ने योजना में श्रमिकों को प्रतिदिन 220 रुपए मजदूरी भुगतान करना तय कर रखा है, लेकिन जिले में औसत मजदूरी 180 रुपए ही बैठ रही है. इधर श्रमिक संख्या भी पिछले सालों की तुलना में घटी है. ऐसे में इन मजदूरों को पूरी मजदूरी दिलाने के लिए जिले में 16 दिसंबर से 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान शुरू किया जा रहा है. इस अभियान को सफल बनाने के लिए जिला कलेक्टर सुरेश कुमार ओला और जिला परिषद सीईओ दिपेंद्र सिंह राठौर ने अधिकारियों की बैठक लेते हुए उन्हें निर्देश दिए हैं.

चार चरणों में 2 महीने तक चलेगा अभियान..ऐसे होगा क्रियान्वित

  • पहला पखवाडा: 16 से 31 दिसंबर तक चलने वाले पहले पखवाड़े में जिले की हर पंचायत समिति में 5-5 ऐसे कार्यों का चयन किया जाएगा. जिसमें श्रमिकों को टास्क की जानकारी न हो और उन्हें पूरी मजदूरी नहीं मिल रही हो. इन कार्यों पर अधिकारियों की सतत निगरानी कराते हुए श्रमिकों से समय पर टास्क पूरी करवाकर उन्हें पूरा दाम दिलाना सुनिश्चित करेंगे.
  • दूसरा पखवाडा: 1 जनवरी से 15 जनवरी तक चलने वाले दुसरे पखवाड़े में हर पंचायत समिति स्तर ऐसे 15-15 कार्यों का चयन कर सतत निगरानी कराते हुए श्रमिकों को पूरा दाम दिलाना सुनिश्चित करेंगे.
  • तीसरा पखवाडा: 16 जनवरी से 31 जनवरी तक चलने वाले तीसरे पखवाड़े में हर पंचायत समिति में कमजोर परफॉर्मेंस वाले 30-30 कार्यों का चयन कर अधिकारी सतत निगरानी श्रमिकों से समय पर टास्क पूरी करवाकर उन्हें पूरा दाम दिलाना सुनिश्चित करेंगे.
  • चौथा पखवाडा: 1 फरवरी से 16 फरवरी तक चौथे और अंतिम पखवाड़े में योजना के तहत चल रहे सभी कार्यों का चयन किया जाएगा. वहीं, तीन स्तर पर अधिकारी कार्यों की सतत निगरानी करते हुए रोजाना जिला कलेक्टर को रिपोर्ट करेंगे.

अभियान की सफलता में जुटा प्रशासन

डूंगरपुर जिला प्रशासन 'पूरा काम-पूरा दाम' अभियान के जरिए श्रमिकों को पूरी मजदूरी दिलाने का दावा कर रहा है. अभियान में जिम्मेदार अधिकारी, तकनीकी सहायक और मेट की ओर से लापरवाही बरते जाने पर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात भी कही है, लेकिन ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा कि ये अभियान जिले के मनरेगा श्रमिकों को उनका हक दिलवा पाता है या नहीं.

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