डूंगरपुर. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के एक साल के कार्यकाल की उपलब्धियों को लेकर ईटीवी भारत से बातचीत में सांसद कनकमल कटारा ने कहा कि 70 साल तक इस देश पर कांग्रेस ने राज किया. जो काम कांग्रेस 70 सालों में कांग्रेस नहीं कर सकी, वह मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में एक साल में ही पूरा कर दिखाया है, ऐसी ताकत किसी अन्य पार्टी के नेता में नहीं है. वहीं सांसद कनमल कटारा के कार्यकाल का एक साल पूरा हुआ है पर कटारा ने उपलब्धियों की जगह सिर्फ प्रस्ताव गिनवाएं.
सांसद कनमल कटारा ने कहा कि मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में मजबूती के साथ आते ही सबसे पहले देश में आंतकवाद से पीड़ित जम्मू कश्मीर में धारा 370 व 35ए को हटाने का ऐतिहासिक काम किया है. इस दौरान देश में कोई दंगा या आतंकवाद की घटना तक नहीं हुई, यह मोदी सरकार की ताकत है. देश में मुस्लिम समाज की महिलाएं को न्याय दिलाने के लिए सरकार ने तीन तलाक के खिलाफ कानून पारित किया. जिससे बरसों से न्याय की गुहार लगा रही महिलाओं को राहत पंहुचाई. इसके अलावा विवादित रामजन्म भूमि का मामला कांग्रेस के शासन में बरसों तक अटका रहा, लेकिन मोदी सरकार ने पहले से ही इसे प्राथमिकता से लिया. इसका भी निर्विवादित समाधान कर दिया.
मोदी सरकार ने 1720 करोड़ रुपये का बजट दिया राज्य सरकार को
सांसद कनकमल कटारा ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य के विकास में कहीं कोई कमी नहीं छोड़ी है. इसीलिए मोदी सरकार ने 1720 करोड़ का बजट राज्य सरकार को दिया. अब, राज्य सरकार को बताना चाहिए कि उसने यह बजट कहां और कितना खर्च किया लेकिन इसका कोई जवाब राज्य सरकार के पास नहीं है. इसके अलावा कोरोना महामारी से उबरने के लिए 20 लाख करोड़ का बजट देश के किसानों, मजदूरों के साथ ही छोटे-मोटे उद्योग व हाथकरघा उद्योगों के लिए जारी किया है. जिससे हर वर्ग के व्यक्ति को फायदा मिलेगा.
सांसद कटारा ने खुद की उपलब्धियों की जगह गिनाएं प्रस्ताव, एक भी कार्य नहीं पूरा
मोदी सरकार के साथ ही डूंगरपुर-बांसवाड़ा के सांसद कनकमल कटारा का भी एक साल का कार्यकाल पूरा हुआ है, लेकिन इस एक साल में सांसद अपनी कोई विशेष उपलब्धि नहीं गिना पाए, जिससे लोगों को बहुत बड़ी राहत मिली हो. सांसद ने अपनी उपलब्धियों के नाम सिर्फ वे प्रस्ताव गिनाए, जो सरकार को भेजे हैं या अभी प्रस्ताव तैयार होने ही बाकी है. उन्होंने बताया कि बांसवाड़ा में मानगढ़ धाम को राष्ट्रीय स्तर का दर्जा दिलाने का प्रयास किया जा रहा है. इसके अलावा डूंगरपुर के प्रमुख आस्था के केंद्र बेणेश्वर धाम के विकास के साथ ही तीनों पुलियों की ऊंचाई बढ़ाने और वन-वे के प्रस्ताव भेजे गए हैं.
गिनवाई पेयजल योजना पर योजना को नहीं मिली मंजूरी
सांसद कनकमल कटारा ने कहा कि बांसवाड़ा में केंद्रीय जनजातीय विश्वविद्यालय खोलने, डूंगरपुर और बांसवाड़ा दोनों जिलों में सीएनजी और एलपीजी की पाइप लाइन से गैस सप्लाई, डूंगरपुर में पासपोर्ट कार्यालय खोलने के प्रयास किए जा रहे हैं. इसके अलावा पेयजल योजनाओं को लेकर बेणेश्वर धाम एनीकट से 554 करोड़ रुपये की पेयजल योजना, बांसवाड़ा में माही नदी के किनारे बसे गांवों में क्लस्टर योजना के तहत पेयजल उपलब्ध करवाने, डूंगरपुर के चिबुड़ा के पास माही नदी पर बने एनीकट की ऊंचाई बढ़ाने के साथ उससे पेयजल उपलब्ध करवाने की योजनाएं गिनाई, लेकिन यह सभी योजना के पाइपलाइन को मंजूरी नहीं मिली है.
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इसी तरह यात्री प्रतीक्षालय के लिए 5 करोड़ रुपये की स्वीकृति जारी होकर जल्द कार्य शुरू होने, कक्षा 5वीं से 8वीं तक के बच्चों के बैठने के लिए दरी पट्टी खरीद के लिए बजट जारी करने की बात कही. वहीं केंद्रीय जनजाति मंत्री अर्जुन मुंडा के माध्यम से क्षेत्र के विकास के लिए 30 करोड़ रुपये का बजट जल्द ही स्वीकृत करवाने की बात कही, लेकिन यह बजट कब तक मिलेगा, इस पर कोई जवाब नहीं दिया है. उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी में उन्होंने 1 लाख रुपए निजी खाते से दिया. इसके अलावा डूंगरपुर में 3 और बांसवाड़ा में 5 लाख रुपए का बजट सैनिटाइजर और मास्क खरीदने के लिए दिया है.
मोदी सरकार और उनके सांसद हर मोर्चे पर फेल: पूर्व सांसद
पूर्व सांसद ताराचंद भगोरा ने प्रधानमंत्री के साथ ही उनके सांसद के कार्यकाल को पूरी तरह से फेल बताया है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने 6 साल में जनता से जो वादे किए थे, वह आज तक पूरे नहीं हुए हैं. दूसरी ओर कांग्रेस ने जो योजनाएं शुरू की थी, उनको भी बंद करने का काम मोदी और तत्कालीन राज्य की वसुंधरा सरकार ने किया. वागड़ के विकास की रेल भाजपा ने रोक दी.
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साथ ही उन्होंने कहा कि डूंगरपुर-बांसवाड़ा-रतलाम रेल लाइन का काम रोक दिया गया. उदयपुर से डूंगरपुर और अहमदाबाद तक ब्रॉडगेज लाइन का काम भी अब तक पूरा नहीं हो सका है. वहीं रतलाम से बांसवाड़ा, डूंगरपुर, स्वरूपगंज हाइवे का काम भी ठप्प हो गया है. कोरोना महामारी ने मोदी सरकार ने गरीब किसानों, मजदूरों को मरने के लिए छोड़ दिया और वे सैकड़ों किलोमीटर पैदल चलकर घर पंहुचे, लेकिन उनकी सरकार ने उनकी एक नहीं सुनी. मोदी के साथ ही उनके सांसद भी विकास का एक काम नहीं करवा पाए हैं. जिससे आम जनता परेशान हैं.