आसपुर (डूंगरपुर). आज का युग आधुनिकता का युग है. लेकिन, जिले के भासौर ग्राम पंचायत में नया टापरा पाड़ा फला गांव के लोग आज भी ट्यूब और नाव से सफर कर रास्ता पार करने को मजबूर हैं. यहां के लोग भोजेला तालाब में पानी होने से टापू में बसे हुए हैं. जो आजादी के समय से मोहल्ले तो जोड़ने के लिए एक पुलिया निर्माण की मांग कर रहे हैं. इसके बावजूद किसी भी प्रशासन की तरफ से कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. जनप्रतिनिधि भी सिर्फ चुनावी माहौल में पुल निर्माण का झूठा आश्वासन ही देते हैं. जिसको लेकर लोगों में काफी रोष व्यापत है.
भासौर पंचायत के नया टापरा के पाड़ा फला में 15 मकान हैं. जिनमें 70 से 75 सदस्य रहते हैं. इनकी खेती और सारी जमीन भी यहीं हैं. ऐसे में इन लोगों का यहां रहना मजबूरी है. यहां से भासौर और नया टापरा जाने के लिए लोग नाव या ट्यूब का सहारा लेकर तालाब पार करते हैं. तालाब करते समय लोग खुद ही नाव चलाते हैं. जिसकी वजह से हमेशा हादसा होने का डर बना रहता है. यहां के 19 बच्चे पढ़ने के लिए रोजाना स्कूल भी जाते हैं. जिनमें से 11 राउमावि भासौर और 8 विद्यार्थी राप्रावि नया टापरा में पढ़ते हैं. ऐसे में उन्हें भी स्कूल आने-जाने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है.
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ग्रामीणों ने बताया कि, पूर्व सरपंच गीता देवी के कार्यकाल में पुल निर्माण के लिए 80 लाख रुपए की स्वीकृति करवाई थी. जिससे पुलिया के साथ राप्रावि नया टापरा से सुरेला तक डामर सड़क का निर्माण कराया जाना था. लेकिन बेकवाटर में पानी कम नहीं होने से पुल निर्माण नहीं हो सका.