डूंगरपुर. मनरेगा में काम करने वाले श्रमिकों के लिए सरकार ने वर्ष 2019-20 में वेज रेट बढ़ाकर 199 रुपए कर दी गई, ताकि श्रमिकों को काम के बदले ज्यादा मजदूरी मिले, लेकिन जनजाति बहुल डूंगरपुर जिले में श्रमिकों को निर्धारित वेज रेट तक नहीं पहुंच पा रहा है. जिले का औसत वेज रेट 128 रुपए सामने आ रहा है, जो सबसे न्यूनतम है.
जिले में दस पंचायत समितियां है, जिसमें सभी पंचायत समितियों में मजदूरी का वेज रेट अलग-अलग है. जिले की 6 पंचायत समितियों में मनरेगा श्रमिकों की मजदूरी औसत वेज रेट से कम निकल रही है. ऐसे में मनरेगा कार्य के प्रति प्रदर्शन कम होना सामने आ रहा है. रिपोर्ट के अनुसार आसपुर ब्लॉक में 125 रुपए, बिछीवाड़ा ब्लॉक में 127 रुपए, चिखली पंचायत समिति में 136 रुपए, दोवड़ा पंचायत समिति में 143 रुपए, डूंगरपुर में 124 रुपए, गलियाकोट में 119 रुपए, झोथरी में 127 रुपए, सागवाड़ा ब्लॉक में 124 रुपए, सीमलवाड़ा पंचायत समिति में 130 रुपए की औसत मजदूरी मिल रही है.
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काम के प्रति ढिलाई और मॉनिटरिंग में कमी निर्धारित...
दरअसल, मनरेगा कार्य स्थल पर मेट की मौजूदगी मे काम होता है, लेकिन कार्य स्थल पर श्रमिकों की और से कार्य में ढिलाई बरती जा रही है.199 रुपए वेज रेट तय होने के बाद भी औसत रेट से ब्लॉक पिछड़ रहे है. यह आकड़े दर्शाते है की कार्य स्थल पर श्रमिकों की और से कार्य में रुचि नहीं ली जा रही है.
दो वर्ष तक सिर्फ 192 रुपए तय की थी मजदूरी...
बता दें, कि वर्ष 2018-19 में मनरेगा में मजदूरों को मजदूरी 192 रुपए रखी गई थी. वर्ष 2017-18 में इतनी राशि मिल रही थी. वर्ष 2016 में 173 रुपए, वर्ष 2015 में 163 रुपए, वर्ष 2014 में 149 रुपए की मजदूरी तय की गई थी. वेज रेट बढ़ाने के बाद भी डूंगरपुर के श्रमिकों को अधिकतम मजदूरी नहीं मिल पा रही है.