डूंगरपुर : चार साल पहले शुरू हुए डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को पहले स्पेशलिस्ट डॉक्टर और अब रिसर्च की मंजूरी मिल गई है. डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर अब आदिवासी इलाके में फैली बीमारियों पर रिसर्च करेंगे, जिससे राजस्थान के आदिवासियों को बीमारियों का इलाज के साथ ही राहत भी मिल सकेगी. बता दें कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को रिसर्च और उससे जुड़े उपकरणों के लिए 1 करोड़ 25 लाख रुपये का बजट भी मिला है.
राजस्थान के साथ देश के इन मेडिकल कॉलेज को मिला अनुदान
उत्तरप्रदेश के ऑल इंडिया इंस्टीटूट ऑफ मेडिकल साइंस रायबरेली के बलांगीर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल और हिमाचल प्रदेश के डॉ. राधा कृष्ण गवर्मेंट मेडिकल कॉलेज हमीरपुर में भी राजस्थान के डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज के साथ ही रिसर्च की अनुमति मिली है. वहीं, इस अनुसंधान प्रक्रिया के बाद प्रदेश के अन्य बड़े मेडिकल कॉलेज जैसे जयपुर के एसएमएस, जोधपुर मेडिकल कॉलेज की तरह ही अब डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में भी बीमारियों पर कई तरह के रिसर्च किये जाएंगे.
रिसर्च से इनको मिलेगा लाभ
डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज में रिसर्च की अनुमति के बाद वागड़ के लोगों को कई तरह के फायदे मिलेंगे. मेडिकल कॉलेज में रिसर्च को लेकर सुविधाओं का विस्तार होगा तो वहीं कई नए टेक्नोलॉजी के उपकरण भी आएंगे, जिससे डॉक्टर और राजस्थान के मेडिकल स्टूडेंट बीमारियों से जुड़े रिसर्च कर सकेंगे. वहीं इलाज के लिए 150 किमी दूर अहमदाबाद या फिर 100 किमी दूर उदयपुर में जाकर इलाज करवाने वाले मरीजों को भी डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में बेहतर सुविधाएं मिलेंगी.
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डॉक्टर के साथ मेडिकल स्टूडेंट्स भी करेंगे रिसर्च
प्राचार्य डॉ. श्रीकांत असावा ने बताया कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से डूंगरपुर मेडिकल कॉलेज को रिसर्च की अनुमति से कई फायदे मिलेंगे. आदिवासी इलाके में कई लोग अलग-अलग तरह की बीमारियों से जूझ रहे हैं. इन बीमारियों की असली वजह क्या है, किन कारणों से बीमारियां हो रही है और इन बीमारियों को जड़ से मिटाने के लिए किस तरह के प्रयास हो सकते हैं. इन तमाम चीजों पर रिसर्च की जाएगी. विशेषज्ञ डॉक्टर के साथ ही मेडिकल स्टूडेंट मरीजों से भी उन बीमारियों को लेकर विचार विमर्श करेंगे, जिससे बीमारियों का सही कारण पता लगाकर स्थानीय लोगो को अधिक से अधिक राहत दिलाई जा सके.