डूंगरपुर. शहर के एक निजी अस्पताल में डिलेवरी के दौरान प्रसूता और नवजात बच्ची की मौत हो गई. इसके बाद मृतका के परिजनों ने हंगामा कर दिया और डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए शव लेने से भी इंकार कर दिया.
परिजन मुआवजे की मांग को लेकर बैठे हैं. पुलिस मामले में लोगों से समझाइश के प्रयास कर रही है. कोतवाली थाना क्षेत्र के डिमिया निवासी माया डामोर के प्रसव पीड़ा होने पर गुरुवार शाम को परिजन उसे शहर के एक निजी अस्पताल लेकर पंहुचे थे. शहर के सबका हॉस्पिटल में उसे भर्ती करवाया गया. यहां डिलेवरी के दौरान नवजात बच्ची के साथ ही प्रसूता की भी मौत हो गई.
इधर प्रसूता की मौत की खबर परिजनों को मिली तो उन्होंने हंगामा कर दिया. इसके बाद शव को निजी अस्पताल से डूंगरपुर जिला अस्पताल के मोर्चरी में शिफ्ट करवाया गया. लेकिन मां और नवजात बच्ची की मौत पर परिजनों ने जमकर आक्रोश जताया. घटना की सूचना पर कोतवाली थाना पुलिस मौके पर पंहुची और परिजनों से समझाइश के प्रयास किये.
पढ़ें- राजस्थान: बिगड़ती कानून व्यवस्था को लेकर सड़कों पर उतरा BJYM, पुलिस ने भांजी लाठियां
परिजन डॉक्टरों पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े हुए हैं. ऐसे में शव मोर्चरी के अंदर है जबकि परिजन मोर्चरी से कुछ दूरी पर ही बैठक कर मुआवजे और कार्रवाई की मांग पर अड़े हैं. ऐसे में दूसरे पक्ष की ओर से समझौता होने पर ही पोस्टमार्टम की कार्रवाई हो सकेगी.
मृतक प्रसूता के पहले से 3 बच्चे हैं, जिसमें 2 बेटियां और 1 बेटी है. प्रसूता की मौत के बाद तीनों बच्चो के सिर से मां का साया उठ गया. प्रसूता की यह चौथी डिलेवरी थी और डिलेवरी टेबल पर उसकी मौत हो गई. बताया जा रहा है प्रसूता में हिमोग्लोबिन की मात्रा कम होने से उसकी मौत हुई. लेकिन पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के सही कारणों का पता चल सकेगा.