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डूंगरपुर: ACB की बड़ी कार्रवाई, ग्राम विकास अधिकारी 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते गिरफ्तार - राजस्थान

जिले में निर्माण कार्य सामग्री के बिल पास करने की एवज में 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उदयपुर जिले के ऋषभदेव ग्राम विकास अधिकारी को ACB ने रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया.

ACB की बड़ी कार्रवाई
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Published : May 9, 2019, 12:17 AM IST

डूंगरपुर. जिले में निर्माण कार्य सामग्री के बिल पास करने की एवज में 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उदयपुर जिले के ऋषभदेव ग्राम विकास अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई डूंगरपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने की है.

डूंगरपुर एसीबी के डीएसपी गुलाबसिंह ने बताया कि क्रिएटिव बिल्डकॉम के प्रोपराइटर वैभव शर्मा ने 6 मई को एक लिखित शिकायत पेश की, जिसमें बताया कि उसने उदयपुर जिले के ऋषभदेव में अधूरे पड़े बस स्टैंड के निर्माण कार्य का ठेका लिया था. जिसका 95 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. और 8 लाख 42 हजार 576 रुपये का बिल पास करने में सचिव गुलाबचंद महावर आनाकानी कर रहा है. साथ ही बिल पास करने की एवज में 50 हजार रुपये की मांग कर रहा है. वहीं, इस शिकायत पर एसीबी ने मामले का सत्यापन करवाया. जिसमें 8 लाख 42 हजार रुपये के काम की ऑडिट की एवज में 50 हजार की जगह पर 13 हजार 500 रुपये की मांग की.

ACB की बड़ी कार्रवाई

इसके अलावा सचिव गुलाबचंद महावर के पास मूल प्रभार मांडवा का था. जहां सीमेंट सप्लाई का बिल 35 हजार 342 रुपये का बिल पास करने के लिए कमीशन के रूप में 5 हजार रुपये मांग की. कुल 18 हजार 500 रुपये रिश्वत के रूप में मांगे. सत्यापन में इसकी पुष्टि के बाद बुधवार को परिवादी वैभव शर्मा 18 हजार रुपये लेकर गया और सचिव गुलाबचंद महावर को दिए. जिसे सचिव ने ले लिए. लेकिन, इसमें से 13 हजार रुपये वापस वैभव शर्मा को लौटा दिए और रिश्वत के 5 हजार रुपये रख लिए.

दूसरी ओर परिवादी की ओर से इशारा मिलते ही एसीबी की टीम पंहुच गई और सचिव गुलाबचंद को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सचिव गुलाबचंद के जेब से रिश्वत में लिए 5 हजार रुपये बरामद कर लिए. आरोपी सचिव के हाथ धुलाने पर गुलाबी रंग निकल आया. एसीबी डीएसपी गुलाबसिंह ने बताया कि आरोपी सचिव से पूछताछ की जा रही है.

डूंगरपुर. जिले में निर्माण कार्य सामग्री के बिल पास करने की एवज में 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए उदयपुर जिले के ऋषभदेव ग्राम विकास अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया. भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई डूंगरपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने की है.

डूंगरपुर एसीबी के डीएसपी गुलाबसिंह ने बताया कि क्रिएटिव बिल्डकॉम के प्रोपराइटर वैभव शर्मा ने 6 मई को एक लिखित शिकायत पेश की, जिसमें बताया कि उसने उदयपुर जिले के ऋषभदेव में अधूरे पड़े बस स्टैंड के निर्माण कार्य का ठेका लिया था. जिसका 95 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है. और 8 लाख 42 हजार 576 रुपये का बिल पास करने में सचिव गुलाबचंद महावर आनाकानी कर रहा है. साथ ही बिल पास करने की एवज में 50 हजार रुपये की मांग कर रहा है. वहीं, इस शिकायत पर एसीबी ने मामले का सत्यापन करवाया. जिसमें 8 लाख 42 हजार रुपये के काम की ऑडिट की एवज में 50 हजार की जगह पर 13 हजार 500 रुपये की मांग की.

ACB की बड़ी कार्रवाई

इसके अलावा सचिव गुलाबचंद महावर के पास मूल प्रभार मांडवा का था. जहां सीमेंट सप्लाई का बिल 35 हजार 342 रुपये का बिल पास करने के लिए कमीशन के रूप में 5 हजार रुपये मांग की. कुल 18 हजार 500 रुपये रिश्वत के रूप में मांगे. सत्यापन में इसकी पुष्टि के बाद बुधवार को परिवादी वैभव शर्मा 18 हजार रुपये लेकर गया और सचिव गुलाबचंद महावर को दिए. जिसे सचिव ने ले लिए. लेकिन, इसमें से 13 हजार रुपये वापस वैभव शर्मा को लौटा दिए और रिश्वत के 5 हजार रुपये रख लिए.

दूसरी ओर परिवादी की ओर से इशारा मिलते ही एसीबी की टीम पंहुच गई और सचिव गुलाबचंद को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया. आरोपी सचिव गुलाबचंद के जेब से रिश्वत में लिए 5 हजार रुपये बरामद कर लिए. आरोपी सचिव के हाथ धुलाने पर गुलाबी रंग निकल आया. एसीबी डीएसपी गुलाबसिंह ने बताया कि आरोपी सचिव से पूछताछ की जा रही है.

Intro:डूंगरपुर। निर्माण कार्य सामग्री के बिल पास करने की एवज में 5 हजार रुपये की रिश्वत लेते उदयपुर जिले के ऋषभदेव ग्राम विकास अधिकारी को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया गया। भ्रष्टाचार के खिलाफ यह कार्रवाई डूंगरपुर भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो की टीम ने की है।


Body:डूंगरपुर एसीबी के डीएसपी गुलाबसिंह ने बताया कि क्रिएटिव बिल्डकॉम के प्रोपाइटर वैभव शर्मा ने 6 मई को एक लिखित शिकायत पेश की जिसमें बताया कि उसने उदयपुर जिले के ऋषभदेव में अधूरे पड़े बस स्टैंड के निर्माण कार्य का ठेका लिया था। जिसका 95 प्रतिशत काम पूरा कर लिया है और 8 लाख 42 हजार 576 रुपये का बिल पास करने में सचिव गुलाबचंद महावर आनाकानी कर रहा है ओर वही बिल पास करने की एवज में 50 हजार रुपये की मांग कर रहा है।
इस शिकायत पर एसीबी ने मामले का सत्यापन करवाया जिसमें 8 लाख 42 हजार रुपये के काम की ऑडिट की एवज में 50 हजार की जगह पर 13 हजार 500 रुपये की मांग की।
इसके अलावा सचिव गुलाबचंद महावर के पास मूल प्रभार मांडवा का था जहाँ सीमेंट सप्लाई का बिल 35 हजार 342 रुपये का बिल पास करने के लिए कमीशन के रूप में 5 हजार रुपये मांग की। कुल 18 हजार 500 रुपये रिश्वत के रूप में मांगे। सत्यापन में इसकी पुष्टि के बाद बुधवार को परिवादी वैभव शर्मा 18 हजार रुपये लेकर गया और सचिव गुलाबचंद महावर को दिए। जिसे सचिव ने ले लिए लेकिन इसमें से 13 हजार रुपये वापस वैभव शर्मा को लौटा दिए ओर रिश्वत के 5 हजार रुपये रख लिए। दूसरी ओर परिवादी की ओर से इशारा मिलते ही एसीबी की टीम पंहुच गई और सचिव गुलाबचंद को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। आरोपी सचिव गुलाबचंद के जेब से रिश्वत में लिए 5 हजार रुपये बरामद कर लिए। आरोपी सचिव के हाथ धुलाने पर गुलाबी रंग निकल आया। एसीबी डीएसपी गुलाबसिंह ने बताया कि आरोपी सचिव से पूछताछ की जा रही है।

बाईट- गुलाबसिंह, डीएसपी एसीबी डूंगरपुर।


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