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दादा-दादी ने दो मासूमों को घर से निकाला, तीन दिन बाद पुलिस की मदद से मिला चाइल्ड लाइन का सहारा

डूंगरपुर जिले के रामसागड़ा थाना क्षेत्र में दादा-दादी द्वारा 2 मासूम बच्चों को घर से बाहर निकालने का मामला सामने आया है. कोतवाली पुलिस ने बच्चों की देखभाल के लिए उन्हें चाइल्ड लाइन को सौंपा दिया है. जहां अब बच्चों की देखभाल की जाएगी.

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Published : Jun 7, 2019, 5:26 PM IST

मासूम बच्चों को तीन दिन बाद पुलिस की मदद से मिला चाइल्ड लाइन का सहारा

डूंगरपुर. जिले के रामसागड़ा थाना क्षेत्र में दादा-दादी द्वारा 2 मासूम बच्चों को घर से बाहर निकालने का मामला सामने आया है. दोनों मासूम पिछले तीन दिनों से पुराना बस स्टैंड के पास भटकते फिर रहे थे. बच्चों को लावारिस हालत में घूमते देख एक व्यक्ति ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद पुलिस ने बच्चों से पूरी जानकारी लेकर उन्हें चाइल्ड लाइन को सौंप दिया. जहां अब बच्चों की देखभाल की जाएगी.

दादा-दादी ने दो मासूमों को घर से निकाला, तीन दिन बाद पुलिस की मदद से मिला चाइल्ड लाइन का सहारा

पुलिस ने मासूमों से उनके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि साहिल उम्र 8 वर्ष और उसके छोटे भाई आशीष उम्र 7 वर्ष ने बताया कि वह माड़ा फला सामीतेड के रहने वाले हैं और दादा-दादी द्वारा घर से निकाल देने के कारण पिछले 3 दिनों से भटकते फिर रहे हैं. मासूम भाइयों ने बताया कि उनके पिता गुजरात में मजदूरी करते हैं और उनकी मां पहले ही उन्हें छोड़कर कहीं चली गई है. जिसके बाद से ही वह दादा-दादी के पास रह रहे थे.

इससे पहले सूचना पर शहर कोतवाल चांदमल सिंगारिया दोनों भाइयों को कोतवाली थाने ले गई. जहां दोनों को खाना खिलाया और नए कपड़े भी दिलवाए. जिससे दोनों बच्चों के चेहरे पर खुशी आ गई. चाइल्ड लाइन ने बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया. जहां से उनकी आगे की देखभाल के लिए निर्देश दिए गए. वहीं चाइल्ड लाइन की ओर से बच्चों के पिता और दादा-दादी को बुलाकर बात करके अच्छी देखभाल के लिए सुपुर्द किया जाएगा.

डूंगरपुर. जिले के रामसागड़ा थाना क्षेत्र में दादा-दादी द्वारा 2 मासूम बच्चों को घर से बाहर निकालने का मामला सामने आया है. दोनों मासूम पिछले तीन दिनों से पुराना बस स्टैंड के पास भटकते फिर रहे थे. बच्चों को लावारिस हालत में घूमते देख एक व्यक्ति ने कोतवाली पुलिस को सूचना दी. जिसके बाद पुलिस ने बच्चों से पूरी जानकारी लेकर उन्हें चाइल्ड लाइन को सौंप दिया. जहां अब बच्चों की देखभाल की जाएगी.

दादा-दादी ने दो मासूमों को घर से निकाला, तीन दिन बाद पुलिस की मदद से मिला चाइल्ड लाइन का सहारा

पुलिस ने मासूमों से उनके बारे में पूछा तो उन्होंने बताया कि साहिल उम्र 8 वर्ष और उसके छोटे भाई आशीष उम्र 7 वर्ष ने बताया कि वह माड़ा फला सामीतेड के रहने वाले हैं और दादा-दादी द्वारा घर से निकाल देने के कारण पिछले 3 दिनों से भटकते फिर रहे हैं. मासूम भाइयों ने बताया कि उनके पिता गुजरात में मजदूरी करते हैं और उनकी मां पहले ही उन्हें छोड़कर कहीं चली गई है. जिसके बाद से ही वह दादा-दादी के पास रह रहे थे.

इससे पहले सूचना पर शहर कोतवाल चांदमल सिंगारिया दोनों भाइयों को कोतवाली थाने ले गई. जहां दोनों को खाना खिलाया और नए कपड़े भी दिलवाए. जिससे दोनों बच्चों के चेहरे पर खुशी आ गई. चाइल्ड लाइन ने बच्चों को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया. जहां से उनकी आगे की देखभाल के लिए निर्देश दिए गए. वहीं चाइल्ड लाइन की ओर से बच्चों के पिता और दादा-दादी को बुलाकर बात करके अच्छी देखभाल के लिए सुपुर्द किया जाएगा.

Intro:डूंगरपुर। पिता रोजगार के लिए गुजरात गए, मॉ पहले ही छोड़कर चली गई। 7-8 साल के दो मासूम भाई दादा-दादी के पास रहते थे, लेकिन दादा-दादी ने भी घर से निकाल दिया तो 3 दिनों तक मासूम भटकते रहे। अब यह बच्चे पुलिस की मदद से चाइल्ड लाइन में सहारा मिला है। दोनों भाईयों ने 3 दिन बाद भरपेट खाना खाया तो उनके चेहरे पर भी मुस्कान दिखी।


Body:मामला डूंगरपुर जिले के रामसागड़ा थाना क्षेत्र का है। बताया जाता है कि शहर के पुराना बस स्टैंड के पास पिछले 3 दिनों से दो बच्चें गुम फिर रहे थे और इधर-उधर घूमकर जो खाने-पीने का मिलता उसे खाकर बस स्टैंड के आसपास ही सो जाते। बच्चो को लावारिस हालात में भूखे-प्यासे घूमते देख एक युवा ने इसकी सूचना कोतवाली पुलिस को दी।
इसके बाद पुलिस ने इन बच्चों को मदद दी और तसल्ली से उनके बारे में पूछा तो दोनक भाइयों में पूरी घटना बयां की। साहिल उम्र 8 वर्ष ओर छोटा भाई आशीष उम्र 7 वर्ष निवासी माड़ा फला सामीतेड के रहने वाले है ओर दादा-दादी के निकाल देने के बाद से ही पिछले 3 दिनों से भटक रहे है। मासूम भाइयों ने बताया कि उनके पिता हरीश गुजरात मे मजदूरी करते है और माँ पहले ही उन्हें छोड़कर कहीं चली गई है। इसके बाद से ही वह दादा-दादी के पास रह रहे थे।
पुलिस दोनों भाइयों को कोतवाली ले गए जहां बच्चो को नाश्ता करवाया और फिर खाना भी खिलाया। शहर कोतवाल चांदमल सिंगारिया ने दोनों भाइयों को नए कपड़े भी दिलवाए तो उनके चेहरे पर खुशी आ गई। इसके बाद पुलिस ने दोनों बच्चो को सारसंभाल के लिए चाइल्ड लाइन को सुपुर्द कर दिया जहां अब बच्चो की देखभाल की जाएगी। चाइल्ड लाइन ने इन बच्चो को बाल कल्याण समिति के सामने पेश किया जहां से उनकी आगे की देखभाल के लिए निर्देश दिए। चाइल्ड लाइन की ओर से अब इन बच्चो के पिता और दादा-दादी को बुलाकर बातचीत करने के बाद उनकी अच्छी देखभाल के लिए सुपुर्द किया जाएगा।

बाईट- चांदमल सिंगारिया, सीआई कोतवाली डूंगरपुर।


Conclusion:
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