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Special: महामारी में महंगाई ने बढ़ाईं मुश्किलें...उपभोक्ता बेहाल, व्यापारियों का भी बुरा हाल

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Published : May 30, 2021, 2:09 PM IST

महामारी ने हर आम और खास व्यक्ति के जीवन पर प्रभाव डाला है. सरकार से लेकर प्रशासन तक लोगों को राहत देने में जुटा है, लेकिन बेहताशा बढ़ती महंगाई को रोकने में सरकार नाकाम साबित हो रही है. घरों में रोजाना प्रयोग होने वाली चीजें जैसे आटा, दाल, चावल और तेल की कीमतें बढ़ने से लोग परेशान हैं. ईटीवी भारत ने बाजार में रोजमर्रा के सामान में हो रही बढ़ोतरी के बारे में जानने का प्रयास किया तो कई वस्तुओं के दामों में दो गुनी बढ़ोतरी सामने आई है. पेश है एक रिपोर्ट.

महामारी में महंगाई , उपभोक्ताओं की बढ़ी मुश्किल, खाद्य वस्तुएं हुई महंगी, दालों की कीमतें बढ़ीं, Epidemic inflation,  Consumers difficulty increased , Bad condition of traders
महंगाई की मार

डूंगरपुर. कोरोना काल में सालभर से कई उद्योग-धंधे बंद हैं तो वहीं हजारों लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ गया है. ऐसे में लोगों को भीषण आर्थिक संकट के भी महंगाई की मार भी झेलनी पड़ रही है. महामारी के बीच महंगाई लोगों की सबसे बड़ी परेशानी बन गई है. महंगाई कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है. महंगाई रोकने के लिए व्यापारियों को जमाखोरी न करने, सामान महंगे दामों में नहीं बेचने की अपील कर रही है, लेकिन जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है उससे आम इंसान की कमर टूट गई है. रोजाना के घरेलू प्रयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं.

महामारी में महंगाई से लोग परेशान

आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया

कोरोना के कारण काम-धंधे भले ही ठप हो गए हैं, लेकिन लोगों के जरूरतें और खर्चे कम नहीं हुए हैं. कमाई भले ही कम हो गई है लेकिन खर्च कम नहीं हो पा रहे हैं. रोजमर्रा के खानपान की वस्तुएं भी महंगी हो गईं हैं. ऐसे में लोगों के लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा है. लॉकडाउन में एक तो काम बंद है उसपर महंगाई बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. ऐसे में कोरोना काल में महंगाई कोढ़ में खाज का काम कर रही है.

पढ़ें: SPECIAL : रोजड़ी गांव में 2 महीने में हुई थीं 25 से ज्यादा मौतें...जानिये कैसे ग्रामीणों ने लगाया कोरोना पर अंकुश

तेल के दाम दो गुना तक बढ़े, आटा-दाल, चावल भी महंगा

कोरोना के बीच महंगाई इस कदर बढ़ी है कि लोगों की कमर टूट गई है. सबसे ज्यादा दाम तेल के बढ़े हैं. पहले खाने का तेल 90 से 100 रुपये लीटर मिलता था, लेकिन अब यही 160 से 170 रुपये लीटर में मिल रहा है. रोजाना खाना बनाने में तेल के प्रयोग से इसकी खपत भी अधिक रहती है. वहीं चायपत्ती के दाम भी 40 से 50 रुपये तक बढ़ गए हैं. इसके साथ ही खाने में सबसे ज्यादा जरूरी चीज दालों के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है. चना, तुलर, उड़द की दालों के दाम 5 से 10 और 20 रुपये तक बढ़ गए हैं. हालांकि मूंग दाल के भाव में कुछ कमी आई है. ऐसे में पहले से परेशानी झेल रहे लोग पर दोहरी मार पड़ी है.

महामारी में महंगाई , उपभोक्ताओं की बढ़ी मुश्किल, खाद्य वस्तुएं हुई महंगी, दालों की कीमतें बढ़ीं, Epidemic inflation,  Consumers difficulty increased , Bad condition of traders
खास-खास

पढ़ें: Special: कोरोना काल में कर्म को धर्म मानकर मरीजों की सेवा में जुटीं नर्सें

व्यापारी बोले- जब सामान महंगा आ रहा तो क्या करें?

जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर ईटीवी भारत ने व्यापारियों से बातचीत की तो बताया कि कई चीजों की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी आई है. खासकर तेल के भाव सबसे ज्यादा बढ़े हैं. इसके अलावा चावल, दाल ओर अन्य सामान की कीमतों में भी मामूली बढ़ोतरी हुई है जिससे यह महंगा बिक रहा है. बावजूद इसके स्थानीय व्यापारी लोगों को सस्ती दर पर सामान देने का प्रयास कर रहा है. व्यापारी ने यह भी बताया कि कई बार ग्राहक महंगाई को लेकर पूछता भी है लेकिन हम भी क्या करें जो सामना आगे से ही महंगा आ रहा है, वह महंगा ही बिकेगा भी. लोगों की जरूरत होने के कारण सब सामान रखना भी जरूरी है.

पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बड़ा कारण

व्यापारियों ने बताया कि महंगाई का एक बड़ा कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है. एक लीटर डीजल 95 रुपये के करीब पंहुच गया है. ऐसे में ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज भी बढ़ गए हैं तो वहीं लॉकडाउन होने के कारण मजदूर भी बहुत मुश्किल से मिलते हैं और जो हैं वे भी बहुत ज्यादा मेहनताना लेते हैं. इसका असर भी महंगाई पर पड़ रहा है. हालांकि इन सबके बीच आर्थिक तंगी ओर परेशानी से उपभोक्ता ही जूझ रहा है.

डूंगरपुर. कोरोना काल में सालभर से कई उद्योग-धंधे बंद हैं तो वहीं हजारों लोगों को नौकरियों से हाथ धोना पड़ गया है. ऐसे में लोगों को भीषण आर्थिक संकट के भी महंगाई की मार भी झेलनी पड़ रही है. महामारी के बीच महंगाई लोगों की सबसे बड़ी परेशानी बन गई है. महंगाई कम होने की बजाय बढ़ती जा रही है. महंगाई रोकने के लिए व्यापारियों को जमाखोरी न करने, सामान महंगे दामों में नहीं बेचने की अपील कर रही है, लेकिन जिस तरह से महंगाई बढ़ रही है उससे आम इंसान की कमर टूट गई है. रोजाना के घरेलू प्रयोग में आने वाली वस्तुओं के दाम बढ़ गए हैं.

महामारी में महंगाई से लोग परेशान

आमदनी अठन्नी, खर्चा रुपैया

कोरोना के कारण काम-धंधे भले ही ठप हो गए हैं, लेकिन लोगों के जरूरतें और खर्चे कम नहीं हुए हैं. कमाई भले ही कम हो गई है लेकिन खर्च कम नहीं हो पा रहे हैं. रोजमर्रा के खानपान की वस्तुएं भी महंगी हो गईं हैं. ऐसे में लोगों के लिए गुजारा करना मुश्किल हो रहा है. लॉकडाउन में एक तो काम बंद है उसपर महंगाई बढ़ने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गईं हैं. ऐसे में कोरोना काल में महंगाई कोढ़ में खाज का काम कर रही है.

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तेल के दाम दो गुना तक बढ़े, आटा-दाल, चावल भी महंगा

कोरोना के बीच महंगाई इस कदर बढ़ी है कि लोगों की कमर टूट गई है. सबसे ज्यादा दाम तेल के बढ़े हैं. पहले खाने का तेल 90 से 100 रुपये लीटर मिलता था, लेकिन अब यही 160 से 170 रुपये लीटर में मिल रहा है. रोजाना खाना बनाने में तेल के प्रयोग से इसकी खपत भी अधिक रहती है. वहीं चायपत्ती के दाम भी 40 से 50 रुपये तक बढ़ गए हैं. इसके साथ ही खाने में सबसे ज्यादा जरूरी चीज दालों के दाम में भी बढ़ोतरी हुई है. चना, तुलर, उड़द की दालों के दाम 5 से 10 और 20 रुपये तक बढ़ गए हैं. हालांकि मूंग दाल के भाव में कुछ कमी आई है. ऐसे में पहले से परेशानी झेल रहे लोग पर दोहरी मार पड़ी है.

महामारी में महंगाई , उपभोक्ताओं की बढ़ी मुश्किल, खाद्य वस्तुएं हुई महंगी, दालों की कीमतें बढ़ीं, Epidemic inflation,  Consumers difficulty increased , Bad condition of traders
खास-खास

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व्यापारी बोले- जब सामान महंगा आ रहा तो क्या करें?

जरूरी वस्तुओं की बढ़ती कीमतों को लेकर ईटीवी भारत ने व्यापारियों से बातचीत की तो बताया कि कई चीजों की कीमतों में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तेजी आई है. खासकर तेल के भाव सबसे ज्यादा बढ़े हैं. इसके अलावा चावल, दाल ओर अन्य सामान की कीमतों में भी मामूली बढ़ोतरी हुई है जिससे यह महंगा बिक रहा है. बावजूद इसके स्थानीय व्यापारी लोगों को सस्ती दर पर सामान देने का प्रयास कर रहा है. व्यापारी ने यह भी बताया कि कई बार ग्राहक महंगाई को लेकर पूछता भी है लेकिन हम भी क्या करें जो सामना आगे से ही महंगा आ रहा है, वह महंगा ही बिकेगा भी. लोगों की जरूरत होने के कारण सब सामान रखना भी जरूरी है.

पेट्रोल-डीजल की कीमतें भी बड़ा कारण

व्यापारियों ने बताया कि महंगाई का एक बड़ा कारण पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है. डीजल के दामों में भारी बढ़ोतरी हुई है. एक लीटर डीजल 95 रुपये के करीब पंहुच गया है. ऐसे में ट्रांसपोर्टेशन चार्जेज भी बढ़ गए हैं तो वहीं लॉकडाउन होने के कारण मजदूर भी बहुत मुश्किल से मिलते हैं और जो हैं वे भी बहुत ज्यादा मेहनताना लेते हैं. इसका असर भी महंगाई पर पड़ रहा है. हालांकि इन सबके बीच आर्थिक तंगी ओर परेशानी से उपभोक्ता ही जूझ रहा है.

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