आसपुर (डूंगरपुर). जहां एक तरफ राजकीय विद्यालयों में शिक्षकों की कमी को लेकर अभिभावक बच्चों को निजी विद्यालय में पढ़ाने को मजबूर हैं. वहीं जिले के आसपुर ब्लॉक के रा.उ.प्रा.वि बड़लिया गांव के भामाशाहों ने आगे आकर विद्यालय की तस्वीर ही बदल डाली.
इस विद्यालय को भामाशोहों ने निजी विद्यालय की तर्ज पर एचकेजी और एलकेजी कक्षाओं का संचालन करवाया जा रहा है. साथ ही ये भामाशाह चार निजी शिक्षकों की तनख्वाह का खर्च भी उठा रहे हैं. यह जिले का पहला विद्यालय है, जहां पर भामाशाह के सहयोग से निजी की तर्ज पर कक्षाएं संचालित हो रही हैं.
विद्यालय में कक्षा एक से आठ तक 135 विद्यार्थियों का नामांकन है. HKG और LKG में 26 विद्यार्थियों को 4 निजी शिक्षक पढ़ाते हैं, जिनका पूरा खर्च भामाशाह वहन करते हैं. ये कक्षाएं साल 2014 से शुरू है. विद्यालय में संस्था प्रधान सहित 8 शिक्षक कार्यरत हैं.
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भामाशाहों के पूर्ण समर्थन से शिक्षक भी कड़ी मेहनत के साथ खेल-खेल के माध्यम से बच्चों के स्तर को बढ़ा रहे हैं, जिसका परिणाम यह है कि बच्चे निजी विद्यालयों को छोड़कर इस विद्यायल में दाखिला ले रहे हैं. इस सत्र में 30 विद्यार्थियों को निजी विद्यालय को छोड़कर इस विद्यालय में नामांकन करवाया है.
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विद्यालय में कुछ ऐसी गतिविधियां हो रहीं हैं संचालित...
विद्यालय में प्रार्थना सभा से दिन की शुरुआत होती है, जिसमें बच्चों द्वारा ढोलक की थाप पर प्रार्थना की जाती है. वहीं विद्यालय में सीसीई आधारित बाल हाट बाजार, अक्षय पेटिका, आदि गतिविधियों के साथ बच्चों को सिखाया और पढ़ाया जाता है. साथ ही इस विद्यालय में छात्र निजी विद्यालयों की तरह टाई, बेल्ट और आई कार्ड पहनकर आते हैं. वहीं शिक्षक भी आई कार्ड का उपयोग करते हैं.
भामाशाहों ने किया है विद्यायल का सहयोग...
गांव के भामाशाहों की ओर से विद्यालय के सुचारू संचालन के लिए बहुत सारी चीजे दी है. भामाशाहों ने विद्यालय को 22 डेस्क, एक प्रॉजेक्टर, छात्र-छात्राओं के लिए बाथरूम, रंनिग वाटर, 120 स्टूल-टेबल, 20 पंखे, एक वाटर कूलर, कमरों में कारपेट, प्रिंटर, सभी कमरों में डस्टबिन, इनवर्टर, आलमारी, संस्था प्रधान की टेबल आदि दिया है.