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प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा: सरपंच ने गरीब आदिवासियों के आवास का हड़पा पैसा

डूंगरपुर के ग्राम पंचायत अंबाडा में प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां गरीब आदिवासियों के नाम के आवास का पैसा सरपंच ने मिलीभगत कर डकार लिया और अपने ही रिश्तेदारों के खाते में डाल दिया.

प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा, Fraud in Prime Minister's Housing Scheme
प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा
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Published : Jul 17, 2021, 8:17 AM IST

डूंगरपुर. प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) में डूंगरपुर जिला भले ही देश में तीसरे और राजस्थान (Rajasthan) प्रदेश में पहले स्थान पर रहा हो और अधिकारी खुद की पीठ थपथपा रहे हो, लेकिन जिले की चिखली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत अंबाडा में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां गरीब आदिवासियों के नाम के आवास का पैसा सरपंच ने मिलीभगत कर डकार लिया और अपने ही रिश्तेदारों के खाते में डाल दिया.

ऐसे में आवास योजना का हकदार आदिवासी आज भी कच्चे और बिना छत, दरवाजे के टापरो में गुजर-बसर करने को मजबूर है. देश में हर गरीब के सिर पर उसकी खुद की छत हो, इसकी मंशा से केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है, लेकिन डूंगरपुर जिले में इस योजना की सच्चाई कागजो में कुछ और वहीं धरातल पर कुछ और है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा

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प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ ऐसा ही हुआ है, डूंगरपुर जिले की चिखली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत के अम्बाडा पंचायत क्षेत्र में कई परिवार ऐसे है, जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में तो था, लेकिन असल में उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं है.

सरपंच और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारियों ने मिलीभगत कर अन्य लोगों के खातों में आवास की राशि ट्रांसफर करवा ली. वहीं अपने लिए छत की चाहत में जब मूल लाभार्थी पंचायत और पंचायत समिति पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके नाम का आवास पहले ही स्वीकृत हो चुका है और राशि भी उठा ली गई है.

वहीं अब ये पीड़ित लोग पंचायत के पूर्व उपसरपंच भूरालाल के साथ न्याय के लिए पंचायतीराज विभाग के कार्यालयों में चक्कर लगा रहे है, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर उस गरीब आदिवासी पर पड़ा है, जो आज भी पक्के मकान के इंतजार में ही और कच्चे टापरो में अपनी जिंदगी गुजार रहे है.

जिनके खातों में गई राशि उनसे होगी वसूली

जब इस मामले पर जब ग्राम पंचायत के वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी राजेश यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा की ये मामला उनके पहले का है और जैसे ही मामला सामने आया है, उसके बाद जिन लोगो के खातों में गलत तरीके से रकम डाली गई है. उनके बैंक खाते फ्रीज कराए जा रहे है. वहीं जिन लोगो ने रकम बैंक से निकाल ली है उनसे भी रिकवरी की जाएगी.

पढ़ेंः 33 साल पुराने बकायेदार चुका सकते हैं टैक्स, वाणिज्य कर विभाग ने दिया मौका

बहरहाल प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी सामने आने के बाद अब अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी गलत तरीके से खातों में गई राशि की रिकवरी की बात जरुर कर रहे है, लेकिन पीएम आवास में राष्ट्रीय खिताब से अपनी पीठ थपथपाने वाले डूंगरपुर जिला परिषद के अधिकारियों की ओर अंबाड़ा के ग्रामीण देख रहे है कि उनका अपनी पक्की छत का सपना पूरा होगा की या नहीं और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ प्रशासन की ओर से आखिर कब और क्या कार्रवाई होगी. इतना ही नही अंबाडा की तरह ही जिले की अन्य कई पंचायतों में भी इसी तरह की गड़बड़ियां हुई है, लेकिन प्रशासन ऐसे मामलों में कोई जांच करवाता है या नहीं. यह भी देखने की बात होगी.

डूंगरपुर. प्रधानमंत्री आवास योजना (Pradhan Mantri Awas Yojana) में डूंगरपुर जिला भले ही देश में तीसरे और राजस्थान (Rajasthan) प्रदेश में पहले स्थान पर रहा हो और अधिकारी खुद की पीठ थपथपा रहे हो, लेकिन जिले की चिखली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत अंबाडा में प्रधानमंत्री आवास योजना में बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. यहां गरीब आदिवासियों के नाम के आवास का पैसा सरपंच ने मिलीभगत कर डकार लिया और अपने ही रिश्तेदारों के खाते में डाल दिया.

ऐसे में आवास योजना का हकदार आदिवासी आज भी कच्चे और बिना छत, दरवाजे के टापरो में गुजर-बसर करने को मजबूर है. देश में हर गरीब के सिर पर उसकी खुद की छत हो, इसकी मंशा से केंद्र सरकार की ओर से प्रधानमंत्री आवास योजना चलाई जा रही है, लेकिन डूंगरपुर जिले में इस योजना की सच्चाई कागजो में कुछ और वहीं धरातल पर कुछ और है.

प्रधानमंत्री आवास योजना में फर्जीवाड़ा

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प्रधानमंत्री आवास योजना में कुछ ऐसा ही हुआ है, डूंगरपुर जिले की चिखली पंचायत समिति की ग्राम पंचायत के अम्बाडा पंचायत क्षेत्र में कई परिवार ऐसे है, जिनका नाम प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थियों की सूची में तो था, लेकिन असल में उन्हें इसकी जानकारी भी नहीं है.

सरपंच और तत्कालीन ग्राम विकास अधिकारियों ने मिलीभगत कर अन्य लोगों के खातों में आवास की राशि ट्रांसफर करवा ली. वहीं अपने लिए छत की चाहत में जब मूल लाभार्थी पंचायत और पंचायत समिति पहुंचे तो उन्हें पता चला कि उनके नाम का आवास पहले ही स्वीकृत हो चुका है और राशि भी उठा ली गई है.

वहीं अब ये पीड़ित लोग पंचायत के पूर्व उपसरपंच भूरालाल के साथ न्याय के लिए पंचायतीराज विभाग के कार्यालयों में चक्कर लगा रहे है, लेकिन इसका सबसे बड़ा असर उस गरीब आदिवासी पर पड़ा है, जो आज भी पक्के मकान के इंतजार में ही और कच्चे टापरो में अपनी जिंदगी गुजार रहे है.

जिनके खातों में गई राशि उनसे होगी वसूली

जब इस मामले पर जब ग्राम पंचायत के वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी राजेश यादव से बात की गई तो उन्होंने कहा की ये मामला उनके पहले का है और जैसे ही मामला सामने आया है, उसके बाद जिन लोगो के खातों में गलत तरीके से रकम डाली गई है. उनके बैंक खाते फ्रीज कराए जा रहे है. वहीं जिन लोगो ने रकम बैंक से निकाल ली है उनसे भी रिकवरी की जाएगी.

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बहरहाल प्रधानमंत्री आवास योजना में गड़बड़ी सामने आने के बाद अब अधिकारियों में हड़कंप मचा हुआ है. वर्तमान ग्राम विकास अधिकारी गलत तरीके से खातों में गई राशि की रिकवरी की बात जरुर कर रहे है, लेकिन पीएम आवास में राष्ट्रीय खिताब से अपनी पीठ थपथपाने वाले डूंगरपुर जिला परिषद के अधिकारियों की ओर अंबाड़ा के ग्रामीण देख रहे है कि उनका अपनी पक्की छत का सपना पूरा होगा की या नहीं और गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ प्रशासन की ओर से आखिर कब और क्या कार्रवाई होगी. इतना ही नही अंबाडा की तरह ही जिले की अन्य कई पंचायतों में भी इसी तरह की गड़बड़ियां हुई है, लेकिन प्रशासन ऐसे मामलों में कोई जांच करवाता है या नहीं. यह भी देखने की बात होगी.

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