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डूंगरपुर: डेढ़ साल में 5 पैंथरों की मौत, सुरक्षा के लिए वन विभाग ने बनाया नया प्लान - dungarpur

डूंगरपुर में वन विभाग पूरी तरह फेल नजर आ रहा है. ऐसे में अगर बीते डेढ़ साल की बात किया जाए तो अब तक 5 पैंथरों की मौत हो चुकी है.

वन संरक्षक डॉ. एस सारथ बाबू
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Published : Apr 18, 2019, 11:07 PM IST

डूंगरपुर. जिले में वन्यजीवों की सुरक्षा में वन विभाग पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है. पिछले डेढ़ साल में पांच पैंथरों की अकाल मृत्यु होने का मामला सामने आया है. इसमें से 2 पैंथरों को लोगों की भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया, वहीं 2 पैंथर मृत अवस्था में पाए गए और एक पैंथर रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी के चलते भूख और गर्मी से तड़प-तड़प कर मर गया.

डूंगरपुर में डेढ साल में 5 पैंथरों की मौत

हालांकि इन सब घटनाओं के बाद अब जिले के वन विभाग की नींद टूटी है और आए दिन सामने आ रही ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए विभाग ने पैंथर सहित अन्य वन्य जीवों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है.

वन संरक्षक डॉ. एस सारथ बाबू ने बताया कि पिछले साल हुई वन्य जीव गणना में जिले में 26 पैंथर्स दिखाई दिए थे. लेकिन अलग-अलग घटनाओं में 5 पैंथरों की मौत हो जाने से यह संख्या घटकर 21 रह गई है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 1 जून 2018 को बेणेश्वर और 2 जुलाई 2018 को देवला में मृत अवस्था में पैंथर मिले थे. वहीं 17 अप्रैल 2018 को केसरपुरा गांव की झाड़ियों में फंसकर कर एक पैंथर की भूख और गर्मी से मौत हो गई थी.

वहीं 5 अगस्त 2018 को उबली गांव और 3 अप्रैल 2019 को लीलवासा गांव के पास पैंथर द्वारा हमला करने पर आक्रोशित लोगों की भीड़ ने दोनों घटनाओं में पैंथर को घेर कर मार दिया था. सारथ बाबू ने बताया कि इन सब घटनाओं को देखते हुए विभाग ने जिले के सभी रेंज में एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत सभी रेंज अधिकारियों को उनके वन क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए बने वाटर होल में पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध करने जिन क्षेत्रों में पैंथर की मूवमेंट हैं. उसकी जानकारी प्रतिदिन देने के साथ ही उस क्षेत्र के ग्रामीणों को वन्यजीवों के प्रति सावधान और सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया है.

डूंगरपुर. जिले में वन्यजीवों की सुरक्षा में वन विभाग पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है. पिछले डेढ़ साल में पांच पैंथरों की अकाल मृत्यु होने का मामला सामने आया है. इसमें से 2 पैंथरों को लोगों की भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया, वहीं 2 पैंथर मृत अवस्था में पाए गए और एक पैंथर रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी के चलते भूख और गर्मी से तड़प-तड़प कर मर गया.

डूंगरपुर में डेढ साल में 5 पैंथरों की मौत

हालांकि इन सब घटनाओं के बाद अब जिले के वन विभाग की नींद टूटी है और आए दिन सामने आ रही ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए विभाग ने पैंथर सहित अन्य वन्य जीवों के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है.

वन संरक्षक डॉ. एस सारथ बाबू ने बताया कि पिछले साल हुई वन्य जीव गणना में जिले में 26 पैंथर्स दिखाई दिए थे. लेकिन अलग-अलग घटनाओं में 5 पैंथरों की मौत हो जाने से यह संख्या घटकर 21 रह गई है. उन्होंने बताया कि पिछले साल 1 जून 2018 को बेणेश्वर और 2 जुलाई 2018 को देवला में मृत अवस्था में पैंथर मिले थे. वहीं 17 अप्रैल 2018 को केसरपुरा गांव की झाड़ियों में फंसकर कर एक पैंथर की भूख और गर्मी से मौत हो गई थी.

वहीं 5 अगस्त 2018 को उबली गांव और 3 अप्रैल 2019 को लीलवासा गांव के पास पैंथर द्वारा हमला करने पर आक्रोशित लोगों की भीड़ ने दोनों घटनाओं में पैंथर को घेर कर मार दिया था. सारथ बाबू ने बताया कि इन सब घटनाओं को देखते हुए विभाग ने जिले के सभी रेंज में एक अभियान शुरू किया है, जिसके तहत सभी रेंज अधिकारियों को उनके वन क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए बने वाटर होल में पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध करने जिन क्षेत्रों में पैंथर की मूवमेंट हैं. उसकी जानकारी प्रतिदिन देने के साथ ही उस क्षेत्र के ग्रामीणों को वन्यजीवों के प्रति सावधान और सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया है.

Intro:डूंगरपुर। जिले में वन्यजीवों की सुरक्षा में वन विभाग पूरी तरह से विफल साबित हो रहा है। पिछले डेढ़ साल में डूंगरपुर जिले में पांच पैंथर्स की अकाल मौत हो गई है। इसमें से दो पैंथर को लोगों की भीड़ ने मौत के घाट उतार दिया, तो वही 2 पैंथर मृत अवस्था में और एक पैंथर रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी के चलते भूख और गर्मी से तड़प-तड़प कर मर गया। हालांकि इन सब घटनाओं के बाद अब डूंगरपुर जिले के वन विभाग की नींद टूटी है ओर आए दिन सामने आ रही ऐसी घटनाओं से सबक लेते हुए वन विभाग ने पैंथर सहित अन्य वन्य जीवो के प्रति आमजन को जागरूक करने के लिए एक अभियान शुरू किया है।


Body:डूंगरपुर जिले के वन संरक्षक डॉ एस सारथ बाबू ने बताया कि पिछले वर्ष हुई वन्य जीव गणना में जिले में 26 पैंथर्स दिखाई दिए थे, लेकिन अलग-अलग घटनाओं में 5 पैंथर की मौत हो जाने से यह संख्या घटकर 21 रह गई है। डीएफओ डॉ एस सारथ बाबू ने बताया कि पिछले साल 1 जून 2018 को बेणेश्वर व 2 जुलाई 2018 को देवला में मृत अवस्था में पैंथर मिले थे। वहीं 17 अप्रैल 2018 को केसरपुरा गांव में झाड़ियों में फंसकर कर एक पैंथर की भूख व गर्मी से मौत हो गई थी। वहीं 5 अगस्त 2018 को उबली गांव व 3 अप्रैल 2019 को लीलवासा गांव के पास पैंथर द्वारा हमला करने पर आक्रोशित लोगों की भीड़ ने दोनों घटनाओं में पैंथर को घेर कर मार दिया था। उप वन संरक्षक डॉ एस सारथ बाबू ने बताया कि इन सब घटनाओं को देखते हुए विभाग ने जिले के सभी रेंज में एक अभियान शुरू किया है। जिसके तहत सभी रेंज अधिकारियों को उनके वन क्षेत्र में वन्यजीवों के लिए बने वाटर होल में पानी की पर्याप्त मात्रा उपलब्ध करने जिन क्षेत्रों में पैंथर की मूवमेंट हैं उसकी जानकारी प्रतिदिन देने के साथ ही उस क्षेत्र के ग्रामीणों को वन्यजीवों के प्रति सावधान व सुरक्षा के प्रति जागरूक करने के लिए निर्देशित किया गया है। बाईट- डॉ एस. सारथ बाबू, उपवन सरंक्षक डूंगरपुर।


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