डूंगरपुर. राजस्थान में सियासी घमासान मचा हुआ है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सचिन पायलट के बीच उठापटक जारी है. इसे लेकर डूंगरपूर से 2 विधायकों वाली भारतीय ट्राइबल पार्टी भी सक्रिय है. भारतीय ट्राइबल पार्टी लगातार सरकार और सचिन पायलट के बीच चल रही खींचतान पर नजर रखे हुए है. इस दौरान ईटीवी भारत ने बीटीपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष परेश भाई वसावा से राजस्थान में वर्तमान में चल रही उठापटक को लेकर बातचीत की.
ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए भारतीय ट्राइबल पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष परेश भाई वसावा ने कहा कि सरकार को अभी बीटीपी के दो विधायकों के समर्थन की जरूरत नहीं है. सरकार या मुख्यमंत्री के पास अभी पर्याप्त बहुमत है ओर सरकार स्थिर है. बीटीपी की ओर से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को समर्थन के सवाल पर वसावा ने कहा कि राजस्थान की 8 करोड़ जनता ने कांग्रेस को चुनकर भेजा है तो उसे गिराने का किसी भी तरह का प्रयास नहीं किया जाएगा.
'बीटीपी किसी भी चेहरे का समर्थन नहीं करेगी'
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के समर्थन की बात पर परेश भाई वसावा ने कहा कि बीटीपी किसी भी चेहरे को समर्थन नहीं करेगी. राज्यसभा चुनावों में भी बीटीपी ने मुद्दों के आधार पर कांग्रेस को समर्थन दिया था. इस बार भी ऐसे हालात में भारतीय ट्राइबल पार्टी मुद्दों पर ही समर्थन करेगी.
बीटीपी ने सरकार के सामने रखी 5 मांगें
मुद्दों की बात पर वसावा ने कहा कि भारतीय ट्राइबल पार्टी ने सरकार के सामने अपनी पांच प्रमुख मांगें रखी हैं. उनका कहना है कि सरकार और मुख्यमंत्री इस पर आश्वासन दें, इसके बाद ही बीटीपी के राष्ट्रीय और प्रदेशस्तरीय नेता बैठक में विचार विमर्श कर आगे का निर्णय लेंगे.
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भारतीय ट्राइबल पार्टी की ये हैं मांगेंः
- जनजाति उपयोजना क्षेत्र में महाराष्ट्र पैटर्न लागू करने
- जनजाति परामर्श दात्री समिति का अध्यक्ष मुख्यमंत्री नहीं होकर जनजाति मंत्री को ही बनाने
- जनजाति क्षेत्र में जनसंख्या के अनुपात में 100 प्रतिशत आरक्षण लागू करने
- जनजाति क्षेत्र के विकास को लेकर आने वाला बजट पूरा जनजातियों पर खर्च करने
- स्थानीय संसाधन के आधार पर बनी योजना का फायदा जनजाति क्षेत्र में दिया जाए.