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डूंगरपुर: विद्युत कार्मचारियों ने 50 लाख रुपए की बीमा योजना में शामिल करने की मांग - विद्युत कार्मचारियों की मांग

राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए कोरोना वॉरियर्स की तरह ही 50 लाख रुपए की बीमा करने की मांग की है.

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विद्युत कार्मचारियों ने 50 लाख रुपए की बीमा योजना में शामिल करने की मांग की
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Published : Apr 28, 2020, 3:25 PM IST

डूंगरपुर. राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए कोरोना वॉरियर्स की तरह ही 50 लाख रुपए की बीमा करने सहित कई मांगे रखी है. विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष खेमराज यादव ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में चिकित्सा और पुलिस विभाग के स्थाई और संविदा कर्मचारियों के लिए कोरोना संक्रमण की स्थिति में 50 लाख के बीमे की घोषणा की है.

विद्युत कार्मचारियों ने 50 लाख रुपए की बीमा योजना में शामिल करने की मांग की

उनके वेतन स्थगन आदेश से मुक्त रखा गया है, लेकिन बिजली जैसी अतिआवश्यक सेवाओं में होने के बावजूद भी कोरोना काल में मार्च के वेतन का कुछ हिस्सा स्थगित किया गया, जिससे डिस्कोम के कर्मचारियों, अभियंताओं और अधिकारियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा है. सरकार की ओर से 50 लाख के बीमा पॉलिसी में भी निगमों के किसी भी कर्मचारियों और अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है.

यह भी पढ़ें- देश में कोराना : 24 घंटे में 62 मरीजों की मौत, एक्टिव केस 21 हजार के पार

डिस्कोम के अधिकारी और कर्मचारी को भी पुलिस और चिकित्सा विभाग के समान ही ड्यूटी पर तैनात है. जनता को सुचारू रूप से बिजली पहुंचाने के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनको भी 50 लाख रुपए के बीमा पॉलिसी में शामिल किया जाए. संघ ने मुख्यमंत्री के नाम अपने डिस्कोम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपाकर अपनी मांगे रखी है.

डूंगरपुर. राजस्थान विद्युत तकनीकी कर्मचारी एसोसिएशन ने काली पट्टी बांधकर विरोध जताते हुए कोरोना वॉरियर्स की तरह ही 50 लाख रुपए की बीमा करने सहित कई मांगे रखी है. विद्युत तकनीकी कर्मचारी संघ के जिलाध्यक्ष खेमराज यादव ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में चिकित्सा और पुलिस विभाग के स्थाई और संविदा कर्मचारियों के लिए कोरोना संक्रमण की स्थिति में 50 लाख के बीमे की घोषणा की है.

विद्युत कार्मचारियों ने 50 लाख रुपए की बीमा योजना में शामिल करने की मांग की

उनके वेतन स्थगन आदेश से मुक्त रखा गया है, लेकिन बिजली जैसी अतिआवश्यक सेवाओं में होने के बावजूद भी कोरोना काल में मार्च के वेतन का कुछ हिस्सा स्थगित किया गया, जिससे डिस्कोम के कर्मचारियों, अभियंताओं और अधिकारियों के आत्मसम्मान को ठेस पहुंचा है. सरकार की ओर से 50 लाख के बीमा पॉलिसी में भी निगमों के किसी भी कर्मचारियों और अधिकारियों को शामिल नहीं किया गया है.

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डिस्कोम के अधिकारी और कर्मचारी को भी पुलिस और चिकित्सा विभाग के समान ही ड्यूटी पर तैनात है. जनता को सुचारू रूप से बिजली पहुंचाने के लिए अपनी सेवाएं दे रहे हैं. इनको भी 50 लाख रुपए के बीमा पॉलिसी में शामिल किया जाए. संघ ने मुख्यमंत्री के नाम अपने डिस्कोम अधिकारियों को ज्ञापन सौंपाकर अपनी मांगे रखी है.

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