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बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने को नई पहल, डूंगरपुर में 60 प्रतिशत से कम परिणाम वाले स्कूलों में विशेष कक्षाएं - डूंगरपुर शिक्षा विभाग

आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम को सुधारने की शिक्षा विभाग ने नई कवायद शुरू कर दी है. इसके तहत जिन स्कूलों में 60 प्रतिशत से कम परिणाम रहा है, उन्हें चिन्हित कर विशेष कक्षाओं और विशेष मार्गदर्शन से बच्चों को दक्ष बनाया जाएगा. इसके लिए स्कूल में एक प्रभारी भी बनाया जाएगा. बता दें कि जिले में कुल 255 स्कूल है. इनमें से 80 स्कूल ऐसे है, जिनका पिछले साल 60 प्रतिशत से कम परिणाम रहा था.

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Published : Oct 11, 2019, 12:31 PM IST

डूंगरपुर. जिले में बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम को सुधारने की शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. पिछले सत्र में कम परिणाम रहने से सबक लेते हुए विभाग ने 60 फीसदी से कम परिणाम वाले स्कूलों को चिन्हित करते हुए विषय विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की है, जो कैप्सूल सिलेबस के जरिए लक्ष्य को पूरा करते हुए इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम सुधारेंगे.

डूंगरपुर में बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने को नई पहल

बता दें कि जिले में कुल 255 स्कूल में बोर्ड कक्षाए संचालित है. इसमें से 80 स्कूल ऐसे है, जिनका कक्षा 10 और 12 का परिणाम पिछले सत्र में 60 फीसदी से कम रहा था. इनमें सागवाड़ा और डूंगरपुर के शहरी स्कूलों सहित झोथरी और गुजरात सीमा से लगी चिखली पंचायत समिति क्षेत्र की कुछ स्कूल शामिल है. वहीं यहां पर स्टाफ भी भरपूर है. वहीं विभाग का मानना है कि इनमें परिणाम कम होने की वजह सरकारी आयोजन शहरी क्षेत्र में ज्यादा होना है. साथ ही जिन स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी चलते परिणाम गिर रहा है, इससे निपटने के लिए शिक्षा विभाग एक ब्लू प्रिंट तैयार कर रहा है.

यह भी पढ़ें- खबर का असर : शुरू हुआ फरियादियों के लिए कांग्रेस का 'जनता दरबार', मंत्री ने स्वीकारी ये 'भूल'

इसके बारे में डूंगरपुर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रकाश शर्मा ने बताया कि 60 फीसदी से कम परिणाम रहने वाले 80 स्कूलों के लिए एक-एक प्रभारी बनाया गया है. इन प्रभारियों को ये स्कूलों एक तरह से गोद दिया जा रहा है. ताकि ये प्रभारी बोर्ड परीक्षा में उन टॉपिक्स का चयन करेंगे, जिनमें से ज्यादा सवाल पूछे जाते है. उन्हें केंद्र में रखकर अधिकतम सवालों का प्रश्न बैंक बनाया जाएगा और उन्हें सुलझाने की ट्रिक भी सिखाई जाएगी. शर्मा ने बताया कि बच्चों को जनवरी माह तक हर हाल में रेमेडियल कक्षाओं और विशेष मार्गदर्शन के जरिए इस लायक तैयार कर लिया जाएगा, जिससे वे परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकें.

डूंगरपुर. जिले में बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम को सुधारने की शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. पिछले सत्र में कम परिणाम रहने से सबक लेते हुए विभाग ने 60 फीसदी से कम परिणाम वाले स्कूलों को चिन्हित करते हुए विषय विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की है, जो कैप्सूल सिलेबस के जरिए लक्ष्य को पूरा करते हुए इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम सुधारेंगे.

डूंगरपुर में बोर्ड परीक्षा परिणाम सुधारने को नई पहल

बता दें कि जिले में कुल 255 स्कूल में बोर्ड कक्षाए संचालित है. इसमें से 80 स्कूल ऐसे है, जिनका कक्षा 10 और 12 का परिणाम पिछले सत्र में 60 फीसदी से कम रहा था. इनमें सागवाड़ा और डूंगरपुर के शहरी स्कूलों सहित झोथरी और गुजरात सीमा से लगी चिखली पंचायत समिति क्षेत्र की कुछ स्कूल शामिल है. वहीं यहां पर स्टाफ भी भरपूर है. वहीं विभाग का मानना है कि इनमें परिणाम कम होने की वजह सरकारी आयोजन शहरी क्षेत्र में ज्यादा होना है. साथ ही जिन स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी चलते परिणाम गिर रहा है, इससे निपटने के लिए शिक्षा विभाग एक ब्लू प्रिंट तैयार कर रहा है.

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इसके बारे में डूंगरपुर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रकाश शर्मा ने बताया कि 60 फीसदी से कम परिणाम रहने वाले 80 स्कूलों के लिए एक-एक प्रभारी बनाया गया है. इन प्रभारियों को ये स्कूलों एक तरह से गोद दिया जा रहा है. ताकि ये प्रभारी बोर्ड परीक्षा में उन टॉपिक्स का चयन करेंगे, जिनमें से ज्यादा सवाल पूछे जाते है. उन्हें केंद्र में रखकर अधिकतम सवालों का प्रश्न बैंक बनाया जाएगा और उन्हें सुलझाने की ट्रिक भी सिखाई जाएगी. शर्मा ने बताया कि बच्चों को जनवरी माह तक हर हाल में रेमेडियल कक्षाओं और विशेष मार्गदर्शन के जरिए इस लायक तैयार कर लिया जाएगा, जिससे वे परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकें.

Intro:डूंगरपुर। आदिवासी बहुल डूंगरपुर जिले में बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम को सुधारने की शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है |  पिछले सत्र में कम परिणाम रहने से सबक लेते हुए विभाग ने 60 फीसदी से कम परिणाम वाले स्कूलों को चिन्हित करते हुए विषय विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की है जो कैप्सूल सिलेबस के जरिये लक्ष्य को पूरा करते हुए इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम सुधारेंगे।Body:डूंगरपुर जिले में कुल 255 स्कूल में बोर्ड कक्षाए संचालित है। इसमें से  80 स्कूल ऐसे है जिनका कक्षा 10 और 12 का परिणाम पिछले सत्र में 60 फीसदी से कम रहा था  और इनमें सागवाड़ा और डूंगरपुर के शहरी स्कूलों सहित झोथरी और गुजरात सीमा से लगी चिखली पंचायत समिति क्षेत्र  की कुछ स्कूल शामिल है, जबकि स्टाफ भी भरपूर है। लेकिन विभाग का मानना है की इनमें परिणाम कम होने की वजह सरकारी आयोजन शहरी क्षेत्र में ज्यादा होना है। वही जिन स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी चलते परिणाम गिर रहा है इससे निपटने के लिए शिक्षा विभाग एक ब्लू प्रिंट तैयार कर रहा है। 
डूंगरपुर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी माध्यमिक प्रकाश शर्मा ने बताया की 60 फीसदी से कम परिणाम रहने वाले 80 स्कूलों के लिए एक-एक प्रभारी बनाया गया है | इन प्रभारियो को इन स्कूलों को एक तरह से गोद दिया जा रहा है ताकि ये प्रभारी बोर्ड परीक्षा में उन टॉपिक्स का चयन करेंगे  जिनमे से ज्यादा सवाल पूछे जाते है और उन्हें केंद्र में रखकर अधिकतम सवालो का क्वेश्चन बैंक बनाया जायेगा और उन्हें सुल्जाने की ट्रिक भी सिखाई जायेगी। शर्मा का कहना है की बच्चों को जनवरी माह तक हर हाल में रेमेडियल कक्षाओं और विशेष मार्गदर्शन के जरिये इस लायक तैयार कर लिया जायेगा जिससे परीक्षा में सफल हो सके।

बाईट- प्रकाश शर्मा, अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी डूंगरपुरConclusion:
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