डूंगरपुर. जिले में बोर्ड कक्षाओं के परीक्षा परिणाम को सुधारने की शिक्षा विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. पिछले सत्र में कम परिणाम रहने से सबक लेते हुए विभाग ने 60 फीसदी से कम परिणाम वाले स्कूलों को चिन्हित करते हुए विषय विशेषज्ञों की एक टीम तैयार की है, जो कैप्सूल सिलेबस के जरिए लक्ष्य को पूरा करते हुए इन स्कूलों का परीक्षा परिणाम सुधारेंगे.
बता दें कि जिले में कुल 255 स्कूल में बोर्ड कक्षाए संचालित है. इसमें से 80 स्कूल ऐसे है, जिनका कक्षा 10 और 12 का परिणाम पिछले सत्र में 60 फीसदी से कम रहा था. इनमें सागवाड़ा और डूंगरपुर के शहरी स्कूलों सहित झोथरी और गुजरात सीमा से लगी चिखली पंचायत समिति क्षेत्र की कुछ स्कूल शामिल है. वहीं यहां पर स्टाफ भी भरपूर है. वहीं विभाग का मानना है कि इनमें परिणाम कम होने की वजह सरकारी आयोजन शहरी क्षेत्र में ज्यादा होना है. साथ ही जिन स्कूलों में विषय विशेषज्ञों की कमी चलते परिणाम गिर रहा है, इससे निपटने के लिए शिक्षा विभाग एक ब्लू प्रिंट तैयार कर रहा है.
यह भी पढ़ें- खबर का असर : शुरू हुआ फरियादियों के लिए कांग्रेस का 'जनता दरबार', मंत्री ने स्वीकारी ये 'भूल'
इसके बारे में डूंगरपुर शिक्षा विभाग के अतिरिक्त जिला शिक्षा अधिकारी प्रकाश शर्मा ने बताया कि 60 फीसदी से कम परिणाम रहने वाले 80 स्कूलों के लिए एक-एक प्रभारी बनाया गया है. इन प्रभारियों को ये स्कूलों एक तरह से गोद दिया जा रहा है. ताकि ये प्रभारी बोर्ड परीक्षा में उन टॉपिक्स का चयन करेंगे, जिनमें से ज्यादा सवाल पूछे जाते है. उन्हें केंद्र में रखकर अधिकतम सवालों का प्रश्न बैंक बनाया जाएगा और उन्हें सुलझाने की ट्रिक भी सिखाई जाएगी. शर्मा ने बताया कि बच्चों को जनवरी माह तक हर हाल में रेमेडियल कक्षाओं और विशेष मार्गदर्शन के जरिए इस लायक तैयार कर लिया जाएगा, जिससे वे परीक्षा में अच्छे अंक हासिल कर सकें.