डूंगरपुर. जिले में चिकित्सा सुविधा के लिए एक जिला अस्पताल सहित 15 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और 57 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र संचालित है. इन सरकारी अस्पतालों में मरीजों को इलाज के साथ ही गर्भवती महिलाओं को संस्थागत प्रसव की सुविधाएं भी मुहैया करवानी है, लेकिन 20 सरकारी अस्पताल ऐसे है जहां डिलेवरी की सुविधा नहीं है और ऐसे में गर्भवती महिलाओं को इधर उधर भटकना पड़ रहा है.
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जिले में अप्रैल 2019 से लेकर जनवरी 2020 के आंकड़ों पर नजर दौड़ाएं तो 20 सरकारी अस्पतालों में डिलेवरी का आंकड़ा जीरों है. यहां सालभर में कोई डिलेवरी नहीं हुई. ऐसे में गर्भवती महिलाएं उन अस्पतालों में पंहुची तो उन्हें रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में लोगों को दौड़ लगानी पड़ती है. बता दें कि सुविधाएं नहीं मिलने से लोगों को परेशानी भी झेलनी पड़ती है. ऐसे में लोगों को सरकार की सुविधाओं का फायदा नहीं मिल रहा है.
इन अस्पतालों में रहा डिलेवरी का जीरो रिकॉर्ड
- आसपुर ब्लॉक: मुंगेड और सकानी पीएचसी
- बिछीवाड़ा ब्लॉक: बौखला, चारवाड़ा, चुंडावाड़ा, देवल खास, देवल पाल, गंधवापाल, गुमानपुरा पीएचसी
- डूंगरपुर ब्लॉक: झोथरी, पाल मांडव, रघुनाथपुरा, सिदड़ी, सुराता, वस्सी पीएचसी
- सागवाड़ा ब्लॉक: सरोदा सीएचसी, भासोर, घाटा का गांव, खड़गदा, न्यू कॉलोनी, ठाकरडा पीएचसी
- सीमलवाड़ा ब्लॉक: डूंगर और झोसावा पीएचसी में जीरों डिलेवरी हुई है.
भवन और व्यवस्थाओं की कमी, जल्द सुधारेंगे : CMHO
सरकारी अस्पतालों में डिलेवरी की सुविधा नहीं मिलने को लेकर सीएमएचओ डॉ महेंद्र परमार से बातचीत की तो उन्होंने बताया कि जिले में स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टरों के कई पद खाली पड़े हैं. जिला अस्पताल और सागवाड़ा को छोड़ दें तो 70 में से केवल 1 अस्पताल में ही स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉक्टर हैं और वह भी पिछले दिनों से प्रसूति अवकाश पर हैं.
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इसके अलावा जिले के किसी भी सरकारी अस्पताल में स्त्री रोग के डॉक्टर नहीं हैं. वहीं कई अस्पताल में भवन की कमी तो कहीं उपकरणों की समस्या के कारण डिलेवरी की सुविधा नहीं मिल रही है. सीएमएचओ ने बताया कि जल्द ही जिले के सभी अस्पतालों में डिलेवरी की सुविधा मिलेगी, जिससे महिलाओं को राहत मिले.