डूंगरपुर. राज्य सरकार की ओर से पंचायत पुनर्गठन को लेकर सूचियां जारी करने के बाद जिलेभर में कहीं विरोध तो कहीं नई पंचायत बनाने की मांग उठ रही है. इसी बीच भाजपा और कांग्रेस दोनों एक-दूसरे पर पंचायत पुनर्गठन को लेकर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे है.
भाजपा नेता, पंचायत पुनर्गठन को लेकर कांग्रेस पर राजनीतिकरण का आरोप लगा रहे हैं, तो वहीं कांग्रेस इस मामले में भाजपा पर जवाबी हमला कर रही है. कांग्रेस का कहना है कि भाजपा ने अपने कार्यकाल में पंचायत गठन में जो गड़बड़ियां की थी, उसे सुधार रहे हैं. लेकिन, पंचायत पुनर्गठन को लेकर दोनों पार्टियों में जुबानी जंग शुरू हो गई है. ईटीवी भारत ने इस मामले को लेकर भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों के नेताओ से बातचीत की, तो उन्होंने एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाए. वहीं, भाजपा ने तो इस मामले पर जिला मुख्यालय पर धरना प्रदर्शन करने की चेतावनी भी दे डाली.
वहीं, पूर्व राज्यमंत्री सुशील कटारा ने कहा कांग्रेस सरकार पंचायत पुनर्गठन में पूरी तरह से राजनीतिकरण कर रही है. वह अपने राजनीतिक फायदे के लिए पंचायतों को ऐसे बांट रहे हैं, जिससे कांग्रेस को फायदा मिले. लेकिन, इससे आम जनता परेशान है. कई पंचायतों को 10 से 15 किलोमीटर दूर कर दिया है, जिससे जनता अपनी शिकायत लेकर आ रही है. लेकिन, उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
उधर, कांग्रेस के पूर्व सांसद ताराचन्द भगोरा ने कहा कि पंचायत पुनर्गठन कांग्रेस सरकार का एक ऐतिहासिक कदम है. इससे नई पंचायतें बनेंगी. स्कूल, अस्पताल खुलेंगे. वहीं, अन्य कई तरह की सुविधाएं भी विकसित होंगी. कांग्रेस ने आमजनता की सुविधा को देखते हुए उनसे चर्चा करने के बाद ही पंचायतों का पुनर्गठन कर रही है. भगोरा ने भाजपा के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि भाजपा ने जो गलतियां पहले की थी, उसे अब कांग्रेस सुधार रही है. उनके समय मे गांवों को पंचायत मुख्यालय से 10-10 किलोमीटर दूर कर दिया था, जिससे जनता परेशान हो रही थी. उन्होंने कहा कि अब भी जो लोग अपनी मांग लेकर आ रहे हैं, उनका भी समाधान करने के प्रयास किए जा रहे हैं.